Mohabbatein vs Mission Kashmir | सन 2000 में हुई SRK vs Hrithik की एक भुलाई जा चुकी जंग की कहानी | Box Office Battle
Mohabbatein vs Mission Kashmir. साल 2000 के अक्टूबर महीने की 27 तारीख भारतीय बॉक्स ऑफिस के लिए बड़ी स्पेशल थी। क्योंकि इस दिन बॉलीवुड के दो बड़े सितारों की फिल्में रिलीज़ हुई थी।
यानि सीधी टक्कर। और ये टक्कर इसलिए भी ज़्यादा दिलचस्प हो गई थी क्योंकि इन सितारों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही थी। ये सितारे थे शाहरुख खान और ऋतिक रोशन।
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| Mohabbatein vs Mission Kashmir Box Office Battle - Photo: Social Media |
Meerut Manthan एक नई सीरीज़ शुरू कर रहा है जिसका नाम है BOB यानि Box Office Battle और बॉक्स ऑफिस बैटल सीरीज़ की पहली कहानी है Mohabbatein और Mission Kashmir फिल्म के बीच हुई टक्कर की। उम्मीद करते हैं कि ये पेशकश आपको ज़रूर पसंद आएगी।
यूं हुई थी शुरुआत
बॉक्स ऑफिस पर एक दिन में दो बड़ी फिल्मों का रिलीज़ होना कोई नई बात नहीं है। उस वक्त भी नहीं थी जब मिशन कश्मीर और मोहब्बतें रिलीज़ हुई थी। हालांकि ट्रेड एनालिस्ट्स और सिंगल स्क्रीन थिएटर्स वाले कभी नहीं चाहते कि दो बड़ी फिल्मों को एक साथ एक ही दिन रिलीज़ किया जाए।
क्योंकि इससे केवल कलैक्शन्स ही डिवाइड नहीं होते, बल्कि बहुत ज़्यादा निगेटिविटी भी फैलती है। वैसे ये बात भी सच है कि कई दफा निगेटिविटी जानबूझकर भी फैलाई जाती है।
क्योंकि ये पीआर का हिस्सा जो होती है। साल दो हज़ार में मिशन कश्मीर और मोहब्बतें जब रिलीज़ हुई थी तब भी काफी गरमागरमी देखने को मिली थी। जबकी उस ज़माने में सोशल मीडिया भी नहीं हुआ करता था।
लोगों के पास इन्फॉर्मेशन्स का इकलौता सोर्स न्यूज़ चैनल्स और न्यूज़ पेपर्स ही होते थे। उस दौर में भी फैंस के बीच में अपने-अपने पसंदीदा स्टार्स को लेकर खूब नोंक-झोंक और छींटाकशी हुई थी।
जिस वक्त ये दोनों फिल्में रिलीज़ हुई थी वो दिवाली का टाइम था। यानि सिनेमाघरों की तरफ दर्शकों की भीड़ आनी ही आनी थी। जहां मिशन कश्मीर में बॉलीवुड का उभरता हुआ सितारा ऋतिक रोशन थे।
तो मोहब्बतें में थे बादशाह ऑफ बॉलीवुड कहे जाने वाले शाहरुख खान। और जिस वक्त ये फिल्में रिलीज़ हो रही थी उससे पहले ही इन दो सितारों के बीच में थोड़ा विवाद भी चल रहा था।
जब ऋतिक के सामने नहीं चल सका शाहरुख का जादू
"कहो ना प्यार है" की ज़बरदस्त सफलता ने ऋतिक को रातों रात सुपरस्टार बना दिया था। उस वक्त इस फिल्म ने 44 करोज़ 28 लाख का कलैक्शन किया था। जिसे अगर आज के दौर में महंगाई दर के साथ एडजस्ट करके देखा जाए तो होते हैं 295 करोड़।
"कहो ना प्यार है" में ऋतिक की प्रजेंस कमाल कर गई थी। लगभग हर एज ग्रुप के लोगों पर ऋतिक का जादू चल गया था। कहो ना प्यार है के लगभग एक सप्ताह बाद शाहरुख की "फिर भी दिल है हिंदुस्तानी" रिलीज़ हुई थी।
