Lamhe vs Phool Aur Kaante 1991 | जब नए नवेले Ajay Devgan ने Anil Kapoor को बॉक्स ऑफिस पर धूल चटाई थी | Box Office Battle

Lamhe vs Phool Aur Kaante 1991. साल 1991 के नवंबर महीने में बॉक्स ऑफिस पर दो बड़ी फिल्में रिलीज़ हुई थी। और वो भी एक दिन आगे-पीछे। एक थी लम्हे। और दूसरी थी फूल और कांटे। लम्हे रिलीज़ हुई थी 21 नवंबर को। जबकी फूल और कांटे 22 नवंबर को रिलीज़ हुई थी। 

लम्हे के डायरेक्टर थे यश चोपड़ा। व फूल और कांटे को डायरेक्ट किया था कुक्कू कोहली ने। लम्हे फिल्म को बड़े स्केल पर शूट किया गया था। और चूंकि लम्हे यशराज बैनर्स की फिल्म थी तो इसका इंतज़ार बड़ी बेसब्री से किया जा रहा था। जबकी फूल और कांटे से लोगों को बहुत ज़्यादा उम्मीदें नहीं थी। 

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Lamhe vs Phool Aur Kaante 1991 - Box Office Battle - Photo: Social Media

Lamhe में Anil Kapoor & Sridevi जैसे उस वक्त के स्थापित नाम थे। इसलिए इस फिल्म को लेकर लोगों में काफी एक्सायटमेंट था। मगर Phool Aur Kaante में दो एकदम नए एक्टर्स थे। इसके डायरेक्टर भी पहली दफा कोई फिल्म डायरेक्ट कर रहे थे। 

इसलिए इस फिल्म से किसी को बहुत ज़्यादा उम्मीदें नहीं थी। लेकिन जब दोनों फिल्में रिलीज़ हुई तो हैरतअंगेज़ रूप से फूल और कांटे ने बड़े बैनर और बड़ी स्टारकास्ट वाली फिल्म लम्हे को बुरी तरह से धो दिया।

Meerut Manthan की Box Office Battle series में आज पेश है साल 1991 में रिलीज़ हुई Ajay Devgan की Phool Aur Kaante & Anil Kapoor की Lamhe फिल्म के बीच हुए महामुकाबले की कहानी। आज जानने की कोशिश करेंगे कि क्यों और कैसे, फूल और कांटे इतनी आसानी से लम्हे जैसी फिल्म पर भारी पड़ी। और ना केवल भारी पड़ी, बल्कि लम्हे को चारों खाने चित्त भी कर दिया।

दर्शकों से कनैक्ट ना हो सकी लम्हे

पहले बात करते हैं लम्हे की। ये फिल्म दो करोड़ रुपए के बजट में बनी थी। लम्हे एक टिपिकल यश चोपड़ा स्टाइल म्यूज़िकल ड्रामा फिल्म थी। और इस फिल्म की शूटिंग लंदन के अलावा यूके के कुछ दूसरे हिस्सों में भी की गई थी। 

वहीं फिल्म के काफी सीन्स राजस्थान में शूट किए गए थे। इस फिल्म में श्रीदेवी ने ड्यूल रोल निभाया था। फिल्म में लीड हीरो थे अनिल कपूर। और ये दोनों ही उस वक्त के बड़े स्टार थे। 

जबकी सपोर्टिंग रोल्स में अनुपम खेर, वहीदा रहमान, मनोहर सिंह, इला अरुण और विकास आनंद जैसे कलाकार नज़र आए थे। एक इंटरव्यू में यश चोपड़ा ने बताया था कि लम्हे फिल्म की कहानी का आईडिया उन्हें उस वक्त आया था जब वो सिलसिले फिल्म बना रहे थे। 

और फिल्म जब यश चोपड़ा की हो तो भला कौन सोच सकता है कि फिल्म में दम नहीं होगा।कहते हैं कि जब इस फिल्म का प्रीमियर हुआ था तो बड़े-बड़े फिल्म क्रिटिक्स ने इस फिल्म की भर-भर कर तारीफें की थी। 

और शायद इसिलिए जब लम्हे रिलीज़ हुई थी तो शुरुआत में बड़ी तादाद में दर्शकों ने सिनेमाघरों की तरफ रुख किया था। लम्हे के गीत तो काफी पसंद किए गए। लेकिन फिल्म के साथ दर्शक कनैक्ट नहीं हो पाए। 

फूल और कांटे इस वजह से हिट हो गई

दूसरी तरफ फूल और कांटे की कहानी, इसका एक्शन, इसका म्यूज़िक और इसकी कॉलेज लव स्टोरी लोगों को, खासतौर पर उस वक्त के कॉलेज गॉइन्ग यूथ को भा गई। 

