Aruna Irani | Lesser Known Facts | अरुणा ईरानी की अनसुनी कहानियां

Aruna Irani का ज़िक्र जब सिने प्रेमियों के सामने आता है तो अक्सर ज़ेहन पर उनकी एक तस्वीर उभर आती है जिसमें वो हिरोइन भी रही होती हैं और वैंप भी। 

साइड एक्ट्रेस भी होती हैं और मां के किरदार निभाने वाली ज़बरदस्त अदाकारा भी। अरुणा जी का करियर बतौर बाल कलाकार शुरू हुआ था। 

लेकिन वक्त के साथ उन्होंने फिल्मों में तरह-तरह के किरदारों को जिया। और आज भी अरुणा ईरानी एक्टिंग की दुनिया में पूरी तरह से एक्टिव हैं।

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Aruna Irani | Lesser Known Facts - Photo: Social Media

Aruna Irani की कहानी Meerut Manthan पहले भी कह चुका है। लेकिन उस वक्त कुछ बातें हम उनके चाहने वालों को नहीं बता पाए थे। मगर आज हम Aruna Irani के जीवन की कुछ अनसुनी और दिलचस्प बातें उनके फैंस को बताएंगे। 

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पहली कहानी

अरुणा जी ने पहली दफा दिलीप कुमार की फिल्म गंगा जमना में बाल कलाकार की हैसियत से काम किया था। कहना चाहिए कि अरुणा जी को फिल्म इंडस्ट्री का एंट्री टिकट दिलीप साहब ने ही दिया था।

दरअसल, गंगा जमना में कमला के बचपन के रोल के लिए इनकी बिल्डिंग के सभी बच्चों को दिलीप साहब ने स्टूडियो में बुलवाया था। 

छोटी अरुणा भी उन बच्चों के साथ स्टूडियो चली गई। हालांकि वो फिल्म में काम करने के इरादे से नहीं, बल्कि कोल्ड ड्रिंक्स और वेफर्स के लिए स्टूडियो में गई थी। 

स्टूडियो के एक कोने में अरुणा कोल्ड ड्रिंक के साथ वेफर्स खा रही थी कि अचानक दिलीप साहब की नज़र इन पर पड़ी। 

उन्होंने अरुणा जी को अपने पास बुलाया और इनसे पूछा कि क्या तुम डायलॉग बोल सकती हो? अरुणा जी ने कहा हां, बोल सकती हूं। दिलीप साहब ने अरुणा जी से कुछ डायलॉग बुलावकर देखे। 

और जब अरुणा जी ने कुशलता के साथ वो डायलॉग्स बोल दिए तो दिलीप साहब ने इन्हें अपनी फिल्म गंगा जमना में कमला के बचपन के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया।

दूसरी कहानी

अरुणा जी के पिता फरीदून ईरानी एक पारसी और इनकी मां सगुना एक हिंदू थी। आठ भाई बहनों में अरुणा जी सबसे बड़ी थी। अरुणा जी ने बहुत ज़्यादा स्कूली पढ़ाई नहीं की है। 

और वो इसलिए क्योंकि एक तो इनके पिता बहुत ज़्यादा सक्षम नहीं थे। दूसरे इनके पिता का ये भी मानना था कि चूंकि लड़की को तो आखिरकार ससुराल जाकर घर ही संभालना होता है तो उन्हें ज़्यादा पढ़ने की कोई ज़रूरत नहीं है। 

हालांकि ग़रीबी के चलते इनके बाकी भाई-बहनों ने भी बहुत खास पढ़ाई नहीं की है। लेकिन अरुणा ईरानी के अलावा इनके भाई इंद्र कुमार, आदी ईरानी और फिरोज़ ईरानी भी आज फिल्म जगत का बड़ा नाम हैं।

तीसरी कहानी

अरुणा जी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कुछ बड़ी और सुपरहिट फिल्मों में काम किया था। लेकिन जब ये टीनएज में पहुंची तो इन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गई। 

ये एक ऐसा वक्त होता है जो लगभग हर चाइल्ड आर्टिस्ट के करियर में आता है। यूं तो ज़्यादातर चाइल्ड आर्टिस्ट इस उम्र में काम ना मिलने की वजह से फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देते हैं।