यूं तो इस फिल्म में सभी तरह का मसाला डाला गया था। लेकिन इस फिल्म का कॉन्सैप्ट उस वक्त लोगों को डाइजैस्ट ना हो सका। फिल्म में मीडिया के कॉमर्शियलाइजेशन का मु्द्दा उठाया गया था जो उस वक्त लोगों को पसंद आया ही नहीं।
हालांकि शाहरुख की वजह से फिल्म को ऑपनिंग तो ठीकठाक मिल गई थी। फिल्म के गाने भी पसंद किए गए थे। मगर पहले हफ्ते में ही फिल्म गिरना शुरू हो गई। और दस करोड़ पचहत्तर लाख रुपए के टोटल कलैक्शन के साथ "फिर भी दिल है हिंदुस्तानी" फ्लॉप हो गई।
इस फिल्म का कलैक्शन ऋतिक की "कहो ना प्यार है" के कलैक्शन के चौथाई के बराबर भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाया था। इत्तेफाक से आमिर खान की मेला, कहो ना प्यार है से एक सप्ताह पहले रिलीज़ हुई थी।
और वो फिल्म आमिर के करियर की सबसे बड़ी डिज़ास्टर साबित हुई। लेकिन सरप्राइज़िंगली आमिर खान को लेकर कोई निगेटिविटी नहीं फैली। लेकिन जब शाहरुख की "फिर भी दिल है हिंदुस्तानी" फ्लॉप हुई तो वो लोगों के निशाने पर आ गए।
लोगों ने दावा करना शुरू कर दिया कि शाहरुख का स्टारडम खात्मे की तरफ आ गया है। और इंडस्ट्री को ऋतिक के रूप में एक नया सुपरस्टार मिल गया है। स्टारडस्ट मैगज़ीन में शाहरुख को क्रिटिसाइज़ करते हुए एक अच्छा-खासा बड़ा आर्टिकल पब्लिश किया गया था।
वहीं इंडिया टुडे मैगज़ीन ने अपने मार्च 2000 एडिशन के कवर पेज पर ऋतिक की तस्वीर छापी। और आर्टिकल में लिखा कि ऋतिक के आने के बाद दूसरे सभी स्टार्स, स्पेशली खान्स काफी कमज़ोर और थके हुए नज़र आ रहे हैं। कुछ फिल्मी मैगज़ीन्स में तो ऋतिक को खान्स से ज़्यादा सुपीरियर तक बताया गया।
और बात बिगड़ गई
कहा जाता है कि जिस वक्त ऋतिक की तस्वीर इंडिया टुडे के कवर पेज पर छपी तब शाहरुख लंदन में अपने घुटने की सर्जरी कराने गए हुए थे। शाहरुख की पत्नी गौरी को इन मैगज़ीन्स में शाहरुख की छवि को कम करके आंका जाना सही नहीं लगा।
गौरी ने इसके लिए इन मैगज़ीन्स की आलोचना भी की थी। कहा जाता है कि शाहरुख जब लंदन से वापस लौटे थे तो गौरी ने अपने घर में और ऑफिस में से ये सभी मैगज़ीन्स हटवा दी थी। इसलिए ताकि शाहरुख को ये सब ना पढ़ना पड़े।
कहा ये भी जाता है कि मीडिया वालों को जब गौरी के पॉइन्ट ऑफ व्यू की भनक लगी तो उन्होंने गौरी को और ज़्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। गौरी जहां कहीं भी जाती, मीडिया वाले उनसे ऋतिक के बारे में सवाल पूछने लग जाते।
कई मीडिया ग्रुप्स ने गौरी का इंटरव्यू लेने की कोशिश भी की थी। लेकिन गौरी ने किसी को भी इंटरव्यू नहीं दिया। हालांकि सैवी नाम की एक मैगज़ीन को गौरी ने ज़रूर इंटरव्यू दिया और उस इंटरव्यू में उन्होंने शाहरुख की आलोचना करने वालों को खूब भला-बुरा कहा।
गौरी ने ऐसे लोगों को शाहरुख से जलने वाला बताया था। इस तरह शाहरुख और ऋतिक के बीच की उस अघोषित प्रतिद्वंदिता को काफी वक्त तक गौरी खान ही संभालती रही।