हालांकि तीन करोड़ रुपए के बजट में बनी फूल और कांटे के बारे में कहा गया था कि ये फिल्म यश चोपड़ा की लम्हे के सामने कहीं भी नहीं टिक सकेगी।

और ये बातें इसलिए कही जा रही थी क्योंकि फूल और कांटे के दोनों लीड एक्टर, अजय देवगन और मधू एकदम नए थे। अजय के बारे में तो कुछ लोगों ने ये तक कहा था कि ये लड़का देखने में हीरो जैसा तो कतई नहीं लगता। 

और चूंकी इस फिल्म के डायरेक्टर कुक्कू कोहली भी पहली दफा डायरेक्शन कर रहे थे तो कोई ये सोच भी नहीं सकता था कि एक नया-नवेला डायरेक्टर यश चोपड़ा जैसे प्रोफेशनल और मास्टर डायरेक्टर को चुनौती दे सकेगा।

फूल और कांटे में अजय देवगन और मधू के अलावा अमरीश पुरी, आरिफ खान, रज़ा मुराद, सत्येन कप्पू, अंजना मुमताज़, सुरेश चटवाल, गोगा कपूर, अरुणा ईरानी और जगदीप ने भी अहम रोल निभाए थे। 

फूल और कांटे में अजय देवगन के एक्शन सीक्वेंस बहुत पसंद किए गए थे। जो खुद उनके पिता वीरू देवगन ने को-ऑर्डिनेट किए थे। 

अनिल कपूर ने अजय देवगन को दी थी फ्रेंडली चेतावनी

वैसे, यहां ये बात भी जानने लायक है कि फूल और कांटे के लिए प्रोड्यूसर दिनेश पटेल की पहली पसंद अक्षय कुमार थे। अक्षय को साइन भी कर लिया गया था। कहा जाता है कि अक्षय कुमार बाद में तय रकम से ज़्यादा की डिमांड करने लगे थे। 

इसलिए प्रोड्यूसर दिनेश पटेल ने अक्षय को हटाकर अपने दोस्त एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन के बेटे विशाल वीरू देवगन उर्फ अजय देवगन को इस फिल्म में कास्ट कर लिया। 

कहते हैं कि जब फूल और कांटे फिल्म का प्रीमियर हुआ था तो फिल्म इंडस्ट्री का कोई बड़ा नाम इस प्रीमियर में नहीं आया था। हालांकि सप्राइज़िंगली, लम्हे के हीरो अनिल कपूर ज़रूर फूल और कांटे के प्रीमियर में आए थे। 

अनिल कपूर ने पूरी फिल्म देखने के बाद अजय देवगन और डायरेक्टर कुक्कू कोहली से कहा कि फिल्म अच्छी है। लेकिन मेरी फिल्म के सामने इसे रिलीज़ करने की गलती मत करो। 

दरअसल, अनिल कपूर को पूरा यकीन था कि लम्हे सुपरहिट होने वाली है। ऐसे में नए-नवेले अजय देवगन की फिल्म का उनकी फिल्म के सामने टिकना मुश्किल है। 

और इससे अजय के करियर पर बुरा असर पड़ेगा। यानि अनिल कपूर ने अजय देवगन से फूल और कांटे को बाद में रिलीज़ करने की बात किसी घमंड में नहीं, बल्कि उनका भला सोचकर ही कही थी। 

फूल और कांटे ने लम्हे को धूल चटा दी

लेकिन उस वक्त तक फूल और कांटे की रिलीज़िंग की सारी तैयारी पूरी हो चुकी थी। इसलिए फिल्म को पोस्टपोन करने का विकल्प रहा ही नहीं था। खैर, दोनों फिल्में रिलीज़ हुई, और शुरुआती तीन दिनों के बाद ही नज़र आ गया कि दर्शक लम्हे को नापसंद और फूल और कांटे को खूब पसंद कर रहे हैं।

एक ही हफ्ते में फूल और कांटे लम्हे पर इतनी ज़्यादा भारी पड़ी कि कई सिनेमाघरों ने लम्हे को उतारकर फूल और कांटे को दिखाना शुरू कर दिया था। 

तीन करोड़ रुपए में बनी फूल और कांटे ने 12 करोड़ रुपए की कमाई की। और ये फिल्म साल 1991 की पाचंवी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई।

जबकी दो करोड़ रुपए में बनी अनिल कपूर की लम्हे महज़ तीन करोड़ रुपए ही जुटा सकी। और इस तरह जहां फूल और कांटे सुपरहिट साबित हुई। तो लम्हे सुपरफ्लॉप रही। 

कहते हैं कि उस बॉक्स ऑफिस क्लैश के कुछ दिनों बाद जब अनिल कपूर अजय देवगन से दोबारा मिले तो उन्होंने मज़ाक में अजय से कहा, यार तुमने तो मेरी फिल्म की बैंड ही बजा दी।

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