Gufi Paintal Biography | फौज में नौकरी कर चुके गूफी पेंटल के फिल्मी सफर की दिलचस्प कहानी
Gufi Paintal Biography. 1960 में जब भारत पड़ोसी देशों की चालबाज़ियों का शिकार हुआ तो सरकार की तरफ से घोषणा की गई कि युवाओं को सेना में भर्ती होना चाहिए। सरकार का वो ऐलान सुनते ही सरबजीत सिंह पेंटल उर्फ Gufi Paintal, जो उन दिनों जमशेदपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, वो भी अपने कुछ साथियों संग सेना में भर्ती हो गए। सेना की जिस यूनिट में सरबजीत भर्ती हुए थे उसके इंचार्ज इनके सगे चाचा ही थे। इनके खानदान से कई लोग उन दिनों भारतीय सेना में बड़े पदों पर तैनात थे।
Gufi Paintal as Shakuni Mama in Mahabharat - Photo: Social Media |
जब चाचा ने Gufi Paintal को सेना में देखा तो उन्होंने पूछा कि तुमने पहले क्यों नहीं बताया कि तुम सेना में भर्ती होना चाहते हो? Gufi Paintal ने जवाब दिया कि मैं तो हमेशा से यही चाहता था कि या तो फौज में नौकरी करूं या फिल्म लाइन में जाऊं। फिल्मों में आप लोग भेजते नहीं। पिताजी ने इंजीनियरिंग करने भेज दिया। लेकिन मेरा वहां बिल्कुल भी दिल नहीं लगता। मगर जब सेना के लिए जवानों की ज़रूरत पड़ी तो मैं यहां आ गया।
पहले देश सेवा और फिर सिनेमा
गूफी उर्फ सरबजीत सिंह जब सेना में थे तो इन्होंने दो जंगों में देश की सेवा की। 1962 के भारत-चीन युद्ध में और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ये भारत की तरफ से शामिल हुए।
युद्ध खत्म होने के बाद सरबजीत सिंह फिर से इंजीनियरिंग पूरी करने जमदेशपुर आ गए। इंजीनियरिंग पूरी होने के बाद इन्होंने कुछ वक्त तक एक कंपनी में नौकरी भी की। उसी नौकरी के दौरान इनका तबादला मुंबई में हुआ।
जब ये मुंबई पहुंचे तब तक इनके छोटे भाई कवंरजीत पेंटल भी एफटीआईआई से पासआउट होकर मुंबई पहुंच चुके थे। और उन्हें कुछ फिल्मों में बढ़िया किरदार भी मिल गए थे।
बन गए एच.एस.रवैल के असिस्टेंट
कंवरजीत पेंटल जानते थे कि भाई सरबजीत का मन भी एक्टिंग में ही लगता है। दोनों भाई बचपन से साथ में छोटे-छोटे नाटक जो करते रहते थे। कंवरजीत जी ने ही इन्हें सलाह दी कि आप ये नौकरी छोड़कर फिल्म लाइन में ही आ जाईए। सरबजीत तो चाहते ही थे कि वो भी फिल्म लाइन से जुड़ें।
इसलिए भाई के कहने पर उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। फिर छोटे भाई कवंरजीत पेंटल, जो अब तक पेंटल के नाम से फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हो चुके थे, उनकी सिफारिश पर डायरेक्टर एच.एस.रवैल ने सरबजीत पेंटल को अपना असिस्टेंट बना लिया। साल 1976 में आई फिल्म लैला मजनू से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर सरबजीत पेंटल का फिल्मी सफर भी शुरू हो गया।
पिता भी कभी फिल्म इंडस्ट्री से ही जुड़े थे
4 अक्टूबर 1944 को लाहौर में सरबजीत पेंटल उर्फ गूफी पेंटल जी का जन्म हुआ था। इनके पिता लाहौर के मशहूर पंचोली आर्ट्स स्टूडियो में कैमरामैन हुआ करते थे। मगर विभाजन के बाद जब वो भारत आए तो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काम ना मिल सका।
