Tanuja | हिंदी सिनेमा के गुज़रे ज़माने की सबसे चुलबुली और चटपटी अदाकारा | Biography

Tanuja. हिंदी सिनेमा का वो नाम जो जब भी ज़ेहन में आता है, तो तस्वीर उभरती है एक ऐसी अदाकारा की। जो किसी भी तरह के किरदार को निभाने की कुव्वत रखती है। तनुजा ने ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के ज़माने में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। 

अब तनुजा जी फिल्मों में दादी-नानी के कैरेक्टर्स प्ले करती हैं। अपने दौर की सबसे चुलबुली एक्ट्रेसेज़ में शुमार होने वाली तनुजा जी ने 7 दशक लंबे अपने करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए। और उनका फिल्मी सफर बहुत शानदार रहा।

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Tanuja Hindi Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर आज कही जाएगी Actress Tanuja की कहानी। Tanuja जी की ज़िंदगी और उनके फिल्मी सफर की एक झलक आज हम और आप इस Biography में देखेंगे।

Tanuja का शुरुआती जीवन

तनुजा का जन्म हुआ 23 सितंबर 1943 को। चूंकि इनके माता-पिता फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे तो फिल्मी माहौल इन्हें बचपन में ही मिल गया था। तनुजा की मां शोभना समर्थ एक दौर की बहुत नामी अदाकारा थी। 

जबकी इनकी नानी रत्तनबाई भी एक्ट्रेस रह चुकी थी। तनुजा के पिता कुमारसेन समर्थ भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे। वो एक नामी डायरेक्टर थे और सिनेमैटोग्राफी भी किया करते थे। 

तनुजा छोटी ही थी जब इनके माता-पिता का तलाक हो गया। तनुजा और इनकी बड़ी बहन नूतन, छोटी बहन चतुरा व छोटे भाई जयदीप की परवरिश इनकी मां शोभना समर्थ ने की थी। 

तनुजा जी की मां शोभना समर्थ ने अपनी बड़ी बेटी नूतन को फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च करने के लिए एक फिल्म बनाई। फिल्म का नाम था हमारी बेटी। उस फिल्म का डायरेक्शन शोभना जी खुद ही कर रही थी। 

साथ ही साथ वो फिल्म में एक्टिंग भी कर रही थी। और इसी फिल्म में पहली दफा तनुजा जी ने भी कैमरा फेस किया। तनुजा ने अपनी बड़ी बहन नूतन के बचपन का किरदार इस फिल्म में निभाया था। और इस फिल्म की शूटिंग के वक्त तनुजा की उम्र महज़ पांच साल थी। 

हालांकि, ये फिल्म साल 1950 में रिलीज़ हुई थी। और उस वक्त तक तनुजा जी की उम्र सात साल हो चुकी थी। उसके बाद साल 1952 में आई फिल्म अंबर में तनुजा ने नरगिस दत्त जी के बचपन का किरदार निभाया। 

तनुजा का स्विटज़रलैंड प्रवास

जब तनुजा जी की उम्र तेरह साल हुई तो इनकी मां शोभना समर्थ ने इन्हें स्विटज़रलैंड के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने भेज दिया। हालांकि जब अचानक ही इनकी मां की आर्थिक स्थिति खराब हो गई तो तीन साल बाद ही इन्हें स्विटज़रलैंड का वो स्कूल छोड़कर भारत वापस लौटना पड़ा। 

भारत लौटने के बाद इन्होंने किसी स्कूल में दाखिला नहीं लिया। क्योंकि ये फैसला कर चुकी थी कि अब इन्हें भी बड़ी बहन नूतन की तरह फिल्मों में काम करना है। और अपने परिवार को सपोर्ट करना है।

यूं शुरु हुआ Tanuja का फिल्मी सफर

बड़ी बहन नूतन की ही तरह तनुजा को भी इनकी मां शोभना समर्थ ने ही फिल्म इंडस्ट्री में छबीली नाम की फिल्म से लॉन्च किया। ये फिल्म साल 1960 में आई थी। और इस फिल्म में नूतन जी ने भी काम किया था। 

