Nimmi | The 'Unkissed Girl of India | खूबसूरत निम्मी की प्यारी सी कहानी | Biography
Nimmi Biography. गुज़रे ज़माने की बेहद शानदार अदाकारा। निम्मी। 18 फरवरी सन 1933 को निम्मी जी का जन्म आगरा में हुआ था। निम्मी का असल नाम था नवाब बानो। निम्मी नाम उन्हें दिया था शोमैन राज कपूर साहब ने।
निम्मी जी की मां वहीदन भी एक वक्त की नामी एक्ट्रेस और सिंगर थी। जबकी इनकी मौसी सितारा बेगम, जो फिल्म इंडस्ट्री में ज्योति के नाम से विख्यात थी, वो भी एक मशहूर अदाकारा थी।
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Nimmi The Unkissed Gir of India Biography - Photo: Social Media |
Nimmi मात्र 11 बरस की थी जब अचानक एक दिन इनकी Mother Wahidan की मौत हो गई। Nimmi के Father Abdul Hakeem ब्रिटिश राज में मिलिट्री ठेकेदार हुआ करते थे। जिस वक्त निम्मी की मां वहीदन की मृत्यु हुई थी उस वक्त वो मेरठ में रह रहे थे। Nimmi Biography.
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एबटाबाद में गुज़रा था बचपन
कुछ लोग कहते हैं कि निम्मी के पिता ने मेरठ में दूसरी शादी कर ली थी। जब निम्मी की मां वहीदन की मृत्यु हुई तो इनके पिता अब्दुल हकीम ने इन्हें इनकी नामी के साथ रहने के लिए एबटाबाद भेज दिया।
चूंकि इनकी नानी का परिवार फिल्म इंडस्ट्री पर ही आश्रित था, तो जब भारत का विभाजन हुआ तो इनकी नानी इन्हें लेकर बॉम्बे(मुंबई) आ गई। मुंबई में निम्मी और इनकी नानी का ठिकाना बना इनकी मौसी ज्योति उर्फ सितारा बेगम का घर।
यूं फिल्मी दुनिया में आई Nimmi
निम्मी ने स्कूली पढ़ाई कभी नहीं की। नानी ने घर पर ही उन्हें उर्दू की तालीम दी। और निम्मी जब फिल्म इंडस्ट्री में आई तो उन्हें अंग्रेजी ज्ञान भी हो गया। अब बात करते हैं कि निम्मी जी फिल्मों में आई कैसे थी।
तो किस्सा कुछ यूं है कि चूंकि निम्मी की मां वहीदन एक एक्ट्रेस थी तो उनकी जान-पहचान महबूब खान से बहुत अच्छी थी। महबूब खान उस दौर के बहुत बड़े फिल्ममेकर हुआ करते थे।
एकदिन महबूब खान ने निम्मी और उनकी नानी को अपनी फिल्म अंदाज़ की शूटिंग देखने के लिए बुलाया। अंदाज़ में उस वक्त के तीन बहुत बड़े स्टार, दिलीप कुमार, राज कपूर और नर्गिस जी काम कर रहे थे।
अंदाज़ की शूटिंग देखकर निम्मी को बड़ा मज़ा आया। उन्होंने वहीं पर अपनी नानी से ख्वाहिश ज़ाहिर की कि मैं भी अपनी मां की तरह फिल्मों में काम करना चाहूंगी।
अंदाज़ के सेट पर ही राज कपूर जी से भी निम्मी की मुलाकात हुई थी। और इत्तेफाक से राज कपूर उन दिनों बरसात फिल्म की कहानी पर काम कर रहे थे।
और फिल्म के एक कैरेक्टर के लिए किसी नए चेहरे की तलाश थी। राज कपूर को जब पता चला कि ये लड़की भी फिल्मों में काम करना चाहती है तो उन्होंने निम्मी को बरसात फिल्म में काम करने का ऑफर दे दिया।
आन में चला निम्मी की खूबसूरती का जादू
अंदाज़ की शूटिंग देखकर निम्मी तो फिल्मों में काम करने को मचलने ही लगी थी। राज कपूर के उस ऑफर से तो मानो निम्मी को जीवन की सबसे बड़ी खुशी मिल गई।
निम्मी ने बिना देर किए राज कपूर का वो ऑफर स्वीकार कर लिया। राज कपूर ने निम्मी को सेकेंड लीड के रोल में कास्ट कर लिया। और इस तरह निम्मी के पहले हीरो बने प्रेमनाथ। जबकी राज कपूर के अपोज़िट थी नर्गिस।