लेकिन अरुणा जी के साथ एक प्लस पॉइन्ट ये था कि इनके पिता फरीदुन ईरानी की अपनी एक ड्रामा कंपनी थी। 

काम मिलना बंद होने पर अरुणा जी अपने पिता की ड्रामा कंपनी से जुड़ गई और स्टेज शोज़ करने लगी। 

और सही मायनों में स्टेज शोज़ पर ही उन्होंने असली एक्टिंग सीखी, जो उनके करियर में आगे चलकर बहुत काम आई।

चौथी कहानी

महमूद साहब के साथ अरुणा ईरानी जी की जोड़ी खूब जमती थी। महमूद से अरुणा जी की मुलाकात उस वक्त पर हुई थी जब उन्हें अपने साथ पेयर करने के लिए कोई परफेक्ट फेस नहीं मिल पा रहा था।

अरुणा जी से पहले मुमताज़ और शुभा खोटे के साथ महमूद साहब काम किया करते थे। लेकिन जब मुमताज़ बॉलीवुड का बड़ा नाम बन गई तो उन्होंने कॉमिक रोल्स निभाने बंद कर दिए। 

वहीं महमूद साहब की जोड़ीदार शुभा खोटे भी शादी कर चुकी थी। महमूद साहब के साथ काम करने के लिए जब अरुणा जी को अप्रोच किया गया तो वो काफी घबरा गई। 

महमूद जैसे बड़े कलाकार के सामने एक्टिंग करने में अरुणा जी को काफी नर्वसनैस हो रही थी। 

लेकिन महमूद साहब ने अरुणा जी से मिलकर उनकी नर्वसनैस दूर की। और फिर तो महमूद साहब और अरुणा जी की जोड़ी ने कई फिल्मों में धमाल मचाया।

पांचवी कहानी

अरुणा ईरानी की पर्सनैलिटी में हर वो चीज़ थी जो किसी बॉलीवुड हिरोइन में होनी चाहिए। उन्होंने चंद फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के तौर पर काम भी किया था। 

लेकिन फिर भी एक दफा उनके करियर पर एक बड़ा तगड़ा ब्रेक लग गया था। और वो इस वजह से क्योंकि किसी ने ये अफवाह उड़ा दी थी कि अरुणा ईरानी ने महमूद साहब से शादी कर ली है। 

ये बात एकदम झूठ थी। अरुणा ईरानी ने कभी महमूद साहब से शादी नहीं की थी। लेकिन इस झूठी खबर ने अरुणा के करियर को लगभग खत्म ही कर दिया था। 

अरुणा के पास फिल्मों के ऑफर्स आने बंद हो गए। देखते-देखते तीन साल गुज़र गए। अरुणा को लगा कि शायद अब उनका करियर खत्म हो गया है। 

लेकिन तभी दादा कोंडके अरुणा जी के पास अपनी एक मराठी फिल्म में एक गाने में काम करने का ऑफर लेकर गए। उस ऑफर को अरुणा जी ने तुरंत स्वीकार कर लिया। 

और इसका फायदा अरुणा जी को ये हुआ कि फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को पता चल गया कि अरुणा ने शादी नहीं की है और वो अब भी काम करने को तैयार हैं। 

कुछ ही दिनों बाद अरुणा जी के पास राज कपूर का फोन आया और उन्होंने अरुणा को अपने बेटे ऋषि कपूर की फिल्म बॉबी में एक बढ़िया रोल के लिए साइन कर लिया। 

और इस तरह लगभग पूरी तरह से खत्म हो चुका अरुणा जी का फिल्मी करियर फिर से शुरू हो गया। हालांकि इस वक्त तक अरुणा जी को ये अहसास हो चुका था कि अब वो हिरोइन नहीं, कैरेक्टर आर्टिस्ट के तौर पर ही काम कर सकती हैं। 

अरुणा जी ने इस सच्चाई को स्वीकार भी किया और एक से बढ़कर एक कैरेक्टर्स बॉलीवुड फिल्मों में निभाए।

