Patrakar Popatlal aka Shyam Pathak Biography | तारक मेहता शो के पत्रकार पोपटलाल की पूरी कहानी
Patrakar Popatlal aka Shyam Pathak Biography. सब टीवी के लोकप्रिय शो Tarak Mehta ka Ooltah Chashmah के फैन की फेहरिस्त में आपने भी ज़रूर अपना नाम शुमार कराया होगा। इस शो का हर किरदार अपने आप में इतना यूनीक है कि किसी भी किरदार को देखकर बोरियत नहीं होती है। हमारे देश में कई लोग ऐसे हैं जो इन किरदारों को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना चुके हैं। पत्रकार पोपटलाल का किरदार भी ऐसा ही एक किरदार है जिसे शादी के लिए परेशान देखकर हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
Patrakar Popatlal aka Shyam Pathak Biography - Photo: Social Media
Meerut Manthan आज आपको Patrakar Popatlal का Character निभाने वाले Shyam Pathak की ज़िंदगी की कहानी बताते हैं। Shyam Pathak कैसे एक्टिंग में आए और Tarak Mehta का Ooltah Chasma के अलावा इन्होंने और किन TV Shows & Movies में काम किया है, ये सब आपको इस आर्टिकल में पता चल जाएगा।
ये भी पढ़ें: Durga Khote | Actress बनने के लिए समाज से लड़ने वाली महिला | Biography
NSD तक का Shyam Pathak का सफर
श्याम पाठक मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। 6 जून 1976 को इनका जन्म गुजरात में ही हुआ था। मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए श्याम के पिता का निधन इनके बचपन में ही हो गया था। इनकी माता ने काफी चुनौतियों का सामना करते हुए इनका और इनकी बहन का पालन-पोषण किया। श्याम ने बीए की पढ़ाई की और फिर अपनी मां के कहने पर इन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स भी किया।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्याम मुंबई आ गए और एक कंपनी में नौकरी करने लगे। लेकिन इसी दौरान श्याम को एक्टिंग में भी दिलचस्पी होने लगी और उन्होंने रुख किया नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली का। यहां श्याम ने एक्टिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। एनएसडी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद श्याम पाठक थिएटर से जुड़ गए और इन्होंने नाटकों में काम करना शुरू कर दिया।
National School of Drama Shyam Pathak के लिए बड़ा अहम रहा
एनएसडी श्याम पाठक की ज़िंदगी में बड़ा ही अहम रहा है। क्योंकि यही वो जगह है जहां इनकी मुलाकात अपनी ज़िंदगी के प्यार से हुई। जी हां, श्याम पाठक ने एनएसडी में अपनी सहपाठी रही रेशमी से शादी की है। केरला की रहने वाली रेशमी और गुजरात के रहने वाले श्याम पाठक की शादी दो आत्माओं का ही नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों का भी मिलन है। जहां श्याम पाठक एक्टिंग सीख रहे थे तो वहीं रेशमी एनएसडी से फिल्म डायरेक्शन और प्रोडक्शन सीख रही थी।
एनएसडी में दोनों के बीच प्यार का अंकुर फूटा और दोनों ने जन्म-जन्मांतर एक-दूजे के साथ रहने का फैसला कर लिया। लेकिन रेशमी का परिवार इस शादी से कतई खुश नहीं था। रेशमी के परिवार के मिजाज़ को भांपते हुए श्याम ने एनएसडी में अपने आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले दिल्ली में मौजूद एक आर्य समाज मंदिर में रेशमी से शादी कर ली।
इस शादी में इन दोनों के परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ था। केवल एनएसडी के इनके साथी और फैकल्टीज़ ही इस शादी के गवाह बने थे। इस शादी की सबसे अनोखी बात तो ये है कि इन दोनों का रिसेप्शन एनएसडी कैंपस में हुआ था। जबकी इससे पहले कभी भी एनएसडी कैंपस में ऐसा आयोजन नहीं किया गया था। आज रेशमी और श्याम मुंबई में सुखी जीवन गुज़ार रहे हैं और दोनों एक बेटी और दो बेटों के माता-पिता भी बन चुके हैं।
करियर की बात
श्याम के एक्टिंग करियर की बात करें तो इन्होंने कुछ विज्ञापनों और कुछ टीवी शोज़ में काम किया है। सालों पहले टीवी पर दिखाई देने वाला हॉल्स का इनका एड काफी पॉप्युलर हुआ था और आपने भी यकीनन वो एड टीवी पर ज़रूर देखा होगा। वहीं, श्याम पाठक का पहला टीवी सीरीयल था जसुबेन जयंतीलाल जोशी की जॉइन्ट फैमिली। एनडीटीवी इमैजिन नाम के टीवी चैनल पर आने वाले इस शो में इन्होंने बड़ा ही छोटा सा किरदार निभाया था।
हालांकि इस बात से काफी कम लोग वाकिफ हैं कि किसी भी टीवी शो में काम करने से पहले श्याम पाठक 1997 में रिलीज़ हुई फिल्म घूंघट में भी एक छोटे से रोल में दिखे थे। फिर श्याम दिखे साल 2007 में रिलीज़ हुई चायनीज़ फिल्म लस्ट कॉशन में, जिसमें ये हॉन्ग कॉन्ग स्थित एक भारतीय ज्वैलरी शॉप के कर्मचारी के किरदार में दिखे थे। इनके करियर का दूसरा टीवी शो था सोनी टीवी पर 2009 में एयर हुआ सुख बाय चांस। हालांकि ये शो केवल 1 साल ही चल पाया। उ
सके बाद 2009 में ही इन्हें मिला इनकी ज़िंदगी का सबसे अहम किरदार यानि तारक मेहता का उल्टा चश्मा में तूफान एक्सप्रेस के दुनिया हिला देने वाले क्राइम पत्रकार पोपटलाल का किरदार, जो अपनी बढ़ती उम्र और अपनी शादी की टेंशन में हमेशा परेशान रहता है। इस किरदार ने इन्हें केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय कर दिया है। आज आलम ये है कि श्याम पाठक जहां भी जाते हैं लोग इन्हें इनके असली नाम से नहीं बल्कि पत्रकार पोपटलाल के नाम से ही पुकारते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें