Bharat Kapoor | बॉलीवुड का भुलाया जा चुका एक Actor जिसकी खलनायकी के कभी चर्चे हुआ करते थे | Biography

Bharat Kapoor जी ने एज़ ए थिएटर आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी। ये इप्टा से जुड़े हुए थे। ये थिएटर जगत में अच्छा-खासा नाम कमा चुके थे। एक दिन चेतन आनंद की नज़र Bharat Kapoor पर पड़ी। Chetan Anand ने Bharat Kapoor को एक नाटक में देखा। 

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Biography of Bollywood Actor Bharat Kapoor - Photo: Social Media

उस नाटक का नाम था "तनहाई।" इनकी एक्टिंग से चेतन आनंद इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म "हिंदुस्तान की कसम" में काम करने का ऑफर भरत कपूर जी को दिया। साथ ही "हंसते ज़ख्म" में भी उन्होंने भरत जी को एक किरदार में लेने की बात कही। 

अब कोई भी एक्टर भला Chetan Anand जैसे बड़े फिल्मकार की फिल्म में काम करने का मौका कैसे गवां सकता है? सो Bharat Kapoor ने भी फौरन चेतन आनंद साहब के दिए दोनों ऑफर स्वीकार कर लिए। Bharat Kapoor वैसे भी फिल्मों में काम करने के लिए ही थिएटर से जुड़े थे। 

और थिएटर में पैसा भी कुछ खास नहीं था। थिएटर के ज़रिए ही भरत कपूर जी को और भी कई फिल्में मिली थी। जैसे, साल 1974 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था "गुप्त ज्ञान।" इस फिल्म में भरत कपूर एक सैक्सोलॉजिस्ट बने थे। 

यानि फिल्म के हीरो वही थे। नाम से आप समझ ही गए होंगे कि ये फिल्म किस विषय पर आधारित थी। भरत कपूर जी बताते हैं कि वो फिल्म उस ज़माने में बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। 

उसी दौरान कुछ और फिल्मों में भी भरत कपूर बतौर हीरो नज़र आए। उनमें से एक थी "क्षितिज़", जिसमें इनकी हीरोइन थी ज़ाहिरा। 

पर चूंकि उसी दौरान ये फिल्मों में निगेटिव किरदार भी काफी निभा रहे थे तो इनकी पहचान एक विलेन के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री में बन गई। हर कोई इन्हें विलेनियस रोल्स ही ऑफर करने लगा। और भरत कपूर जी भी बेझिझक वो रोल्स स्वीकार करते गए।

भरत कपूर बताते हैं कि जब चेतन आनंद ने इन्हें अपनी फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया था तब उन्होंने इनसे पूछा था कि तुम हीरो बनने का ख्वाब तो नहीं देखते हो ना? जवाब में भरत जी ने चेतन साहब से कहा था कि ऐसा कुछ नहीं है। उन्हें बस अच्छा किरदार चाहिए। फिर चाहे वो निगेटिव ही क्यों ना हो। 

भरत कपूर ये भी कहते हैं कि उन्हें कभी इस बात की टेंशन नहीं रही कि उन्हें विलेन के रूप में टाइपकास्ट कर दिया गया है। उन्हें कभी भी विलेन के रोल निभाने में कोई समस्या नहीं हुई। 

और वो ऐसे किरदार निभाकर खुश रहे हैं। 1979 में आई यश चोपड़ा की "नूरी" वो फिल्म थी जिसने भरत कपूर जी को बतौर विलेन फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया था। नूरी में इनका निभाया विलेन बशीर खान का किरदार बहुत सराहा गया था। 

अपने पूरे करियर में भरत कपूर जी ने विभिन्न भाषाओं की लगभग दो सौ फिल्मों में काम किया है। इनमें से अधिकतर में वो निगेटिव किरदारों में ही दिखे हैं। 

