Achala Sachdev | गुज़रे ज़माने के Bollywood की एक प्यारी सी मुस्कान वाली Actress जिसका आखिरी समय अच्छा नहीं रहा | Biography
Achala Sachdev. हिंदी सिनेमा की सबसे प्यारी मांओं में से एक। सालों तक हिंदी सिनेमा में एक्टिव रही अचला सचदेव ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया और लगभग हर बड़े सुपरस्टार की मां का रोल इन्होंने निभाया।
इन पर फिल्माया गया वक्त फिल्म का गीत, ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बी आज भी लोगों को गुनगुनाते हुए आराम से देखा जाता है।
फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में काजोल की दादी मां के छोटे से रोल में अचला सचदेव ने इतना शानदार काम किया कि लोगों के ज़ेहन में उनका चेहरा रच-बस गया।
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Actress Achala Sachdev Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज Achala Sachdev की कहानी कहेगा। हम जानेंगे कि Achala Sachdev फिल्मों में कैसे आई और कैसे करोड़ों की मालकिन रही अचला सचदेव आखिरी वक्त में तंगहाली का शिकार हुई।
ऐसा था Achala Sachdev का शुरूआती जीवन
अचला सचदवे के शुरूआती जीवन के बारे में बहुत ज़्यादा जानकारियां उपलब्ध नहीं हैं। हम केवल इतना जानते हैं कि इनका जन्म 3 मई 1920 को पेशावर शहर में हुआ था।
कहा जाता है कि अचला सचदेव जब महज़ 6 साल की थी तो इनके पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में इनकी मां को इनकी और इनकी तीन बहनों की परवरिश करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।
मां ने जैसे-तैसे अपनी तीन बड़ी बेटियों को पढ़ाया और उनकी शादी की। लेकिन अचला सचदेव ने अपनी मां से साफ कह दिया कि वो शादी तब ही करेंगी जब अपने पैरों पर खड़ी हो जाएंगी।
इस तरह बॉलीवुड में हुआ Achala Sachdev का डेब्यू
अचला ऑल इंडिया रेडियो के लाहौर स्टेशन में काम करने लगी। यहां वो रेडियो नाटकों में हिस्सा लेती थी।
देश का बंटवारा हुआ तो अचला अपने रिश्तेदारों संग लाहौर से दिल्ली आ गई और ऑल इंडिया रेडियो के दिल्ली स्टेशन में काम करने लगी।
अचला महज़ 20 साल की थी जब फिल्म फैशनेबल वाइफ में इन्हें काम करने का ऑफर मिला। लेकिन इत्तेफाक से इन्हें इस फिल्म में एक मां का किरदार मिला था।
भोली भाली अचला ने वो ऑफर स्वीकार भी कर लिया। और इस तरह 1938 में रिलीज़ हुई फिल्म फैशनेबल वाइफ इनकी डेब्यू फिल्म बनी।
प्रमुख फिल्म
अपनी पहली फिल्म में अचला ने अपने किरदार को मजबूती के साथ निभाया। अचला की एक्टिंग की हर किसी ने तारीफ की। लेकिन इसी के साथ अचला टाइपकास्ट भी हो गई।
अचला को लोगों ने मां के रोल ही ऑफर करने शुरू कर दिए। मजबूरन अचला ने मां के किरदार निभाने जारी रखे। फिल्मों में काम करने के दौरान अचला ने रेडियो की अपनी नौकरी जारी रखी।
50 के दशक में अचला ने मां, राही, फुटपाथ, चांदनी चौक, नौकरी, आज़ाद, मिस मैरी और अदालत जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया।
पहली शादी और फिर तलाक
अचला सचदेव ने ज्ञान सचदेव नाम के शख्स से शादी की थी। ज्ञान सचदेव फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर की हैसियत से काम किया करते थे। अचला और ज्ञान सचदेव को एक बेटा हुआ जिसका नाम रखा गया ज्योतिन।
