Surekha Sikri | Balika Badhu की दादी सा के Bollywood में पहुंचने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है | Biography

Surekha Sikri. फिल्म और टेलिविजन जगत का वो जाना-पहचाना चेहरा जिसने सालों तक एक दमदार एक्ट्रेस के तौर पर अभिनय जगत में काम किया। 

कभी ये एक प्यारी सी अम्मा बनी तो कभी एक सख्त मिज़ाज दादी। कैरेक्टर चाहे जैसा भी हो, इन्होंने अपने हर कैरेक्टर को बखूबी जिया और अभिनय के क्षेत्र में अपना एक बड़ा ही दमदार मुकाम बनाया। 

लेकिन दादीसा यानि सुरेखा सीकरी अचानक ही ये दुनिया छोड़कर चली गई। 16 जुलाई 2020 को सुरेखा सीकरी जी का कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था।

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Actress Surekha Sikri Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan Surekha Sikri जी को याद करते हुए अपने दर्शकों को इनकी कहानी बता रहा है। Surekha Sikri जी कैसे अभिनय जगत में आई और अभिनय जगत में इनका सफर कैसा रहा, ये सब इस आर्टिकल में हम और आप जानेंगे।

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Surekha Sikri की शुरूआती ज़िंदगी

सुरेखा सीकरी का जन्म 19 अप्रैल 1945 को दिल्ली में हुआ था। हालांकि इनका परिवार उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखता था। इनके पिता एयरफोर्स में अधिकारी थे। 

जबकी इनकी मां एक टीचर थी। चूंकि पिता एयरफोर्स में थे तो इनका बचपन देश के कई अलग-अलग शहरों में गुज़रा। अल्मोड़ा और नैनीताल में इनके बचपन का काफी वक्त गुज़रा था। 

इनकी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और नैनीताल में हुई थी। इसके बाद इन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और यहां से इन्होंने ग्रेजुएशन किया।

कॉलेज से ही शुरू हो गया था Surekha Sikri का अभिनय का सफर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही ये कॉलेज ड्रामा सोसायटी से जुड़ गई थी और नाटकों में हिस्सा लेने लगी थी। 

लेकिन उस वक्त तक इन्होंने ज़रा भी नहीं सोचा था कि एक दिन ये बहुत बड़ी एक्ट्रेस बनेंगी। ये तो चाहती थी कि ये पढ़-लिखकर पत्रकार बनेंगी और पत्रकारिता करेंगी। 

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इनके साथ इनकी बहन भी पढ़ा करती थी। एक दफा मशहूर एक्टिंग गुरू इब्राहिम अलकाज़ी इनके कॉलेज पहुंचे और वहां उन्होंने एक नाटक का मंचन किया। वो नाटक बेहद शानदार था। 

इनकी बहन को वो नाटक बड़ा पसंद आया और उन्होंने फैसला कर लिया कि वो एनएसडी में दाखिला लेंगी। उन्होंने एनएसडी का फॉर्म भी मंगा लिया। लेकिन कई दिनों तक वो फॉर्म यूं ही पड़ा रहा।

इस तरह मिला Surekha Sikri को NSD में दाखिला

दरअसल, कुछ वक्त बाद एनएसडी में इनकी बहन की दिलचस्पी नहीं रही। उन्होंने कह दिया कि अब वो एनएसडी में नहीं जाना चाहती हैं। 

ऐसे में सुरेखा सीकरी की मां ने इन्हें सलाह दी कि ये वो फॉर्म भर दें। इन्होंने मां को बताया कि ये तो लेखन करना चाहती हैं और पत्रकारिता में जाना चाहती हैं।

तब इनकी मां ने कहा,"कोशिश करने में कोई गुरेज़ नहीं है। तुम वैसे भी कॉलेज में नाटकों में हिस्सा लेती ही हो। क्या पता तुम्हें एनएसडी में दाखिला मिल जाए?" 

मां की बात मानते हुए सुरेखा जी ने एनएसडी का फॉर्म भर दिया और इत्तेफाक से ऑडिशन में ये पास भी हो गई। इस तरह साल 1965 में ये एनएसडी की स्टूडेंट बन गई।

एनएसडी में की 15 साल तक नौकरी

1968 में एनएसडी का अपना कोर्स पूरा करने के बाद सुरेखा सीकरी एनएसडी से ही जुड़ गई और एनएसडी की रेपेटरी कंपनी में इन्होंने नौकरी जॉइन कर ली। 

अगले 15 सालों तक सुरेखा सीकरी एनएसडी की रेपेटरी कंपनी में काम करती रहीं। दिग्गज अभिनेता ओम शिवपुरी और अभिनेत्री सुधा शिवपुरी एनएसडी में इनके सीनियर थे। 

वहीं अभिनेता मनोहर सिंह रेपेटरी में इनके साथ थे। जबकी अभिनेत्री उत्तरा बाउकर भी रेपेटरी में इनके साथ थी और वो एनएसडी में इनकी क्लासमेट भी थी। 

रघुवीर यादव और ओमपुरी जैसे दिग्गज कलाकार भी एनएसडी रेपेटरी में इनके साथ ही काम किया करते थे।

तमस में Surekha Sikri ने किया दमदार काम

थिएटर से इन्हें बेहद प्यार था। नौकरी के दौरान ये नाटकों में लगातार काम करती रहीं। साल 1978 में इन्होंने पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म "किस्सा कुर्सी का" में पहली दफा काम किया। 

इसके लगभग 8 साल बाद इन्होंने अनाड़ी अनंत नाम की फिल्म में काम किया। लेकिन इसी साल दूरदर्शन पर रिलीज़ हुई गोविंद निहलानी की टेलिविज़न सीरीज़ तमस में भी ये नज़र आई।

