Leela Chitnis | बतौर हीरोइन फिल्मों में काम शुरू करने वाली एक खूबसूरत Actress जो मां के किरदारों में भी खूब मशहूर हुई | Biography

Leela Chitnis. हिंदी सिनेमा के शुरूआती सालों की एक बेहद शानदार और बोल्ड एक्ट्रेस। 1930 के दशक में शुरू हुआ लीला चिटनिस का करियर अस्सी के दशक के आखिरी सालों तक चला। बेहद खूबसूरत लीला चिटनिस ने फिल्मों में अभिनेत्री के तौर पर तो सफलता हासिल की ही थी। लेकिन मां के किरदारों में इन्होंने बॉलीवुड में अपना एक ऐसा मुकाम बनाया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

actress-leela-chitnis-biography
Actress Leela Chitnis Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan की आज की पेशकश समर्पित है महान Actress Leela Chitnis को, जो 50 सालों के अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों का हिस्सा बनीं।

ये भी पढ़ें: Anupam Shyam | वो जाना पहचाना Actor जो लाखों दिल तोड़कर इस दुनिया से चला गया | Biography

Leela Chitnis का शुरूआती जीवन

लीला चिटनिस का जन्म हुआ था 9 सितंबर सन 1909 में कर्नाटक में। इनके पिता अंग्रेजी के नामी प्रोफेसर थे। यूं तो इनके पिता ब्राह्मण थे, लेकिन जाति प्रथा के वो इतने खिलाफ थे कि उन्होंने बाद में ब्रह्म समाज की सदस्यता ले ली।

पढ़े-लिखे परिवार में पैदा होने के चलते लीला को भी पढ़ने-लिखने का मौका मिला, जबकी उस दौर में लड़कियों को बहुत ज़्यादा पढ़ाया नहीं जाता था। लीला ने ग्रेजुएशन की थी। शुरूआत में लीला का पूरा नाम था लीला नागरकर।

आज़ादी के आंदोलन से भी जुड़ी थी Leela Chitnis

लीला जब 16 साल की हुई तो डॉक्टर गजानन यशवंत चिटनिस से उनकी शादी करा दी गई। उनके पति उम्र में उनसे काफी ज़्यादा बढ़े थे। उनसे लीला चिटनिस को 4 बेटे हुए थे। कुछ समय तक लीला अपने पति के साथ ब्रिटेन में भी रही थी। 

वहीं से इन्होंने और इनके पति ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में भी काम किया था। ब्रिटेन में एक दफा इनके पति ने आज़ादी की लड़ाई लड़ने की वजह से अंग्रेजों के निशाने पर आए मानबेंद्र रॉय को अपने घर में शरण दी थी। 

किसी तरह ये बात पुलिस को मालूम चल गई। हालांकि पुलिस जब तक इनके घर पहुंचती तब मानबेंद्र रॉय वहां से जा चुके थे। पुलिस ने लीला चिटनिस के पति को हिरासत में ले लिया था। हालांकि बाद में पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा, लेकिन लीला और उनके पति पर गिरफ्तारी की तलवार उसके बाद भी काफी दिनों तक लटकती रही।

इस तरह अभिनय से जुड़ी Leela Chitnis

स्थिति जब सामान्य हो गई तो लीला चिटनिस और उनके पति भारत वापस लौट आए और बॉम्बे शहर में रहने लगे। हालांकि फिर इनके पति से इनकी खटपट होने लगी और दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे। आखिरकार लीला चिटनिस और उनके पति ने अलग होने का फैसला किया और फिर दोनों ने तलाक ले लिया। 

लीला के चारों बेटों की ज़िम्मेदारी का बोझ उन्हीं पर आ गया। बेटों की परविरश के लिए लीला ने टीचर की नौकरी करनी शुरू कर दी। एक्सट्रा कमाई के लिए लीला ने नाट्य मन्वांतर नाम का एक थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया, जो कि आमतौर पर मराठी भाषा में नाटक किया करता था। ये वो दौर था जब महिलाओं का फिल्मों और नाटकों में काम करना बहुत ही बुरा समझा जाता था। ये वो दौर भी था जब भारत में फिल्म इंडस्ट्री की शुरूआत हो रही थी।