फिल्मों के अलावा भरत जी ने टीवी पर भी काफी काम किया है। दूरदर्शन के ज़माने से लेकर प्राइवेट चैनल्स के दौर तक में भरत कपूर टीवी पर नज़र आए हैं। 

लगभग 35-40 टीवी शोज़ में इन्होंने काम किया है। भरत कपूर जी डेली सोप्स को कभी पसंद नहीं करते। इसलिए उन्होंने सिर्फ एक ही डेली सोप में काम किया था। और फिर वो भी जल्द ही छोड़ दिया था। 

क्योंकि इनका मानना है कि डेली सोप्स में कहानी के नाम पर कुछ भी नया नहीं है। एक ही तरह की घिसी-पिटी स्क्रिप्ट को डेली सोप्स बनाने वाले बार-बार रिपीट करते रहते हैं। बकौल भरत कपूर, वो इस तरह के टीवी शोज़ में कभी काम नहीं कर सकेंगे।

चलिए अब ज़रा भरत कपूर जी की निजी ज़िंदगी के बारे में भी कुछ जान लेते हैं। इनका जन्म हुआ था 15 अक्टूबर 1945 को लाहौर में। इनके पिता ईश्वर चंद्र कपूर एक गीतकार थे। 

ये मात्र तीन महीने के थे जब इनके पिता ने इनकी मां कौशल्या देवी व इन्हें अपने पास मुंबई बुला लिया। मुंबई आने के बाद इनके माता-पिता के तीन बच्चे और हुए। दो बेटे व एक बेटी। भरत जी ने डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूलिंग की थी। 

फिर मुंबई के ही साबू सिद्दीक कॉलेज से भरत कपूर जी ने इंजीनियरिंग की डिग्री ली। और जानते हैं उस कॉलेज में भरत जी के टीचर कौन थे? हिंदी सिनेमा के बहुत ही शानदार एक्टर-राइटर कादर खान साहब। 

कादर खान साहब की संगत मिलने पर ही भरत कपूर जी ने थिएटर का रुख किया और इप्टा जॉइन किया था। इप्टा यानि इंडियन पीपल्स थिएटर असोसिएशन। 

साल 1970 में भरत कपूर जी की शादी हो गई थी। इनकी पत्नी का नाम है लोपा कपूर। Bharat Kapoor के तीन बच्चे हैं। दो बेटे सागर कपूर व राहुल कपूर। और एक बेटी कविता। भरत जी के छोटे बेटे राहुल आज एक नामी डायरेक्टर हैं। और किस्मत से भरत जी ने बेटे राहुल कपूर के डायरेक्शन में भी कुछ टीवी शोज़ व फिल्मों में काम किया है। राहुल कपूर एड फिल्में भी डायरेक्ट करते हैं। 

भरत जी के बड़े बेटे सागर कपूर भी एक एड फिल्म कंपनी में एक बड़े ओहदे पर काम करते हैं। यानि इनके दोनों बेटे अपने जीवन में अच्छा कर रहे हैं और सेटल्ड हैं।

भरत जी की उम्र अब लगभग 79 साल हो चुकी है। वो अब एक्टिंग से रिटायर हो चुके हैं। घर पर ही अपना अधिकतर वक्त गुज़ारते हैं। और जीवन से बेहद खुश व संतुष्ट हैं। उनके दोनों बेटों की भी शादी हो चुकी है। 

और दोनों के बच्चे भी हैं। जबकी बेटी कविता की भी शादी हो चुकी है। उनका भी एक सुखी परिवार है। यानि भरत कपूर जी अब दादा-नाना भी बन चुके हैं। 

मेरठ मंथन ईश्वर से प्रार्थना करता है कि भरत कपूर जी हमेशा स्वस्थ रहें। और ऐसे ही सुखी जीवन व्यतीत करते रहें। भरत जी ने फिल्म इंडस्ट्री को जो अपना योगदान दिया है उसके लिए मेरठ मंथन उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद। 

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