Prem Chopra | Most Handsome Bollywood Villain प्रेम चोपड़ा की कहानी | Biography
Prem Chopra. बॉलीवुड के सबसे हैंडसम विलेन। अपने डायलॉग्स के लिए रातों रात मशहूर हुए प्रेम चोपड़ा के बारे में कहा जाता है कि इन्हें सामने देखकर अक्सर लोग अपनी बीवियां छिपा लिया करते थे।
विलेन बनकर सिनेमाजगत में इन्होंने जो बुलंदियां हासिल की हैं वो हासिल करने का सपना जाने कितने लोग देखते हैं। प्रेम चोपड़ा जब रातों रात मशहूर हो गए तो कई सिने प्रेमी हैरान थे। और वो इसलिए कि हीरो जैसे चेहरे वाला ये नौजवान आखिर विलेन क्यों बन गया।
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Prem Chopra Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज आपको Bollywood Villain Prem Chopra की ज़िंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से बताएगा। हम जानेंगे कि कैसे Prem Chopra फिल्म इंडस्ट्री में आए और कैसे इतने बड़े विलेन बने।
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Prem Chopra का शुरुआती जीवन
प्रेम चोपड़ा का जन्म हुआ था 23 सितंबर 1935 को लाहौर में। इनके पिता का नाम रणबीर लाल चोपड़ा और माता का नाम रूपरानी चोपड़ा था। अपने माता-पिता के छह बच्चों में ये तीसरे नंबर पर थे। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ तो इनके पिता शिमला आकर बस गए।
प्रेम चोपड़ा की काफी ज़िंदगी शिमला में ही गुज़री। इनकी पढ़ाई-लिखाई वहीं पर हुई और एक्टिंग में इनकी दिलचस्पी भी शिमला में रहने के दौरान ही होने लगी थी। ये शिमला में थिएटर में काम करना शुरू कर चुके थे। हालांकि इनके पिता चाहते थे कि ये पढ़-लिखकर आईएएस अधिकारी या डॉक्टर बनें।
पिता को नहीं था पसंद
इनके पिता खुद भी हिमाचल सरकार में एक बड़े ओहदे पर थे। लेकिन एक्टिंग की गिरफ्त में आए प्रेम चोपड़ा ने पिता की एक ना सुनी। इन्होंने अपने पिता से साफ कह दिया कि वो सिर्फ थिएटर करेंगे और आगे चलकर मुंबई जाएंगे और फिल्मों में एक्टिंग करेंगे।
इनके पिता ने इनसे कहा कि ठीक है। अगर तुम यही करना चाहते हो तो यही करो। लेकिन चूंकि ये पेशा ऐसा नहीं है कि इस के भरोसे बेफिक्र हुआ जाए, इसलिए पहले तुम ग्रेजुएशन कर लो और कोई नौकरी पकड़ लो। फिर पूरी तैयारी के साथ मुंबई जाओ।
पिता की बात मानते हुए प्रेम चोपड़ा ने पहले ग्रेजुएशन कंप्लीट की। और फिर मुंबई आकर टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन डिपार्टमेंट में नौकरी करने लगे।
मुंबई में प्रेम चोपड़ा का संघर्ष
प्रेम चोपड़ा मुंबई तो आ गए। लेकिन यहां पर इनकी राह उतनी आसान बिल्कुल भी नहीं थी जितनी ये सोच रहे थे। अपनी फोटोज़ लेकर ये प्रोड्यूसर्स के दरवाज़ों पर ठोकरें खाने लगे। ये कई प्रोड्यूसर्स के पास गए। लेकिन किसी ने भी इनमें दिलचस्पी नहीं ली। एक दिन हाथों में अपनी कुछ फोटोग्राफ्स लिए ये लोकल ट्रेन से कहीं जा रहे थे।
उसी ट्रेन में एक आदमी भी था जिसने इनके हाथ में फोटोग्राफ्स देखी। उस आदमी ने इनसे पूछा कि क्या एक्टिंग करने आए हो। इन्होंने जब हां कहा तो उस आदमी ने बताया कि एक पंजाबी फिल्म बन रही है और उस फिल्म के लिए हीरो की तलाश हो रही है। तुम चाहो तो मैं तुम्हें उस पंजाबी फिल्म के प्रोड्यूसर से मिलवा दूंगा।
इन्होंने सोचा कि चलो, अगर हिंदी फिल्म में काम नहीं तो फिलहाल पंजाबी फिल्म में ही काम कर लिया जाए। ये उस आदमी के साथ चले गए और इत्तेफाक से ये उस फिल्म के हीरो के रोल के लिए सिलेक्ट हो गए। वो फिल्म बनी और रिलीज़ हुई, लेकिन कोई खास कमाल नहीं कर सकी। उसके बाद ये कुछ और फिल्मों में हीरो के तौर पर नज़र आए जिनमें कुछ हिंदी फिल्में भी थी।
शादी के वो झूठे बहाने
