Satish Kaul | बदनसीबी की ज़िंदगी और गुमनामी की मौत मरने वाले एक Actor की कहानी | Biography
Satish Kaul. किस्मत और बॉलीवुड की बेरुखी का शिकार एक ऐसा अभिनेता, जो एक दौर में बहुत बड़ा स्टार था। लेकिन बाद में बदकिस्मती ने इस अभिनेता की ज़िंदगी को ऐसा गिराया कि ये फिर कभी दोबारा संभल नहीं सका।
पंजाबी सिनेमा का एक दौर का सबसे बड़ा स्टार जिसकी तुलना अमिताभ बच्चन से की जाती थी। लेकिन आखिरी वक्त में पंजाब का ये बच्चन पाई पाई के लिए मोहताज हो गया।
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Actor Satish Kaul Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज सुनाएगा Actor Satish Kaul की कहानी। Punjabi Cinema के Superstar रहे Satish Kaul कैसे इतनी गुरबत और इतनी मुसीबतों में आए? चलिए आज इनकी पूरी कहानी आपको बताते हैं।
शुरुआती जीवन
सतीश कौल का जन्म हुआ था 08 सितंबर 1948 को श्रीनगर के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में। इनके पिता का नाम था मोहन लाल जो लंबे वक्त तक दूरदर्शन के मुंबई स्टेशन के डायरेक्टर पद पर रहे थे।
इनकी माता का नाम था उषा रानी कौल और वो एक गृहणी थी। सतीश कौल की एक छोटी बहन भी है जिसका नाम सुषमा है और वो भी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी है।
सतीश कौल की पढ़ाई इनके होम टाउन श्रीनगर में हुई और बीए करने के बाद सतीश कौल एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे आ गए। डैनी और जया भादुरी जैसे कलाकार इनके बैचमेट थे।
पंजाबी सिनेमा के सुपरस्टार थे Satish Kaul
एफटीआई से एक्टिंग का कोर्स पूरा करने के बाद हिंदी सिनेमा में हाथ आज़माने के लिए सतीश कौल आ गए मुंबई। यहां इन्होंने कुछ फिल्मों में काम तो किया। लेकिन इन्हें वो सफलता नहीं मिल पा रही थी जिसका ख्वाब लेकर ये मुंबई आए थे।
ऐसे में सतीश कौल ने रुख किया पंजाबी सिनेमा का और इत्तेफाक से पंजाबी सिनेमा में इन्हें ज़बरदस्त सफलता मिली। ये पंजाबी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए। लोग इन्हें पंजाबी सिनेमा का अमिताभ बच्चन तक बताने लगे थे।
पंजाबी सिनेमा में काम करके इन्होंने ढेर सारा पैसा कमाया। शोहरत कमाई। और इज्ज़त भी कमाई। लेकिन मन में अब भी एक कसक बाकी थी, कि हिंदी सिनेमा में भी हीरो के तौर पर नाम कमाया जाए।
हिंदी फिल्मो में कभी नहीं मिली सफलता
सतीश कौल ने कई ऑफबीट हिंदी फिल्मों में बतौर हीरो काम किया था जैसे प्रेम पर्बत, नेक परवीन, मेरे सरताज और अंग से अंग लगा ले।
लेकिन इन फिल्मों से सतीश कौल को कोई सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद सतीश कौल बड़े बजट की फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर के रोल्स भी करने लगे।
सुपरहिट फिल्म कर्मा में ये दिलीप कुमार के बेटे बने थे। सतीश कौल को हिंदी सिनेमा में कामयाबी नहीं मिल रही थी और इस वजह से उनकी फ्रस्ट्रेशन बढ़ती जा रही थी।
इसी फ्रस्ट्रेशन में इन्होंने कई सारी बी और सी ग्रेड की फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया। और यही सतीश कौल की बड़ी भूल भी साबित हुई।
सतीश को बड़ी फिल्में मिलनी बंद हो गई। उधर पंजाबी सिनेमा में भी इनका रुतबा घटने लगा। सतीश कौल की ज़िंदगी में आने वाले मुसीबतों के पहाड़ की आहट दरअसल यहीं से शुरू हो गई थी।
इश्क, शादी और फिर तलाक