इस फिल्म में तनुजा जी के हीरो थे एक्टर कायसी मेहरा। अगले साल यानि 1961 में तनुजा दिखी ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'मैम-दीदी में'। इस फिल्म में भी इनके अपोज़िट कायसी मेहरा ही थे। 

किदार शर्मा ने लगाया ज़ोरदार तमाचा

1961 में ही तनुजा किदार शर्मा की फिल्म 'हमारी याद आएगी' में भी दिखी थी। इस फिल्म में तनुजा के हीरो थे अशोक शर्मा, जो डायरेक्टर किदार शर्मा के बेटे थे। 

इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ था कि तनुजा रोते हुए सेट छोड़कर अपने घर वापस आ गई। मामला ये था कि किदार शर्मा को तनुजा और अशोक पर एक इमोशनल सीन शूट करना था। 

उस सीन में तनुजा को रोना था। लेकिन चंचल मन वाली तनुजा को ज़रा भी रोना नहीं आ रहा था। बल्कि वो तो ज़ोर-ज़ोर से हंस रही थी। काफी देर तक भी जब तनुजा की हंसी नहीं रुकी तो डायरेक्टर किदार शर्मा को गुस्सा आ गया। 

उन्होंने तनुजा को एक ज़ोर का थप्पड़ जड़ दिया। सबके सामने थप्पड़ मारे जाने से तनुजा बड़ी आहत हुई। वो रोने लगी और गुस्से में घर वापस लौट आई। 

घर आकर तनुजा ने अपनी मां को सारी घटना बताई। और कहा कि अब मैं उस फिल्म की शूटिंग में बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी। पूरी बात जानने के बाद मां शोभना समर्थ ने तनुजा को दो थप्पड़ लगाए और बोली,"अगर ऐसे सेट छोड़कर भागोगी तो कभी एक्ट्रेस नहीं बन पाओगी। जाओ जाकर किदार जी से माफी मांगो और शूटिंग शुरू करो।" 

फिर तो छा गई तनुजा

मां की बात मानते हुए तनुजा ने डायरेक्टर किदार शर्मा से माफी मांगी। और उस फिल्म की शूटिंग दोबारा शुरू की। और फिर तो तनुजा जी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

इन्होंने एक से बढ़कर एक और बड़े-बड़े डायरेक्टर्स व स्टार्स की फिल्मों में काम किया। बड़ी बहन नूतन की तरह तनुजा भी हर गुज़रते साल के साथ फिल्म इंडस्ट्री में अपना बड़ा मुकाम बनाती गई। 

और केवल हिंदी ही नहीं, मराठी, बंगाली, मलयालम, तमिल और कुछ गुजराती फिल्मों में भी काम किया। वैसे, तनुजा जी को ख्याति मिली थी साल 1966 में आई फिल्म 'बहारें फिर भी आएंगी' से। इस फिल्म में इनके हीरो थे धर्मेंद्र। 

हालांकि जिस वक्त तनुजा ने ये फिल्म साइन की थी उस वक्त इनके हीरो धर्मेंद्र नहीं, गुरूदत्त साहब थे। लेकिन फिल्म के कुछ सीन्स शूट करने के बाद गुरूदत्त जी की मृत्यु हो गई थी। 

ऐसे में इस फिल्म में उनकी जगह धर्मेंद्र को कास्ट किया गया था। और फिल्म के सभी सीन्स दोबारा शूट किए गए थे। इस फिल्म में तनुजा जी ने बड़ा ज़बरदस्त काम किया था। और उनके काम की खूब तारीफें हुई थी। 

Tanuja की प्रमुख फिल्में

बहारें फिर भी आएंगी के बाद तनुजा जी ने ढेरों शानदार फिल्मों में काम किया था। जैसे, नई रोशनी(1967), ज्वैल थीफ(1967), सपनों का सौदागर(1968), इज्ज़त(1968), जीने की राह(1969), बचपन(1970), प्यार की कहानी(1971), प्रीत की डोरी(1971), हाथी मेरे साथी(1971), एक पहेली(1971), अनुभव(1971), मोम की गुड़िया(1972), इम्तिहान(1974), हमशकल(1974) और हमराही(1974)। 

