Ramsay Brothers के गठित होने व Shyam Ramsay के बारे में कुछ रोचक बातें जानिए
ये कहानी जुड़ी है साल 1970 में आई एक फिल्म से। वो फिल्म जिसने भारत के पहले हॉरर मूवी प्रोडक्शन हाउस का रास्ता खोला। Ramsay Brothers के लिए रास्ता तैयार किया। इस फिल्म का नाम था "एक नन्ही सी लड़की थी।" फिल्म में मुमताज़, पृथ्वीराज कपूर, लक्ष्मी छाया, हेलन, नादिरा, जयंत, शत्रुघ्न सिन्हा, मुबारक और सज्जन जैसे दिग्गज कलाकार थे।
Shyam Ramsay of Ramsay Brothers - Photo: Social Media |
फिल्म में एक दृश्य है जिसमें पृथ्वीराज कपूर एक म्यूज़ियम में डकैती डालते हैं। और डकैती के वक्त वो एक डरावना सा दिखने वाला मास्क पहनते हैं। Ramsay Brothers के पिता F.U.Ramsay फिल्म के प्रोड्यूसर थे। उन्होंने Prithviraj Kapoor जी के लिए वो मास्क अमेरिका से मंगाया था। मास्क इतना डरावना दिख रहा था कि फिल्म की पब्लिसिटी में इसी मास्क का इस्तेमाल किया गया।
Shyam Ramsay के अनुसार, उससे पहले बिग स्क्रीन पर किसी ने भारत में इतना डरावना चेहरा नहीं देखा था। कई लोग सिर्फ Prithviraj Kapoor के मास्क वाले सीन्स देखने के लिए ही थिएटर में वो फिल्म देखने जा रहे थे। उस वक्त Ramsay Brothers ने सोचा कि जब लोग एक डरावना मास्क देखने में इतनी रूचि ले रहे हैं तो क्यों ना एक फुल फ्लैज्ड हॉरर फिल्म भी बनाई जाए।
फाइनली 1972 में रामसे ब्रदर्स की पहली व श्याम रामसे के मुताबिक, भारत की भी पहली हॉरर फिल्म 'दो गज़ ज़मीन के नीचे' का निर्माण किया गया। उसके बाद से रामसे ब्रदर्स ने अधिकतर हॉरर फिल्में ही बनाई। उन्हीं सात रामसे ब्रदर्स में से एक थे श्याम रामसे। 'दो गज़ ज़मीन के नीचे' फिल्म के निर्देशक भी श्याम रामसे ही थे।
रामसे ब्रदर्स की बनाई अधिकतर हॉरर फिल्मों का निर्देशन श्याम रामसे ने ही किया था। 17 मई 1952 को मुंबई में श्याम रामसे का जन्म हुआ था। चलिए, श्याम रामसे के बारे में और कुछ बातें भी जानते हैं।
श्याम रामसे जब छोटे ही थे तब उन्होंने एक ऐसे आदमी को देखा था जो बड़ा अजीब बर्ताव करता था। वो आदमी हर किसी को गुस्से से देखता था। उसके बारे में लोग कहते थे कि इस पर किसी प्रेत का साया है। हॉरर फिल्में बनाने की एक प्रेरणा श्याम रामसे को उस आदमी से भी मिली थी। थोड़े बड़े हुए तो इन्होंने हॉरर फिल्में देखना शुरू किया।
ईवल डैड, द एक्सोरसिस्ट और ओमेन जैसी फिल्में देखी। इन्हीं फिल्मों से श्याम रामसे को अपनी पहली फिल्म दो गज़ ज़मीन के नीचे' बनाने की इन्सपिरेशन मिली थी। जब श्याम रामसे ने अपने पिता एफ.यू.रामसे को बताया कि मैं फिल्म को डायरेक्ट करना चाहता हूं तो वो बहुत खुश हुए थे।
साल 1975 में श्याम रामसे ने अंधेरा नाम से एक फिल्म बनाई थी। ये फिल्म बोस्टन स्ट्रैंग्लर नामक एक हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित थी। श्याम रामसे की अंधेरा में एक कातिल के दोनों हाथ कटे होते हैं। वो अपने नकली हाथों से लोगों की हत्याएं करता है। और कोई भी उस पर शक नहीं करता। उस ज़माने में किसी को भी ये फिल्म पसंद नहीं आई थी।
नतीजा ये हुआ कि फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई। श्याम रामसे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर ये फिल्म आज के ज़माने में बनती तो ज़रूर चलती। उस ज़माने में वैसे भी रोबोट्स का कॉन्सैप्ट्स लोगों की समझ से परे था। मगर आज लोग रोबोट्स से अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
श्याम रामसे जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। 18 सितंबर 2019 को श्याम रामसे जी का निधन हो गया था। जिस वक्त श्याम रामसे का निधन हुआ था तब उनकी उम्र 67 साल थी। वो अपनी बेटी साशा रामसे को वीराना 2 के ज़रिए लॉन्च करने की प्लानिंग कर रहे थे। मगर श्याम रामसे की मृत्यु के चलते वीराना 2 पर भी काम रुक गया। Meerut Manthan Shyam Ramsay को ससम्मान याद करते हुए उन्हें नमन करता है।
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