और हो गई लीला की फिल्मों में एंट्री

लीला स्टेज पर काम करने लगी और इनके नाटक उसना नावरा और उदयचा संसार को बेहद पसंद किया गया। उसके बाद एक्स्ट्रा कमाई के लिए ये फिल्मों में एक्स्ट्रा रोल्स करने लगी। साथ ही इन्होंने स्टंट फिल्मों में भी काम किया। 

वैसे तो इनकी पहली फिल्म थी सन 1935 में रिलीज़ हुई श्री सत्यनारायन। उसके बाद इन्होंने धुआंधार, छाया, वहां और इंसाफ नाम की कुछ और फिल्मों में भी काम किया।

लेकिन लोगों की नज़रों में ये चढ़ी सन 1937 में रिलीज़ हुई फिल्म जेंटलमैन डाकू से। इस फिल्म की कहानी के मुताबिक एक लड़की आदमी के कपड़े पहनकर दुनिया के सामने आ जाती है। 

इस फिल्म के लिए लीला चिटनिस को काफी सराहा भी गया तो समाज के एक धड़े द्वारा इनकी काफी आलोचना भी हुई।

अशोक कुमार के साथ खूब जमी इनकी जोड़ी

साल 1939 में रिलीज़ हुई फिल्म कंगन भारत की पहली सिल्वर जु़बली फिल्म थी। इस फिल्म में लीला महान अभिनेता अशोक कुमार के अपोज़िट नज़र आई थी। इस फिल्म से ही लीला चिटनिस को बॉम्बे टॉकीज की परमानेंट एक्ट्रेस बनने का मौका मिला और उन्होंने उस ज़माने की एक और खूबसूरत अभिनेत्री देविका रानी की जगह ली।

फिर तो अशोक कुमार के साथ इनकी जोड़ी कुछ ऐसी जमी कि इन दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया। आज़ाद, बंधन और झूला, ये वो फिल्में थी जिसमें अशोक कुमार और लीला चिटनिस की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया और ये फिल्में भी सुपरहिट रही थी। लीला चिटनिस धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री पर अपने एकछत्र राज को बढ़ाने लगी।

मां के किरदारों से हो गई अमर

हालांकि सन 1940 के दशक की शुरूआत के बाद इन्हें बतौर हिरोइन फिल्मों में लेना डायरेक्टर्स के लिए काफी मुश्किल होने लगा था, क्योंकि इनकी उम्र अब इनके चेहरे पर साफ नज़र आने लगी थी। 

आखिरकार 1948 से इन्होंने फिल्मों में मां के किरदार निभाने शुरू कर दिए। दिलीप कुमार की फिल्म शहीद में इन्होंने पहली दफा मां का किरदार निभाया था।

मां के रूप में भी लीला चिटनिस को बेहद पसंद किया गया। बस फिर क्या था, उसके बाद तो ये फिल्मों में परमानेंट मां के किरदारों में ही नज़र आने लगी। 

राज कपूर की फिल्म आवारा में भी इन्होंने उनकी मां का किरदार बड़ी खूबसूरती के साथ निभाया था। फिल्म गाइड में ये देव आनंद की मां के किरदार में नज़र आई थी। इनका वो किरदार भी यादगार बन गया।

लीला चिटनिस की प्रमुख फिल्में

अपने 50 साल लंबे करियर में लीला चिटनिस ने साढ़े तीन सौ से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया। इनकी प्रमुख फिल्में थी मां, आज की बात, नया दौर, साधना, फिर सुबह होगी, धूल का फूल, हम हिंदुस्तानी, गंगा जमुना, फरार, दुल्हान एक रात की, औरत, नई उमर की नई फसल, फूल और पत्थर, इंतकाम, शहनाई, असली-नकली, मन मौजी, जोहर-महमूद इन गोवा, इंतकाम, और मन की आंखें। अस्सी के दशक की शुरूआत में इन्होंने फिल्मों से खुद को दूर करना शुरू कर दिया था।

लीला की आखिरी फिल्म

1980 में इनकी फिल्म आई थी बिन मां के बच्चे। उसके बाद से ही इन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया। हालांकि सात सालों बाद यानि सन 1987 में लीला चिटनिस नज़र आई थी फिल्म दिल तुझको दिया में। 