समय बदला तो तनुजा जी ने फिल्मों में सपोर्टिंग कैरेक्टर्स प्ले करना शुरू कर दिया। और सपोर्टिंग एक्टर की हैसियत से भी तनुजा जी ने खूब नाम कमाया। और आज तक तनुजा जी फिल्मों में एज़ एन एक्ट्रेस एक्टिव हैं। साल 2022 में ये 'मॉडर्न लव: मुंबई' नाम की एक वेब सीरीज़ में दिखी थी। 

पर्सनल लाइफ

तनुजा जी की पर्सनल लाइफ के बारे में बात करें तो इनकी पर्सनल लाइफ काफी अप्स एंड डाउन वाली रही है। साल 1972 में फिल्म 'एक बार मुस्कुरा दो' के सेट पर तनुजा की मुलाकात शोमू मुखर्जी से हुई। 

शोमू फिल्मालय स्टूडियो के संस्थापक सशाधर मुखर्जी के पुत्र थे और किशोर कुमार के सगे भांजे थे। और शोमू ही 'एक बार मुस्कुरा दो' नाम की उस फिल्म को प्रोड्यूस भी कर रहे थे। 

पहली मुलाकात में ही दोनों की दोस्ती हो गई, जो जल्द ही प्यार में बदल गई। और फिर एक साल बाद यानि साल 1973 में तनुजा ने शोमू मुखर्जी से शादी कर ली। शादी के एक साल के बाद ही तनुजा ने बेटी काजोल को जन्म दिया।

बाद में शोमू और तनुजा की एक और बेटी हुई जिसका नाम तनीषा रखा गया। लेकिन दो बेटियां होने के बावजूद तनुजा और शोमू मुखर्जी के रिश्ते बिगड़ते चले गए। 

और आखिरकार दोनों ने तलाक ले लिया। हालांकि सालों तक इन दोनों ने अपनी बेटियों को इस बात का पता नहीं चलने दिया कि ये दोनों तलाक लेकर अलग हो चुके हैं। 

दरअसल, काजोल और तनीषा दोनों ही छोटी उम्र से बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे। और जब तनुजा और शोमू मुखर्जी अपनी बेटियों से मिलने उनके स्कूल जाते थे तो ऐसे जाते थे मानो उनके बीच कभी कुछ हुआ ही ना हो। 

बेटियां जब घर आती थी तब भी दोनों ऐसे रहते थे मानो दोनों के बीच में तलाक की बात कभी आई भी ना हो। काजोल और तनुजा जब बालिग हुई, तब उन्हें पता चला कि उनके माता-पिता साथ रहकर भी साथ नहीं हैं। उन दोनों के रास्ते काफी पहले ही अलग हो चुके हैं। 

सदा स्वस्थ रहें तनुजा

तनुजा अब अस्सी साल की हो चुकी हैं। उनकी बड़ी बेटी काजोल आज फिल्म इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम हैं। जबकी छोटी बेटी तनीषा भी एक्ट्रेस हैं। हालांकि उन्हें काजोल जैसा मुकाम हासिल नहीं हो सका। 

तनीषा ने अभी तक शादी नहीं की है। जबकी उनकी उम्र पैंतालिस साल हो चुकी है। वहीं तनुजा की बड़ी बेटी काजोल अजय देवगन की पत्नी हैं। और आज काजोल के दो बच्चे, बेटी न्यासा और बेटा युग हैं। 

यानि तनुजा जी का आज एक भरा-पूरा और खुशहाल परिवार है। Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि Tanuja जी हमेशा स्वस्थ रहें और मस्त रहें। ताकि वो और भी फिल्मों, टीवी शोज़ व वेब सीरीज़ में अपने हुनर का नमूना दिखाती रहें। जय हिंद।

टिप्पणियाँ

  1. ये बात तो ठीक है की तनूजा भले ही कितनी चुलबुली हों , मगर घूर कर देखा कोई फालतू बात बर्दाश्त नहीं करती थीं . एक बार एक पार्टी में गलती से मैंने उनके कंधे पर हाथ रख दिया . उन्होंने फ़ौरन मेरा हाथ झटक दिया और मुझे घूर कर देखा जैसे मुझे खा जाएंगी 😃

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