Mahesh Anand | 90s का वो Bollywood Villain जिसका अंत बहुत बुरा हुआ | Biography
तारीख 8 फरवरी 2019. वर्सोवा के एक फ्लैट के बाहर टिफिन वाला रोज़ की तरह टिफिन रखने आया था। पिछले दो दिनों से उसका टिफिन यूं ही जा रहा था। टिफिन में मौजूद खाना दो दिनों से कोई नहीं खा रहा था। आज जब वो इस फ्लैट के बाहर टिफिन रखने आया तो उसे वहां कुछ बदबू आई।
उसने कुछ देर तक फ्लैट की डोरबेल बजाई। लेकिन दरवाज़ा नहीं खुला। वो टिफिन वाला आखिरकार चला गया। दोपहर तक जब बदबू बहुत अधिक बढ़ गई तो आस-पास रहने वाले लोगों ने पुलिस में शिकायत की।
पुलिस आई और दरवाज़ा तोड़ा गया। उस घर के एक कमरे में बेड पर एक लाश पड़ी थी जिसका सिर ज़मीन पर लटका था। पास ही एक शराब की बोतल थी जो आधी हो चुकी थी।
टीवी चल रहा था। ये लाश थी अस्सी और नब्बे के दशक के हिंदी फिल्मों के धाकड़ विलेन, या यूं कहें कि धाकड़ साइड विलेन महेश आनंद की। महेश आनंद।
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Actor Mahesh Anand Biography - Photo: Social Media |
एक ऐसा नौजवान, जो बॉडी बिल्डिंग को अपनी इबादत और जिम को अपनी इबादतगाह समझता था। एक ऐसा गबरू जवान, जो मॉडलिंग की दुनिया में आया और हर तरफ छा गया। एक ऐसा युवा चेहरा, जो अपने दौर में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की आंखों का तारा बना।
ये नौजवान एक ज़बरदस्त डांसर था। मार्शल आर्ट में ब्लैक बैल्टर था। कई लड़कियों की आंख का तारा था। लेकिन जब ये नौजवान इस दुनिया से विदा हुआ, तो ना तो उसके पास उसके परिवार का कोई सदस्य था, और ना उसे चाहने वाला कोई था।
Meerut Manthan पर पेश है आज उस बॉलीवुड एक्टर की कहानी जिसका आगाज़ तो फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा धमाकेदार हुआ था। लेकिन कब बॉलीवुड ने ही इस नौजवान को साइड विलेन बना दिया, पता ही नहीं चला।
ये कहानी है अस्सी और नब्बे के दशक में बनने वाली एक्शन फिल्मों का ज़रूरी हिस्सा रहने वाले Mahesh Anand की, जो बेहद हैंडसम और बेहद टैलेंटेड होते हुए भी फिल्म इंडस्ट्री की बेरुखी झेलने पर मजबूर हुए।
Mahesh Anand की शुरूआती ज़िंदगी
13 अगस्त 1961. 40 और 50 के दशक की जानी-पहचानी अभिनेत्री रही तारा देवी के घर एक बेटे का जन्म हुआ। नाम रखा गया महेश। लेकिन बेटे के जन्म के दो साल बाद ही तारा देवी का निधन हो गया।
महेश जब बड़े हो रहे थे, तो उनका रुझान डांसिंग की तरफ होने लगा। लंबी-चौड़ी कदकाठी के महेश आनंद को मॉडलिंग करने का मौका भी मिल गया और उस दौर में बॉम्बे मैगज़ीन के कवर पेज पर भी इनकी ये तस्वीर छापी गई थी।
अपने दौर में महेश इंडिया के टॉप मॉडल्स में से एक थे। किसी ग्रीक गॉड जैसी पर्सनैलिटी वाले इस नौजवान की तरफ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री बड़ी उम्मीदों से देखने लगी।
Modeling से हुई थी Mahesh Anand के करियर की शुरूआत
मॉडलिंग में नाम हुआ तो फिल्म इंडस्ट्री ने भी इस नौजवान को निहारना शुरू कर दिया। महेश के लुक्स और उनकी डांसिंग स्किल्स उनकी पर्सनैलिटी के Key Feagure थे। सो पहली दफा इन्हें मौका मिला फिल्म सनम तेरी कसम में, जिसे इनकी गर्लफ्रेंड बरखा रॉय प्रोड्यूस कर रही थी।
बरखा रॉय मशहूर एक्ट्रेस रीना रॉय की बहन थी और महेश आनंद की पहली पत्नी भी थी। इस फिल्म की क्रेडिट रील में जो डांसर डांस कर रहा है वो वास्तव में महेश आनंद ही थे।