छठी कहानी

महमूद साहब और अरुणा ईरानी जी के अफेयर के चर्चे एक ज़माने में काफी हुआ करते थे। और ये चर्चे यूं ही नहीं थे। इनमें काफी हद तक सच्चाई भी थी। 

खुद अरुणा ईरानी ने एक इंटरव्यू में इस बात को स्वीकारा था कि उनका और महमूद साहब का रिश्ता सिर्फ दोस्ती तक ही सीमित नहीं था। 

पर चूंकि महमूद साहब पहले से शादीशुदा थे तो अरुणा ने उनके साथ शादी करने की कोशिश नहीं की। अरुणा जी के करियर को चमकाने में महमूद साहब ने उनकी बहुत मदद की थी। 

ये महमूद साहब ही थे जिन्होंने बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अरुणा ईरानी को अमिताभ बच्चन के अपोज़िट कास्ट कराया था।

लेकिन बकौल अरुणा ईरानी, महमूद साहब की वजह से ही उनका करियर एक वक्त पर लगभग तबाह हो गया था। 

दरअसल, बॉम्बे टू गोवा फिल्म की रिलीज़ के बाद जब इंडस्ट्री में ये अफवाह फैली की अरुणा ईरानी ने महमूद साहब ने शादी कर ली है तो प्रोड्यूसर्स ने अरुणा ईरानी को फिल्मों के ऑफर्स देने बंद कर दिए। 

ये सोचकर कि जब अरुणा ईरानी ने महमूद से शादी कर ही ली है तो अब भला वो कहां फिल्मों में काम करेंगी। 

उस ज़माने में अरुणा ईरानी की पहुंच मीडिया तक नहीं थी इसलिए वो अपना पक्ष दुनिया के सामने नहीं रख पाई। 

लेकिन महमूद साहब से जब अरुणा ईरानी संग शादी के बारे में सवाल पूछा जाता था तो वो ना तो हां कहते थे और ना ही ना कहते थे। 

वो एक चुप्पी साध लेते थे। महमूद साहब की इसी चुप्पी की वजह से ही लोगों ने इस अफवाह को सही मान लिया था। जिसका अल्टीमेटली अरुणा ईरानी को बहुत नुकसान हुआ। 

तीन सालों तक उनके पास एक भी फिल्म का ऑफर नहीं गया। और दोबारा शुरुआत करने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।

सातवीं कहानी

अरुणा ईरानी के करियर की टॉप फिल्मों में शुमार होती है बेटा। लेकिन ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि बेटा फिल्म के डायरेक्टर इंद्र कुमार इनके सगे भाई हैं और इसके बावजूद भी अरुणा ईरानी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहती थी। 

और वो इसलिए क्योंकि पहले इंद्र कुमार इन्हें अनुपम खेर की पत्नी वाले रोल में लेना चाहते थे। और अनिल कपूर की मां के रोल के लिए इंद्र कुमार शर्मीला टैगोर, वहीदा रहमान, माला सिन्हा और शबाना आज़मी में से किसी एक को लेना चाहते थे। 

लेकिन चूंकि वो रोल निगेटिव था तो उन सभी ने वो रोल निभाने से मना कर दिया। अरुणा ईरानी को अपने भाई इंद्र कुमार की ये बात बुरी लगी कि उन्होंने इन्हें उस रोल के लिए काबिल नहीं समझा। 

इसलिए जब हर तरफ से ना सुनकर इंद्र कुमार अनिल कपूर की मां के रोल का ऑफर लेकर अरुणा ईरानी के पास आए तो इन्होंने ये रोल करने से साफ मना कर दिया। 

फिर इंद्र कुमार ने अरुणा जी को बताया कि शबाना आज़मी ने उनसे कहा है कि इस रोल के लिए अरुणा ईरानी से बढ़िया कोई और हो ही नहीं सकता। 

ये बात सुनकर अरुणा जी काफी इमोशनल हो गई और फाइनली उन्होंने अपने भाई इंद्र कुमार को बेटा फिल्म में अनिल कपूर का रोल निभाने की हामी भर दी। 

और फिर तो अरुणा जी ने इतिहास रच दिया। बेटा फिल्म में इन्होंने इतनी क्लासिक एक्टिंग की कि इन्हें फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया।

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