निम्मी ने दिल लगाकर बरसात की शूटिंग की। बरसात रिलीज़ हुई तो बॉक्स ऑफिस पर इसे ज़बरदस्त कामयाबी मिली। निम्मी को भी बरसात की कामयाबी से बहुत फायदा हुआ।
निम्मी के पास फिल्मों के ऑफर्स का ढेर लग गया। और निम्मी ने भी कई शानदार फिल्मों में काम किया। जैसे बावरा, सज़ा, दीदार, दाग, आंधियां, अलिफ लैला और आन।
आन फिल्म तक फिल्म इंडस्ट्री में निम्मी बहुत पॉप्युलर हो चुकी थी। कहते हैं कि आन फिल्म की आधी शूटिंग पूरी होने के बाद जब महबूब खान ने उसे एडिट करके कुछ डिस्ट्रीब्यूटर्स को दिखाया।
उन्होंने महबूब खान को सलाह दी की निम्मी के कैरेक्टर को फिल्म में इतनी जल्दी मरते हुए नहीं दिखाया जाना चाहिए। ये पब्लिक को अच्छा नहीं लगेगा। तब महबूब खान को आन के लिए निम्मी के साथ कुछ और सीन्स शूट करने पड़े थे।
Nimmi The Unkissed Girl of India
निम्मी को अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया भी कहा जाता था। और निम्मी को ये नाम मिला था आन फिल्म के बाद हुई एक घटना से। दरअसल, आन पहली भारतीय फिल्म थी जिसे वर्ल्डवाइड रिलीज़ किया गया था।
इंग्लैंड की राजधानी लंदन में भी आन का एक ग्रैंड प्रीमियर रखा गया था। उस प्रीमियर में हॉलीवुड की भी कई हस्तियों ने शिरकत की थी। निम्मी भी फिल्म की बाकी स्टारकास्ट के साथ लंदन के प्रीमियर में हिस्सा लेने पहुंची थी।
लंदन में आन का अंग्रेजी वर्ज़न रिलीज़ किया गया था। और उसे नाम दिया गया था सैवेज प्रिंसेज। निम्मी जी वहां हॉलीवुड और दुनिया की कई नामी गिरामी फिल्मी हस्तियों से मिली थी।
उस वक्त के बहुत बड़े स्टार एरोल फ्लिन भी निम्मी से मिलने आए और उन्होंने निम्मी के हाथ को किस करने का प्रयास किया। लेकिन निम्मी ने अपना हाथ पीछे खींच लिया। एरोल फ्लिन इससे काफी हैरान हुए।
निम्मी ने उनकी हैरानी भांपते हुए कहा कि मैं एक इंडियन गर्ल हूं। हमारे यहां से सब नहीं चलता। इत्तेफाक से ये पूरा घटनाक्रम उस वक्त वहां मौजूद कुछ मीडियाकर्मीयों ने भी देख लिया।
बस फिर क्या था। अगले दिन ये घटना अखबारों की सुर्खियों का हिस्सा बन गई। अखबारों ने निम्मी के बारे में लिखा था,"अनकिस्ड गर्ल ऑफ इंडिया।"
ठुकरा दिए हॉलीवुड काे ऑफर
आन के प्रीमियर के बाद जो पार्टी रखी गई थी उसमें निम्मी जी को हॉलीवुड की कुछ हस्तियों ने साथ काम करने का ऑफर भी दिया था। इनमें सबसे बड़ा नाम थे सेसिल बी. डिमिल्ले।
सेसिल को आन फिल्म में निम्मी की एक्टिंग बहुत पसंद आई थी। लेकिन निम्मी ने सेसिल बी. डिमिल्ले सहित सभी हॉलीवुड ऑफर्स को ठुकरा दिया।
और वो इसलिए, क्योंकि उन दिनों निम्मी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बहुत बड़ी एक्ट्रसे बन चुकी थी। उनका करियर खूब फल-फूल रहा था। इसलिए वो अपना पूरा ध्यान हिंदी फिल्मों पर ही लगाना चाहती थी।
निम्मी की फिल्मोग्राफी पर नज़र डाली जाए तो बहुत सारी ऐसी फिल्में हैं जिनमें निम्मी जी ने गांव की चुलबुली लड़की का कैरेक्टर प्ले किया था।
आन की सफलता से उत्साहित महबूब खान ने निम्मी को अपनी नेक्स्ट फिल्म अमर में भी कास्ट कर लिया। इस फिल्म में भी निम्मी ने एक भोली-भाली देहाती छोरी सोनिया का रोल निभाया था।