भारतीय टेलिविजन पर तमस ने रिकॉर्ड बना दिया था। पहली दफा भारतीय दर्शकों को टीवी पर बेहद शानदार कहानी देखने को मिल रही थी। 

उस दौर के लोग आज भी तमस को याद करते हैं और सुरेखा सीकरी के किरदार राजो को आज भी नहीं भूले हैं।

जब मुंबई आई Surekha Sikri

सुरेखा सीकरी ने दिल्ली में रहते हुए ही अपने सभी शुरुआती एक्टिंग प्रोजेक्ट्स किए थे। ज़रूरत पड़ने पर ये मुंबई गई ज़रूर थी। लेकिन काम निबटाकर ये वापस दिल्ली आ जाती थी। 

यानि लंबे वक्त तक ये मुंबई में बसी नहीं थी। लेकिन जब इनकी निजी ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आने शुरू हुए तो इन्होंने फैसला किया कि ये मुंबई जाकर रहेंगी। 

इसी दौरान इनकी बहन ने मुंबई में फ्लैट ले लिया और सुरेखा जब मुंबई पहुंची तो उन्होंने अपनी बहन के फ्लैट को ही अपना पहला आशियाना बनाया।

Surekha Sikri की प्रमुख फिल्में

मुंबई आकर इन्होंने खुद को पूरी तरह से फिल्मों को समर्पित कर दिया और थिएटर करना लगभग छोड़ ही दिया। साथ ही साथ टीवी पर भी इन्होंने काम करना शुरू कर दिया। 

प्राइवेट टीवी चैनलों के दौर में तो इनके पास काम की कोई कमी ना रही। अपने करियर में इन्होंने लगभग तीस फिल्मों में काम किया।

इनकी प्रमुख फिल्में रही नज़र, लिटिल बुद्धा, सरफरोश, दिल्लगी, ज़ुबैदा, काली सलवार, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, रघु रोमियो, रेनकोट, तुमसा नहीं देखा, जो बोले सो निहाल, हमको दीवाना कर गए, देव डी, बधाई हो और शीर कोरमा। 

इनकी आखिरी फिल्म थी पिछले साल यानि 2020 में रिलीज़ हुई घोस्ट स्टोरीज़। हिंदी फिल्मों के अलावा इन्होंने कई मलयालम फिल्मों में भी काम किया था।

इन टीवी शोज़ में नज़र आई सुरेखा सीकरी

छोटे पर्दे की बात करें तो सुरेखा सीकरी को सबसे ज़्यादा शोहरत छोटे पर्दे से मिली। सीरियल बालिका वधू में इनके निभाए दादीसा के किरदार ने इन्हें देश के घर-घर में पहचान दिला दी। 

बालिका वधू के अलावा सुरेखा सीकरी ने परदेश में है मेरा दिल, जस्ट मोहब्बत, कभी-कभी, सात फेरे, सीआईडी, बनेगी अपनी बात, केसर और एक था राजा एक थी रानी जैसे लगभग 25 टीवी शोज़ में काम किया था।

इन अवॉर्ड्स से किया गया था सम्मानित

इन्हें मिले अवॉर्ड्स की बात करें तो तमस, मम्मो और बधाई हो फिल्मों के लिए इन्हें तीन बार बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 

साल 1989 में इन्हें संगीत नाट्य अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। फिल्म बधाई हो के लिए तो  फिल्मफेयर ने भी इन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्स्ट्रेस के अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

ऐसी थी सुरेखा सीकरी की निजी ज़िंदगी

बात अगर सुरेखा सीकरी के निजी जीवन के बारे में करें तो इन्होंने हेमंत रेगे से शादी की थी। इनका एक बेटा है जिसका नाम है राहुल सीकरी जो कि खुद भी एक कलाकार है। 

दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह की पहली शादी इनकी सौतेली बहन मनारा सीकरी से हुई थी। मनारा और नसीरुद्दीन शाह की एक बेटी है जिसका नाम है हीबा शाह। 

ये वही हीबा शाह हैं जिन्होंने बालिका वधू में दादीसा यानि सुरेखा सीकरी की जवानी के दिनों का रोल निभाया था। इस तरह सुरेखा सीकरी हीबा शाह की मौसी भी लगती हैं।

जब बुरी तरह घायल हुई सुरेखा सीकरी

एक दफा ये शूटिंग के सिलसिले में महाबलेश्वर गई थी। शूटिंग के दौरान इन्हें ब्रेन स्ट्रोक आ गया। जैसे ही ये गिरी तो गिरने से इन्हें काफी चोट भी लग गई। 

उसके बाद कई दिनों तक ये अस्पताल में अपना इलाज कराती रहीं। फिर जब ये पूरी तरह से ठीक हो गई तो इन्होंने दोबारा फिल्मों और टीवी शोज़ में एंट्री ली। 

काम पर वापस लौटने के बाद इन्होंने बधाई हो फिल्म में काम किया था। इसी फिल्म के लिए ही इन्हें इनका तीसरा नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।

सुरेखा सीकरी को शत शत नमन

16 जुलाई 2021 को अचानक ही दिग्गज अदाकारा सुरेखा सीकरी ये दुनिया छोड़कर चली गई। फिल्म हो, टेलिविजन हो, या फिर रंगमंच हो। 

सुरेखा सीकरी ने हर जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। सुरेखा सीकरी जी के जाने से फिल्म इंडस्ट्री में जो जगह खाली हुई है उसे भर पाना बेहद मुश्किल है। 

मेरठ मंथन सुरेखा सीकरी जी को नमन करता है और अभिनय जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।

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