मगर लोगों को झटका उस वक्त लगा जब लंदन से लौटने के लगभग दो महीने बाद शाहरुख का एक एड सामने आया। वो पेप्सी का एड था और उस एड में शाहरुख के साथ तारा शर्मा दिखी थी।
उस एड में दिखाया गया था कि कैसे तारा शर्मा को शाहरुख से शर्त हारकर एक नर्ड जैसे दिखने वाले लड़के को किस करना पड़ता है। और वो लड़का दिखने में ऋतिक जैसा था। एड में तो उस लड़के के दांतो पर ब्रेसेस भी लगे नज़र आते हैं।
शाहरुख का ये एड सामने आने के बाद हंगामा हो गया। लोगों ने इसे ऋतिक पर शाहरुख का डायरेक्ट अटैक तक बता दिया। मामला इतना बढ़ा कि ऋतिक के पिता राकेश रोशन ने खुद इसकी आलोचना की। और बात जब ज़्यादा बढ़ने लगी तो पेप्सी को भी सफाई देनी पड़ी।
पेप्सी ने कहा कि उन्होंने ऋतिक को टारगेट करने के लिए ये एड नहीं बनाया है। खुद उस एड के डायरेक्टर प्रह्लाद कक्कड़ ने भी कहा था कि राकेश रोशन बिना वजह बात का बतंगड़ बना रहे हैं।
जैसा वो सोच रहे हैं ऐसा कुछ भी नहीं है। ध्यान रहे कि ये वो दौर भी था जब कोका कोला ने ऋतिक को अपना ब्रांड अंबेसडर बनाया था। उस वक्त बहुत से लोगों ने ये भी कहा था कि पेप्सी ने कोका कोला को टारगेट करते हुए ये एड बनाया है।
फिर हुआ SRK-Hrithik Roshan का आमना-सामना
इस पूरी कंट्रोवर्सी के बाद उसी साल यानि साल 2000 के अक्टूबर में शाहरुख और ऋतिक एक बार फिर से आमने-सामने आ गए। ये सामना हुआ बॉक्स ऑफिस पर। और अबकी दफा इन दोनों सितारों की फिल्में एक ही तारीख पर रिलीज़ हुई।
ये फिल्में थी मोहब्बतें और मिशन कश्मीर। 27 अक्टूबर 2000 को इन दोनों फिल्मों ने सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक दी। देश ही नहीं, दुनियाभर में फैले बॉलीवुड फिल्मों के शौकीनों की नज़र इन दोनों फिल्मों की परफॉर्मेंस पर थी।
मोहब्बतें यशराज बैनर्स की फिल्म थी जिसे आदित्य चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था। मिशन कश्मीर के डायरेक्टर थे विधू विनोद चोपड़ा। मोहब्बतें में शाहरुख के अलावा अमिताभ बच्चन जैसा बहुत बड़ा नाम था।
तो मिशन कश्मीर में ऋतिक और प्रीति जिंटा की जोड़ी को लेकर लोगों में एक्सायटमेंट था। जबकी संजय दत्त और जैकी श्रॉफ की मौजूदगी भी मिशन कश्मीर के लिए एक उम्मीद की तरह थी।
और ये कहना भी गलत नहीं होगा कि उस वक्त ये फिल्में चोपड़ा वर्सेज़ चोपड़ा की लड़ाई भी बन गई थी। दोनों ही फिल्मों के सॉन्ग्स पहले ही म्यूज़िक इंडस्ट्री में धूम मचा रहे थे। रिलीज़ के वक्त मिशन कश्मीर का पलड़ा भारी दिख रहा था।
मिशन कश्मीर देशभर की 400 स्क्रीन्स पर रिलीज़ की गई थी। जबकी मोहब्बतें 315 स्क्रीन्स पर आई थी। मिशन कश्मीर की ओपनिंग भी मोहब्बतें से बैटर रही। पहले दिन जहां मिशन कश्मीर ने 1 करोड़ 64 लाख रुपए कमाए। तो मोहब्बतें ने 1 करोड़ 19 लाख रुपए बटोरे।