इस फिल्म में ये मिसेज सिन्हा बनी थी जो कि फिल्म के हीरो कुमार गौरव की दादी थी। यही फिल्म लीला चिटनिस के करियर की भी आखिरी फिल्म थी। इसके बाद लीला चिटनिस ने फिल्मों को पूरी तरह से अलविदा कह दिया। 

फिर अपने बड़े बेटे मानवेंद्र के साथ रहने अमेरिका के कनैक्टिकैट राज्य के डेनबरी शहर में चली गई। वहीं पर 14 जुलाई साल 2003 को लीला चिटनिस ने इस दुनिया को भी अलविदा कह दिया।

ये भी इत्तेफाक है

ये भी एक इत्तेफाक ही है, कि फिल्म बंधन में इनके साथी कलाकार रहे सुरेश जो कि अपने दौर के एक मशहूर बाल कलाकार थे उनकी मौत भी 14 जुलाई के दिन ही हुई थी। हालांकि सुरेश की मौत इनसे काफी पहले यानि सन 1979 में ही हो चुकी थी। 

लेकिन बंधन फिल्म की शूटिंग के दौरान इन दोनों को इस बात का अंदाज़ा ज़रा भी नहीं होगा कि दोनों एक ही तारीख को दुनिया छोड़कर जाएंगे। बस साल अलग-अलग होंगे।

लक्स साबुन की पहली भारतीय मॉडल

लीला चिटनिस से जुड़ी एक खास बात और है। और वो ये कि ये पहली भारतीय अभिनेत्री थी जो लक्स साबुन के विज्ञापन में नज़र आई थी। इनसे पहले भारत में भी लक्स साबुन के विज्ञापनों में विदेशी मॉडल्स नज़र आते थे। 

लेकिन लीला चिटनिस ने अपनी खूबसूरती के दम पर लक्स साबुन के विज्ञापन में खुद को फीचर कराया। उस दौर में लक्स साबुन के विज्ञापनों पर इनकी तस्वीरें छपती थी और उन तस्वीरों पर कई लाइनें लिखी होती थी जैसे औरतें लीला चिटनिस से जलती हैं क्योंकि वो लक्स साबुन इस्तेमाल करती हैं। 

एक दूसरे विज्ञापन पर लिखा था, हमें बताओ लीला चिटनिस, तुम्हारी खूबसूरती का राज क्या है। वहीं एक विज्ञापन पर लिखा था, लवली लीला चिटनिस की तरफ से एक ब्यूटी टिप। एक अन्य विज्ञापन पर लिखा था, आपकी स्किन फ्रैश और स्मूथ हो जाएगी।

यादों में हमेशा रहेंगी Leela Chitnis

लीला चिटनिस ने डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया था। इन्होंने एक फिल्म लिखी थी जिसका नाम था आज की बात। लीला ने खुद ही इस फिल्म को प्रोड्यूस किया और इस फिल्म का डायरेक्शन भी इन्होंने खुद ही किया था। 

इस फिल्म में लीड रोल में अजीत खान थे। वही अजीत खान जो आगे चलकर बॉलीवुड के एक बेहद क्लासिक विलेन साबित हुए। इन्होंने कुछ और फिल्में भी प्रोड्यूस की थी। 

हालांकि डायरेक्शन और फिल्म प्रोडक्शन में इन्हें कुछ खास मकबूलियत हासिल नहीं हो पाई। लीला चिटनिस को इस दुनिया से गए हुए सालों गुज़र चुके हैं। 

अपनी आंखों से ही अपने अभिनय का डंका जमाने वाली लीला चिटनिस को Meerut Manthan और उसके सभी पाठक दिल से सलाम करते हैं और वादा करते हैं कि जब भी ज़िक्र आएगा लीला चिटनिस का नाम पूरे आदर और सम्मान के साथ लिया जाएगा। जय हिंद।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts | जानी दुश्मन फिल्म की पन्द्रह रोचक बातें | Trivia

Gurbachchan Singh | पुरानी फिल्मों में दिखने वाला गुंडा जिसे लोग धर्मेंद्र का चेला कहते थे | Biography

Anup Jalota | Bhajan Samrat से जुड़े आठ बड़े ही रोचक और Lesser Known Facts