जब अचला को लगा कि उनके जीवन में अब सभी खुशियां आ गई हैं तो इसी दौरान पति ज्ञान सचदेव से उनकी अनबन होने लगी। कई बार तो इन दोनों के बीच में झगड़े भी होने लगे।
रोज़-रोज़ के झगड़ों से आज़िज़ आकर आखिरकार अचला ने अपने पति ज्ञान सचदेव से तलाक ले लिया। जबकी इनके तलाक के कुछ महीनों बाद ही इनका बेटा ज्योतिन भी विदेश जाकर बस गया।
अचला एकदम अकेली हो गई। हालांकि इस दौरान अचला ने फिल्मों में काम करना जारी रखा।
फिल्म इंडस्ट्री के अपने दोस्तों के साथ ही अचला अपनी ज़िंदगी की तनहाई को कुछ कम करने की कोशिश किया करती थी। देवानंद साहब की पत्नी कल्पना कार्तिक से इनकी बड़ी गहरी दोस्ती थी।
कल्पना कार्तिक और अचला सचदेव कई सालों तक एक-दूसरे को चिट्ठी लिखकर हाल चाल पूछते रहते थे। वहीं सुनील दत्त साहब और राज कपूर साहब से भी अचला सचदेव की अच्छी दोस्ती थी।
मीना कुमारी से भी थी Achala Sachdev की बढ़िया दोस्ती
यूं तो मीना कुमारी से भी इनकी काफी गहरी दोस्ती थी। लेकिन जब कुछ लोगों ने इन पर इल्ज़ाम लगाया कि ये तो मीना कुमारी के पैसे के पीछे पड़ी हैं तो मजबूरन अचला सचदेव ने मीना कुमारी से अपनी दोस्ती खत्म कर दी।
मीना कुमारी से दोस्ती खत्म करने की एक बड़ी वजह अचला के लिए ये रही कि मीना कुमारी की कई हरकतें अचला को कतई पसंद नहीं थी।
मीना कुमारी की उन अजीब हरकतों की वजह से उनके बारे में कई तरह की बातें उड़ने लगी थी। ये बातें जब ज़्यादा बढ़ने लगी तो अचला को मीना कुमारी से दोस्ती खत्म करने की एक और वजह मिल गई।
अचला सचदेव का हुआ भीषण एक्सीडेंट
अचला जब फिल्म आदमी और इंसान की शूटिंग कर रही थी तो इनका बड़ा ज़बरदस्त एक्सीडेंट हो गया था।
जिस गाड़ी में इनका एक्सीडेंट हुआ था उसी गाड़ी में इनके साथ पूनम सिन्हा भी सफर कर रही थी। हालांकि तब तक पूनम सिन्हा की शादी शत्रुघ्न सिन्हा से नहीं हुई थी।
गाड़ी आराम से अपनी चाल चली जा रही थी कि अचानक ड्राइवर को एक तेज़ नींद का झोंका आया और गाड़ी तेज़ रफ्तार से एक पेड़ से जा टकराई। पीछे एक दूसरी कार में सायरा बानो और उनकी मां नसीम बानो आ रही थी।
जैसे ही उन्होंने देखा कि अचला सचदेव की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है तो फौरन उन्होंने अपनी कार रुकवा दी और अचला सचदेव और पूनम सिन्हा को हॉस्पिटल लेकर गई।
ये वो वक्त था जब अचला सचदेव और उनके पति ज्ञान सचदेव के बीच तलाक हुए अभी कुछ महीने ही गुज़रे थे।
जब अचला ने छोड़ा फिल्मों में काम करना
अपने कई साल लंबे करियर में अचला सचदेव ने यूं तो कई तरह के किरदार निभाए। लेकिन ये मशहूर केवल मां के रोल निभाने के लिए ही हुई।
हालांकि मां के किरदार को भी इन्होंने कई रंग-रूपों में पेश किया। फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में इनका निभाया दादी मां का किरदार भला कौन भुला सकता है।
लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब इन्होंने फिल्मों में काम ना करने का फैसला लिया। फिल्मों में काम ना करने का फैसला लिया था इन्होंने एक नाराज़गी के चलते।
दरअसल, फिल्मों की शूटिंग के दौरान अचला सचदेव तो वक्त से सेट पर पहुंच जाती थी। लेकिन हीरो हीरोइन अक्सर लेट आते थे।
ऐसे में डायरेक्टर पहले हीरो हीरोइन के सीन शूट करता था और इस वजह से इन्हें काफी इंतज़ार करना पड़ता था।
अचला इसी बात से परेशान थी और आखिरकार इन्होंने एक दिन फिल्मों में काम ना करने का फैसला कर लिया।