यानि मिशन कश्मीर का पहले दिन कलैक्शन उस वक्त का सबसे ज़्यादा फर्स्ट डे कलैक्शन था। और उस वीकेंड में मिशन कश्मीर ने कमाए 4 करोड़ 86 लाख रुपए। लेकिन धीरे-धीरे मिशन कश्मीर का कलैक्शन गिरने लगा।
यूं तो मिशन कश्मीर को क्रिटिक्स की तरफ से खूब तारीफें मिल रही थी। मगर जनता को ये फिल्म पसंद नहीं आई। दूसरी तरफ मोहब्बतें ने धीरे-धीरे बॉक्स ऑफिस पर पकड़ बनानी शुरू कर दी।
जहां मिशन कश्मीर का दूसरे हफ्ते का कलैक्शन पहले हफ्ते के मुकाबले एकदम आधा हो गया। तो वहीं मोहब्बतें, जिसने पहले हफ्ते 7 करोड़ 62 लाख रुपए कमाए थे, वो दूसरे हफ्ते में भी लगभग इतनी ही कमाई करने में कामयाब रही।
मोहब्बतें एक अच्छी-खासी बड़ी फिल्म थी। और शाहरुख-अमिताभ के ज़बरदस्त डायलॉग्स और शानदार दृश्यों की वजह से ये फिल्म लोगों को पसंद आ रही थी। इस फिल्म का कॉन्सैप्ट भी लोगों को भा रहा था। जबकी मिशन कश्मीर का कॉन्सैप्ट लोगों के गले से नहीं उतरा।
ओवरऑल मोहब्बतें का लाइफटाइम कलैक्शन रहा 41 करोड़ 88 लाख रुपए। जबकी मिशन कश्मीर का लाइफटाइम कलैक्शन हुआ लगभग 23 करोड़। और इस तरह बॉक्स ऑफिस की उस जंग के विजेता रहे शाहरुख खान।
ऋतिक को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि ये बात भी ध्यान देने लायक है कि मिशन कश्मीर भले ही मोहब्बतें से पिछड़ गई हो। लेकिन फिर भी सन 2000 की तीसरी सबसे ज़्यादा कलैक्शन करने वाली फिल्म मिशन कश्मीर ही थी।
और पहले नंबर पर ऋतिक की कहो ना प्यार है थी। यानि मिशन कश्मीर के मोहब्बतें से पिछड़ने के बावजूद ऋतिक की पॉप्युलैरिटी में कोई कमी नहीं आई। मगर शाहरुख को ज़रूर उनका खोया हुआ स्टारडम वापस मिल गया।
फाइनली यूं खत्म हुई वो जंग
शाहरुख और ऋतिक के बीच चली वो प्रतिद्वंदिता ज़्यादा दिन ना रह सकी। बॉक्स ऑफिस की उस जंग के बाद जल्द ही दोनों को करण जौहर ने कभी खुशी कभी ग़म में भाईयों के रोल के लिए साइन कर लिया। इत्तेफाक से अमिताभ बच्चन भी उस फिल्म का हिस्सा थे।
साल 2001 की 14 दिसंबर को कभी खुशी कभी ग़म फिल्म रिलीज़ हुई और ज़बरदस्त हिट रही। शाहरुख-ऋतिक की ऑन-स्क्रीन कैमिस्ट्री दर्शकों को बहुत पसंद आई। और इस तरह शाहरुख-ऋतिक के बीच कुछ महीनों तक चली वो टसल एक हैप्पी एंडिंग के साथ खत्म हो गई।
इस पूरे घटनाक्रम के सात साल बाद राकेश रोशन की फिल्म क्रेज़ी फोर में ऋतिक के साथ-साथ शाहरुख ने भी एक डांस परफॉर्मेंस दी। हालांकि साल 2017 में एक बार फिर शाहरुख और ऋतिक के बीच बॉक्स ऑफिस पर लड़ाई हो गई थी।
वो लड़ाई कौन जीता था? क्या उस मुकाबले के विजेता शाहरुख खान थे या ऋतिक रोशन ने उस दफा बाज़ी माल ली थी? या फिर वो मुकाबला टाई हो गया था? ये किस्सा भी Meerut Manthan पर आएगा।
लेकिन फिर किसी दिन। आप मेरठ मंथन पर लगातार आते रहिएगा। क्योंकि यहां आपको फिल्मों व फिल्मी कलाकारों से जुड़ी रोचक कहानियां पढ़ने को यूं ही मिलती रहेंगी। जय हिंद। जय भारत।

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