इनमें से एक फिल्म थी मैं शादी करने चला। हालांकि अभी भी इन्हें कोई पहचान नहीं मिली थी। इस पूरे समय के दौरान एक अच्छी बात ये रही कि प्रेम चोपड़ा ने नौकरी नहीं छोड़ी थी। ये कोई ना कोई बहाना बनाकर फिल्म की शूटिंग के लिए समय निकाल ही लेते थे।
इसी बीच 1965 में इन्हें मनोज कुमार की फिल्म शहीद मिली और उस फिल्म में इन्होंने सुखदेव का किरदार निभाया। इस किरदार के बाद इन्हें कुछ लोकप्रियता तो मिली थी। लेकिन इनकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि ये नौकरी छोड़ सकें।
फिल्मों की शूटिंग के लिए समय निकाल पाना इनके लिए बड़ा मुश्किल हो रहा था। ये अक्सर अपनी शादी का बहाना बनाकर नौकरी से 15 दिनों की छुट्टी ले लेते और फिर जब शूटिंग पूरी करके वापस आते तो ऑफिस में कहते कि इनकी वो शादी टूट गई क्योंकि लड़की सही नहीं थी। इनके पिता अब इनके लिए कोई दूसरी लड़की तलाश कर रहे हैं।
महबूब खान का जायज़ गुस्सा
साल 1967 में जब उपकार फिल्म रिलीज़ हुई तो फिर इनकी किस्मत पूरी तरह से बदल गई। इस फिल्म से ये इतने ज़्यादा मशहूर हुए कि इनके पास फिल्मों के ऑफर्स के ढेर लग गए और आखिरकार इन्होंने अपनी नौकरी को अलविदा कह दिया।
प्रेम चोपड़ा हिंदी फिल्मों के इतने बड़े विलेन कैसे बने इसका किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। दरअसल, उस दौर के बहुत बड़े डायरेक्टर रहे महबूब खान ने जब प्रेम चोपड़ा को देखा तो उन्होंने फैसला किया कि इस लड़के को एक मौका ज़रूर दिया जाएगा। महबूब खान ने ये भी सोच लिया था कि किस फिल्म में प्रेम चोपड़ा को बतौर हीरो लेना है।
लेकिन तभी महबूब खान की तबियत खराब हो गई और वो कुछ सालों के लिए बिस्तर पर चले गए। इसी दौरान 1964 में प्रेम चोपड़ा 'वो कौन थी' में एक छोटे से किरदार में नज़र आए जिसमें वो विलेन बने थे। महबूब खान ने जब इन्हें 'वो कौन थी' में देखा तो वो काफी नाराज़ हुए।
फिर उन्होंने प्रेम चोपड़ा से कहा कि अगर तुम थोड़ा इंतज़ार और करते तो मैं तुम्हें हीरो बना देता। लेकिन चूंकि तुमने उस रोल में इतनी शानदार एक्टिंग की है कि अब ये फिल्म इंडस्ट्री तुम्हें हीरो के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकती। इसलिए अब तुम विलेन ही बनो। हुआ भी कुछ ऐसा ही। अपनी ज़बरदस्त डायलॉग डिलीवरी से ये बड़े-बड़े हीरो को टक्कर देने लगे।
बॉबी फिल्म का वो मशहूर किस्सा
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ भी प्रेम चोपड़ा की जोड़ी खूब जमी। राजेश खन्ना और प्रेम चोपड़ा ने 19 फिल्मों में एक साथ काम किया। और इनमें से 15 फिल्में सुपरहिट रही थी। वहीं एक दिन मशहूर राज कपूर साहब इनके पास आए और उन्होंने इनसे कहा कि प्रेम, मैं बॉबी नाम से एक फिल्म बना रहा हूं। तुम इसमें एक डायलॉग बोल देना। ये एक छोटा सा रोल है।
इस पर प्रेम चोपड़ा ने कहा कि मैं फिल्मों में गेस्ट रोल नहीं करता हूं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब फिल्म इंडस्ट्री में मेरी काफी जान-पहचान है। और अगर आपकी फिल्म में मैंने गेस्ट अपीयरेंस किया तो फिर बाकी लोग भी मुझसे ऐसा करने के लिए कहेंगे और ये मेरे लिए मुश्किल पैदा करने वाला हो सकता है।
यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि राज कपूर की पत्नी कृष्णा और प्रेम चोपड़ा की पत्नी उमा सगी बहनें थी। यानि राज कपूर इनके साढ़ू भाई थे। बाद में जब उस दौर के एक और मशहूर एक्टर प्रेमनाथ ने इन्हें समझाया कि तुम ये रोल कर लो क्योंकि ये फिल्म अगर हिट हो गई तो तुम्हारा डायलॉग बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर होगा।
प्रेमनाथ की बात इन्होंने मान ली और बॉबी फिल्म का वो रोल कर लिया। फिल्म रिलीज़ हुई और ठीक वैसा ही हुआ जैसा प्रेम चोपड़ा से प्रेमनाथ ने कहा था। इनका डायलॉग, प्रेम नाम है मेरा। प्रेम चोपड़ा वाकई में हर किसी की ज़ुबान पर चढ़ गया।