मशहूर था Mahesh Anand के Dance का जलवा
कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि मशहूर संगीतकार रहे आरडी बर्मन को उनका पहला फिल्मफेयर इसी फिल्म के टाइटल ट्रैक को मिला था। सनम तेरी कसम के बाद पहली दफा बतौर एक्टर महेश आनंद नज़र आए 1984 में रिलीज़ हुई फिल्म करिश्मा में।
हालांकि इसमें महेश का एक बेहद छोटा सा रोल था। इस फिल्म में भी महेश ने अपने डांस का हुनर दिखाया था। इसके अगले ही साल भवानी जंक्शन नाम की एक और फिल्म में नज़र आए। हालांकि ये फिल्म कब आई और कब चली गई किसी को मालूम नहीं चला।
ये थी Mahesh Anand की इकलौती बड़ी फिल्म
सन 1986 में महेश आनंद नज़र आए सस्ती दुल्हन महंगा दूल्हा नाम की फिल्म में। इस फिल्म में महेश आनंद शंकर दादा के किरदार में थे, जो कि गरीबों को परेशान करने वाले गुंडे-बदमाशों को सबक सिखाता है। महेश के माचौमैन वाले लुक को लोगों ने खूब पसंद किया।
यही वो इकलौती फिल्म थी जिसमें महेश लीड रोल में नज़र आए थे। इस फिल्म में उनके अपोज़िट प्रिया तेंदुलकर थीं। लेकिन इसके बाद महेश को अच्छे किरदार मिलने बंद हो गए। महेश को छोटे-मोटे गुंडे का किरदार मिलने लगा। लेकिन एक बेहतर भविष्य की उम्मीद में महेश ऐसे सभी रोल्स को चुपचाप करते चले गए।
इन फिल्मों में किया था Mahesh Anand ने काम
बात अगर इनके करियर की प्रमुख फिल्मों की करें तो इन्होंने गंगा जमुना सरस्वती, तूफान, स्वर्ग, ज़ुर्म, थानेदार, विश्वात्मा, वक्त हमारा है, गुमराह, क्रांतिवीर, कुली नंबर वन, विजेता, लाल बादशाह और कुरुक्षेत्र जैसी फिल्मों में काम किया।
इस बात से भी बेहद कम लोग वाकिफ हैं कि साल 1985 में रिलीज़ हुई फिल्म एडवेंचर्स ऑफ टार्जन के लिए पहले महेश आनंद को ही अप्रोच किया गया था। लेकिन फिर अचानक इस फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर बी सुभाष का मन बदल गया और उन्होंने महेश आनंद की जगह हेमंत बिरजे को फिल्म में ले लिया।
तब महेश आनंद डायरेक्टर बी सुभाष के पास कई दफा इस रोल को मांगने के लिए गए थे। लेकिन बी सुभाष ने उनसे उस वक्त कहा था कि उन्हें फिल्म के लिए एकदम फ्रेश फेश चाहिए। जबकी महेश तब तक कुछ फिल्मों में नज़र आ चुके थे।
कहा जाता है कि महेश आनंद की बदकिस्मती यहीं से शुरू हुई थी। महेश आनंद को फिर कभी कोई बड़ा किरदार किसी ने ऑफर नहीं किया। इस समय तक महेश आनंद अपनी गर्लफ्रेंड बरखा रॉय से शादी कर चुके थे और उनका तलाक भी हो चुका था।
जब Mahesh Anand के साथ हुआ बुरा हादसा
आंखों में बड़े-बड़े ख्वाब लेकर फिल्म इंडस्ट्री में आने वाले सुपर मॉडल और डांसर महेश आनंद केवल एक साइड विलेन बनकर रह गए। 2003 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान वो एक स्टंट कर रहे थे। उस दौर में स्टंट करना आज के मुकाबले बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हुआ करता था।
उस स्टंट सीन को शूट करते वक्त एक हादसा हुआ और महेश आनंद उस हादसे में बेहद गंभीर रूप से घायल हो गए। अगले छह महीनों तक महेश आनंद हॉस्पिटल में रहे। उनके फेंफड़े बुरी तरह से डैमेज हो गए थे। जब वो अस्पताल में भर्ती थे तो उन्हें देखने के लिए फिल्म इंडस्ट्री से वहां केवल संजय दत्त और आदित्य पांचोली ही पहुंचे थे।
बेहद बुरी हो गई Mahesh Anand की आर्थिक स्थिति
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी महेश आनंद को घर पर बेड रेस्ट करना पड़ा और अगले 3 सालों तक महेश आनंद बिना किसी काम के घर पर पड़े रहे।