Achala Sachdev की ऐसी है निजी ज़िंदगी
अचला सचदेव की निजी ज़िंदगी की बात करें तो ये तो हमने आपको पहले ही बता दिया कि इनकी पहली शादी नाकामयाब रही और पहले पति से इन्होंने तलाक ले लिया था।
फिर सालों बाद इन्होंने दूसरी शादी की क्लिफर डगलस पीटर्स नाम के एक विदेशी से। क्लिफर से इनकी मुलाकात यश चोपड़ा की एक फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी।
उस वक्त अचला अकेले ज़िंदगी गुज़ार रही थी और क्लिफर की पहली पत्नी दुनिया छोड़कर जा चुकी थी तो वो भी किसी साथी की तलाश में थे।
पहली ही मुलाकात में अचला और क्लिफर एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। क्लिफर से शादी करने के बाद अचला उनके साथ पुणे आ गई।
फिर अकेली हो गई अचला
दरअसल, पुणे के भौसारी इलाके में क्लिफर की एक फैक्ट्री थी जिसका नाम था मौरिस इलैक्ट्रॉनिक्स।
यहां कुछ वक्त बिताने के बाद अचला सचदेव अपने पति क्लिफर के साथ हडपसर में रहने के लिए आ गई।
हडपसर आने के कुछ साल बाद पीटर की मौत हो गई और अचला जी एक बार फिर से अकेली हो गई।
बढ़ती उम्र जब इनके शरीर पर हावी हो गई तो इन्होंने जनसेवा फाउंडेशन नाम की एक संस्था को अपना फ्लैट इस शर्त पर दान कर दिया कि जब तक वो ज़िंदा हैं तब तक जनसेवा फाउंडेशन को उनकी देखभाल करनी होगी।
और दुनिया से चली गई अचला
जनसेवा फाउंडेशन के साथ ये करार किए अचला सचदेव को अभी पांच साल का वक्त ही हुआ था कि साल 2011 में एक दिन ये अपनी रसोई में फिसलकर गिर गई और बुरी तरह से घायल हो गई।
इनके एक पैर में फ्रैक्चर हो गया और सिर में भी काफी चोट आई। सीटी स्कैन में पता चला कि इनके ब्रेन में कई जगह खून के थक्के जम गए हैं।
अस्पताल में इलाज के दौरान ही ये पैरालाइस की शिकार हो गई और इनकी आंखों की रोशनी भी चली गई।
और आखिरकार 30 अप्रैल 2012 को 91 साल की उम्र में अचला सचदेव ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
आखिरी यात्रा में बॉलीवुड से कोई नहीं पहुंचा
अचला सचदवे की मौत की खबर को मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया और बताया। लेकिन जिस फिल्म जगत में अचला सचदेव ने अपनी आधे से ज़्यादा ज़िंदगी गुज़ार दी वहां से किसी ने भी उनके आखिरी सफर में हिस्सा लेने की ज़हमत नहीं उठाई।
हालांकि अचला सचदेव का बेटा ज्योतिन अपनी मां को आखिरी विदाई देने अमेरिका से ज़रूर आया था।
अचला के आखिरी सफर में उनके कुछ रिश्तेदार और दोस्तों को मिलाकर कुल 40 लोग शरीक हुए थे। अमिताभ बच्चन और एकता कपूर ने अचला सचदेव को श्रद्धांजलि ज़रूर दी। लेकिन किसी और ने तो अचला सचदेव को याद करना तक गंवारा ना समझा।
हमेशा यादों में ज़िंदा रहेंगी अचला सचदेव
अपनी ग्रेसफुल स्माइल से हिंदी सिने प्रेमियों को मां के रिश्ते की खूबसूरती दिखाने वाली अचला सचदेव ज़िंदगी के आखिरी पलों में अकेलेपन से जूझती रही और अकेलेपन से लड़ते हुए ही ज़िंदगी से पीछा छुड़ाकर भी चली गई।
Meerut Manthan Achala Sachdev जी को नमन करता है और फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए उन्हें सैल्यूट करता है।
अचला सचदेव जैसी दूसरी अदाकारा फिर कभी बॉलीवुड को नहीं मिली और कभी मिल भी नहीं पाएगी। जय हिंद।
मुझे वे बहुत ही अच्छी लगती थीं, बहुत ही बढ़िया एक्टर।
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