दौर बदला तो Prem Chopra भी बदल गए
सिनेमा का दौर बदला और बदलते दौर के साथ प्रेम चोपड़ा ने भी अपनी विलेनगीरी में बदलाव किया। इन्होंने अपनी विलेनगीरी में कॉमेडी को मिक्स किया। और इसकी शुरूआत हुई फिल्म राजा बाबू से।
राजा बाबू में इनके किरदार को बेहद पसंद किया गया था। प्रेम चोपड़ा उन चंद मौजूदा फिल्म स्टार्स में से एक हैं जिन्होंने ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा से लेकर कलर सिनेमा और फिर रणबीर कपूर जैसे मौजूदा सुपरस्टार के साथ भी काम किया।
जब चालाकी से एक हीरोइन ने प्रेम चोपड़ा को थप्पड़ मार दिया था
प्रेम चोपड़ा की ज़िंदगी से जुड़ा एक रोचक किस्सा कुछ यूं है कि एक दफा एक एक्ट्रेस ने इन्हें सबके सामने थप्पड़ मार दिया था। दरअसल, प्रेम चोपड़ा पर्दे पर एक खतरनाक गुंडा ज़रूर दिखते थे, लेकिन असल ज़िंदगी में फिल्म की हीरोइनों से इनकी अच्छी दोस्ती हुआ करती थी।
एक दौर में बॉलीवुड की लगभग हर तीसरी फिल्म में रेप सीन ज़रूर होता था। और प्रेम चोपड़ा रेप सीन करने में बड़े माहिर थे। 70 के दशक में एक फिल्म की शूटिंग में इन्हें एक रेप सीन शूट करना था।
सीन के मुताबिक इन्हें हीरोइन को पीछे से जाकर अपनी बाहों में जकड़ना था। प्रेम चोपड़ा तो अपना काम सही से कर रहे थे। लेकिन वो हीरोइन ठीक से सीन शूट नहीं कर पा रही थी और उस सीन को करने में कई सारे टेक हो गए।
किसी तरह वो सीन जब ठीक ठाक तरीके से शूट हो गया तो हीरोइन ने डायरेक्टर से प्रेम चोपड़ा की शिकायत की और कहा कि प्रेम चोपड़ा ने उनको इतनी ज़ोर से पकड़ा कि उनके हाथ में चोट लग गई।
इसी चोट का बहाना बनाकर अगले दिन वो हीरोइन शूटिंग करने भी नहीं आई। फिर इसी फिल्म के एक सीन के शूट के दौरान अचानक डायरेक्टर ने प्रेम चोपड़ा से बताया कि अब हीरोइन को तुम्हें थप्पड़ मारना है।
प्रेम चोपड़ा हैरान थे क्योंकि उन्हें इस सीन के बारे में कुछ भी पहले नहीं बताया गया था। हालांकि प्रेम चोपड़ा वो सीन शूट करने के लिए तैयार हो गए और जब वो सीन शूट हो गया तो उस हीरोइन ने प्रेम चोपड़ा को बड़ी ज़ोर से थप्पड़ मारा। ये थप्पड़ इतना ज़ोर से प्रेम चोपड़ा के गाल पर लगा था कि फिल्म के सेट पर मौजूद हर कोई हैरान था।
प्रेम चोपड़ा ने जब डायरेक्टर से हीरोइन की शिकायत की तो डायरेक्टर ने उन्हें बताया कि ये सीन हीरोइन ने ज़बरदस्ती डलवाया है ताकि तुमसे उस रेप सीन का बदला ले सके।
डायरेक्टर ने आगे कहा कि मुझे ये सीन सही लगा इसलिए मैंने भी हामी भर दी। ये सुनकर प्रेम चोपड़ा बेहद हैरान हुए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि कोई हीरोइन उनके साथ ऐसा भी कर सकती है।
प्रेम चोपड़ा को मेरठ मंथन का सलाम
प्रेम चोपड़ा की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो इन्होंने राज कपूर की पत्नी कृष्णा की छोटी बहन उमा से शादी की। इनकी तीन बेटियां प्रेरणा चोपड़ा, पुनीता चोपड़ा और रकिता चोपड़ा हैं। मशहूर एक्टर विकास भल्ला और शरमन जोशी इनके दामाद हैं।
अपने दौर के मशहूर विलेन रहे प्रेमनाथ इनकी पत्नी उमा चोपड़ा के सगे भाई थे। इस लिहाज से वे प्रेम चोपड़ा साले हुए। वहीं राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर तथा उनकी बेटियों ऋतू नंदा और रीमा कपूर जैन के ये मौसा लगते हैं।
प्रेम चोपड़ा की उम्र 85 साल से अधिक हो चुकी है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में इनके योगदान के लिए इन्हें हमेशा सम्मान की नज़रों से देखा जाएगा। Meerut Manthan Prem Chopra की अच्छी सेहत की प्रार्थना ईश्वर से करता है और इस महान कलाकार को सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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