इस फिल्म में दिलीप कुमार और मधुबाला जी भी थे। कहते हैं कि पहले ये रोल मधुबाला जी को ऑफर किया गया था। लेकिन मधुबाला जी ने इस रोल की जगह अंजू का रोल चुना जो एक वैल मैनर्ड, विदेश में पढ़ी-लिखी शहरी लड़की है।
यूं तबाह हो गया निम्मी का करियर
निम्मी जी का करियर शानदार चल रहा था। उन्होंने अपने दौर के हर बड़े स्टार के साथ काम किया था। हर बड़ी अदाकारा के साथ सिल्वर स्क्रीन शेयर की थी।
निम्मी जी खुद उस ज़माने में बॉलीवुड की ए ग्रेड एक्ट्रेसेज़ में शुमार की जाती थी। लेकिन साल 1963 में निम्मी जी से एक भूल हो गई। एक बहुत बड़ी भूल। और वो भूल निम्मी जी के करियर पर बहुत भारी पड़ी।
मामला कुछ यूं है कि साल 1963 में आई फिल्म मेरे महबूब में निम्मी जी को राजेंद्र कुमार जी के अपोज़िट कास्ट करने का ऑफर दिया गया था।
मेरे महबूब के डायरेक्टर थे एच.एस.रवैल। वो चाहते थे कि निम्मी फिल्म में राजेंद्र कुमार की हीरोइन बनें। लेकिन जाने क्यों, निम्मी जी को कहानी में राजेंद्र कुमार यानि अनवर की बहन नजमा का कैरेक्टर बहुत भा गया।
निम्मी जी अड़ गई कि वो यही कैरेक्टर निभाएंगी। निम्मी जी जब अपनी ज़िद से पीछे नहीं हटी तो मुख्य हीरोइन के रोल में साधना जी को कास्ट कर लिया गया।
मेरे महबूब शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रही। और निम्मी जी को भी उनके काम के लिए खूब सराहा गया। लेकिन इसी के साथ निम्मी टाइपकास्ट भी हो गई।
मेरे महबूब के बाद किसी भी डायरेक्टर ने निम्मी को मुख्य हीरोइन के रोल नहीं दिए। साल 1964 में आई दाल में काला इकलौती ऐसी फिल्म रही जिसमें निम्मी हीरोइन थी। और हीरो थे किशोर कुमार।
उसके बाद ना तो निम्मी के पास हीरोइन के रोल्स आए। और ना ही निम्मी जी ने फिल्मों में काम करने में दिलचस्पी ली। और इस तरह निम्मी का शानदार फिल्मी सफर खत्म हो गया।
आखिरी दफा निम्मी साल 1986 में आई के.आसिफ की फिल्म लव एंड गॉड में दिखी थी। वो भी हिरोइन के रोल में। और फिल्म में इनके हीरो थे संजीव कुमार। लेकिन ये फिल्म बहुत देरी से रिलीज़ हुई थी।
निम्मी का निजी जीवन
बात अगर निम्मी जी के निजी जीवन के बारे में करें तो इन्होंने स्क्रिप्ट राइटर अली रज़ा से शादी की थी। निम्मी जी को उनकी हेयर ड्रेसर ने पहली दफा अली रज़ा साहब की एक तस्वीर इन्हें दिखाई थी।
वो तस्वीर एक नामी फिल्म मैगज़ीन में छपी थी। उसी हेयर ड्रैसर ने निम्मी जी को सलाह दी थी कि आपको इनसे शादी करनी चाहिए। ये बहुत अच्छे इंसान हैं। निम्मी ने अली रज़ा साहब के बारे में काफी कुछ पहले ही सुन रखा था।
उन्हें भी अपनी हेयर ड्रैसर का वो आइडिया बुरा नहीं लगा। इसी बीच एक्टर मुकरी ने भी निम्मी को एकदम यही सलाह दी। मुकरी ने तो अली रज़ा और निम्मी की मुलाकात भी कराई।
और फाइनली दोनों ने एक-दूजे को पसंद किया। दोनों के परिवारों ने बैठकर दोनों की शादी तय की। और आखिरकार निम्मी जी की शादी अली रज़ा साहब से हो गई।
निम्मी जी को कभी कोई औलाद पैदा नहीं हो सकी। और उन्हें इस बात का हमेशा दुख रहा। बाद में निम्मी जी ने अपनी बहन के बेटे को गोद ले लिया था।
साल 2007 में निम्मी जी के पति अली रज़ा की मृत्यु हो गई थी। और फिर साल 2020 में निम्मी जी भी 87 साल की उम्र में ये दुनिया छोड़कर चली गई।
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