इसिलिए वो नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे फिल्म लाइन में जाने के बारे में सोचें भी। हालांकि ये भी जानने लायक बात है कि सरबजीत पेंटल को तो उन्होंने इंजीनियरिंग करने जमशेदपुर भेज दिया। मगर छोटे बेटे कंवरजीत पेंटल को उन्होंने ही पुणे स्थित फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में भेजा था।
बी.आर.चोपड़ा के बने असिस्टेंट
मुंबई में जब बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर सरबजीत पेंटल जी का फिल्मी सफर शुरु हुआ तो साथ ही साथ इन्हें फिल्मों में बहुत छोटे-छोटे किरदार निभाने के मौके भी मिलने लगे थे।
उसी दौरान कुछ प्रिंट विज्ञापनों में भी इनकी तस्वीरें छपने लगी। एच.एस.रवैल के साथ कुछ वक्त तक काम करने के बाद गूफी पेंटल साहब बतौर एसोसिएट डायरेक्टर बी.आर.फिल्म्स से जुड़ गए।
वहां रहकर इन्होंने ना सिर्फ एसोसिएट डायरेक्टर बल्कि प्रोडक्शन डिज़ाइनर और कास्टिंग डायरेक्टर की हैसियत से भी काम किया। उन दिनों बी.आर.चोपड़ा महाभारत बनाने की तैयारी कर रहे थे।
यूं Gufi Paintal बने शकुनि मामा
गूफी पेंटल जी का काम था कि हर किरदार के लिए एक्टर्स का ऑडिशन लेना और उनमें से चुनिंदा एक्टर्स के ऑडिशन्स बी.आर.चोपड़ा को दिखाना। ताकि चोपड़ा साहब तय कर सकें कि कौन सा कलाकार महाभारत के लिए फिट रहेगा।
महाभारत के शकुनी मामा का रोल भी गूफी जी नहीं निभाने वाले थे। उन्होंने तो तीन एक्टर्स को शकुनी के रोल के लिए फाइनल किया था। उन तीनों में से कौन महाभारत का शकुनी होता ये बी.आर.चोपड़ा को तय करना था।
बी.आर.चोपड़ा ने वो तीनों ऑडिशन देखे और गूफी जी से कहा कि वो बाद में बताएंगे कि इन तीनों में से किसे महाभारत में शकुनी के रोल में लेना है।
अचानक एक दिन गांधारी और धृतराष्ट्र के विवाह का सीन शूट होने की तैयारियां होने लगी। गूफी जी घबराकर बी.आर.चोपड़ा के पास आए और बोले कि आपने तो मुझे बताया ही नहीं कि आपको उन तीनों में से कौन सा एक्टर शकुनी के रोल के लिए पसंद आया है।
बी.आर.चोपड़ा बोले,"ये रोल हमने तुम्हारे लिए रखा है। तुमसे अच्छा ये रोल कोई नहीं निभा सककता।" गूफी पेंटल हैरान रह गए। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि बी.आर.चोपड़ा उन्हें महाभारत का इतना बड़ा रोल ऑफर कर रहे हैं।
तब बी.आर.चोपड़ा ने उन्हें बताया,"तुमने बहादुर शाह ज़फर शो में जनरल मैटकाफ की भूमिका बहुत अच्छे से निभाई थी। इसलिए मुझे यकीन है कि तुम ये रोल भी निभा लोगे।"
दरअसल, महाभारत से पहले बी.आर.चोपड़ा ने आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के जीवन पर एक टीवी सीरीज़ बनाई थी। उस सीरीज़ में मुख्य विलेन जनरल मैटकाफ का किरदार गूफी पेंटल जी ने ही निभाया था।
और बी.आर.चोपड़ा उसी वक्त अंदाज़ा लगा चुके थे कि गूफी पेंटल बहुत अच्छे एक्टर भी हैं। महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाकर गूफी पेंटल अमर हो गए।
आज भी लोग उन्हें शकुनी मामा के तौर पर ही अधिक जानते-पहचानते हैं। 5 जून 2023 को गूफी पेंटल जी का निधन हो गया था।
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