सतीश कौल ने निम्मी सिंह नाम की एक लड़की से शादी की थी। इनकी पत्नी बेहद खूबसूरत थी और डर्बन की रहने वाली थी। शादी हुए अभी एक साल ही हुआ था कि एक दिन निम्मी सिंह ने इन्हें बताया कि वो मां बनने वाली हैं।
सतीश कौल बेहद खुश हुए। लेकिन इनकी ये खुशी एक झटके में उस वक्त काफूर हो गई जब निम्मी सिंह ने इनके सामने एक बड़ी अजीब शर्त रख दी।
निम्मी सिंह ने इनसे कहा कि मैं तुम्हें अपने बेटे का मुंह तब दिखाउंगी जब तुम मेरे साथ डर्बन में मेरे पिता के घर रहने चलोगे और तुम्हें वहां घर जमाई की तरह रहना होगा।
सतीश ने इससे साफ इन्कार कर दिया और निम्मी इनसे तलाक लेकर डर्बन चली गई। जाने से पहले निम्मी ने इनके बच्चे को जन्म दे दिया था जो कि एक लड़का था।
हर दिन जकड़ती चली गई बदकिस्मती
पत्नी से हुए तलाक का ग़म अभी ताज़ा ही था कि एक दिन सतीश कौल को एक और बुरी खबर मिली। उनके पिता को कैंसर हो गया था। सतीश अपने पिता के इलाज में लग गए। पिता के इलाज पर उन्होंने पानी की तरह पैसा बहाया। लेकिन पिता नहीं बच सके।
सतीश कौल की मां ये ग़म बर्दाश्त नहीं कर पाई और बीमार रहने लगी। बाद में मालूम चला कि उन्हें भी कैंसर है। सतीश ने उनका भी काफी इलाज कराया। इस दफा भी ढेर सारा पैसा खर्च हुआ। लेकिन मां भी नहीं बच सकी।
एक्टिंग स्कूल भी शुरु किया था
इस सबके बाद सतीश ने देखा कि उनका कमाया हुआ ज़्यादातर पैसा माता-पिता के इलाज में खर्च हो चुका है और अब उनके पास कमाई का भी कोई साधन नहीं है। तब सतीश कौल ने लुधियाना शहर में अपने नाम से एक एक्टिंग स्कूल शुरू किया।
शुरूआत में इनका ये एक्टिंग स्कूल काफी बढ़िया चला। इनके पास ढेरों स्टूडेंट्स आ रहे थे। पैसा भी आने लगा। सतीश खुश रहने लगे। लेकिन वक्त के साथ उनका ये एक्टिंग स्कूल धीमा पड़ने लगा और स्टूडेंट्स आने कम होने लगे।
आखिरकार बीस लाख रुपए के नुकसान के साथ इन्हें वो एक्टिंग स्कूल बंद करना पड़ा। सतीश की हालत और भी खराब हो गई। मजबूरी में उन्हें अपनी एक फैन के घर पर रहना पड़ा।
और फिर हुआ सतीश कौल के साथ वो हादसा
सतीश कौल पर मुसीबतें आने का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ था। अभी तो उनके जीवन की सबसे बड़ी मुसीबत उन पर टूटनी थी। दरअसल, एक दिन सतीश कौल नहा रहे थे।
अचानक उनका पैर फिसल गया और वो बाथरूम में बड़ी ज़ोर से गिरे। सतीश कौल इतनी ज़ोर से गिरे थे कि उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। सतीश को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
पूरे तीन साल तक सतीश अस्पताल में रहे। इस दौरान उनका बचा-खुचा पैसा भी खत्म हो गया और वो पाई-पाई के लिए मोहताज़ हो गए।
मांगने पर भी नहीं मिली मदद
सतीश ने फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों से मदद मांगी। लेकिन कमाल देखिए। उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। सिवाय जैकी श्रॉफ और प्रीति सप्रु के। तंगहाली से जूझते-जूझते ही सतीश कौल इस दुनिया से विदा हो गए।
अपने बेटे ऋषभ को एक बार देखने की ख्वाहिश उनके साथ ही चली गई। लेकिन सतीश कौल की इस कहानी ने उन लोगों को बहुत झटका दिया जो उनके फैन थे।
मेरठ मंथन सतीश कौल की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। और साथ ही ये उम्मीद भी करता है कि जैसा सतीश कौल के साथ हुआ, वैसा अब किसी और बॉलीवुड कलाकार के साथ कभी ना हो।
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