3 सालों बाद जब वो ठीक होकर फिर से अपने लिए काम ढूंढने निकले तो तब तक काफी कुछ बदल चुका था। प्रोड्यूसर्स-डायरेक्टर्स ने उनसे मुंह फेरना शुरू कर दिया था। 2003 से लेकर 2018 तक महेश आनंद को फिल्मों में कोई काम नहीं मिला।
काम ना मिलने के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई। हालात ये हो गए थे, कि कहीं आने-जाने के लिए उनके पास ऑटो तक के पैसे नहीं थे। कुछ दोस्तों से उधार मांगकर वो अपने लिए सिगरेट का इंतज़ाम करते थे।
18 साल बाद मिला था Mahesh Anand को फिर से काम
महेश की बहन लता कभी-कभार उनकी मदद ज़रूर कर दिया करती थी। लेकिन उनसे मिलने वाली रकम को महेश शराब पर खर्च करने लगे। शराब की लत में महेश बुरी तरह से डूबने लगे।
15 सालों बाद महेश को पहलाज निहलानी ने अपनी फिल्म रंगीला राजा में काम दिया। इस फिल्म में गोविंदा और शक्ति कपूर जैसे बड़े सितारे थे। फिल्म में महेश का मात्र छह मिनट का रोल था। लेकिन इस रोल को महेश ने बहुत अच्छे से किया था।
हालांकि महेश की शराब की लत के चलते डायरेक्टर पहलाज निहलानी उनसे बेहद परेशान थे। महेश अक्सर सेट पर ही शराब पीने लगते थे। कई दफा Pahlaj Nihlani उनकी इस हरकत से काफी नाराज़ भी हुए थे।
Shakti Kapoor ने भी कही थी ये बात
शक्ति कपूर ने भी एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने भी रंगीला राजा की शूटिंग के दौरान महेश को काफी समझाया था कि वो इतनी ज़्यादा शराब ना पिया करे।
लेकिन महेश उनसे कहते, शक्ति भाई, 15 सालों बाद मुझे फिर से काम मिला है। इसलिए बस अभी मैं शराब पी रहा हूं। आगे किसी भी फिल्म की शूटिंग के दौरान मैं शराब नहीं पियूंगा।
महेश ने अपने कई दोस्तों को भी फोन करके ये खबर दी थी कि उनको फिल्मों में फिर से काम मिलना शुरू हो गया है। अपने एक दोस्त से तो उन्होंने ये भी कहा था, तुम्हें पता है। आज मैं लगभग 6 सालों के बाद अपने पैसों से खरीदी हुई सिगरेट पी रहा हूं।
और दुनिया से विदा हो गए Mahesh Anand
फिल्म रंगीला राजा 18 जनवरी 2019 को रिलीज़ हुई। ये फिल्म फ्लॉप रही। हालांकि महेश आनंद के छोटे से रोल को ज़रूर दर्शकों ने पसंद किया। इस फिल्म के ठीक 20 दिन बाद महेश आनंद अपने फ्लैट में मरे हुए पाए गए। उनकी लाश सड़ने लगी थी और उससे बदबू उठने लगी थी।
जब पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया और फिर दरवाज़ा तोड़ा गया तो महेश आनंद की लाश उनके कमरे में मिली। लाश सड़ना शुरू हो चुकी थी। लोगों को लगा कि महेश आनंद ने खुदकुशी कर ली है।
पुलिस ने महेश आनंद की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर हॉस्पिटल भिजवाया और महेश आनंद की बहन लता और उनके बहनोई कुणाल दास गुप्ता को खबर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महेश की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई थी।
ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी
महेश की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो इन्होंने पांच शादियां की थी। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इनकी पहली शादी हुई थी रीना रॉय की बहन बरखा रॉय संग जो कि एक फिल्ममेकर थी।
लेकिन उनके साथ इनकी शादी चल नहीं पाई और ये दोनों तलाक लेकर अलग हो गए। हालांकि कई जगहों पर ये दावा भी किया जाता है कि महेश आनंद और बरखा रॉय रिलेशन में ज़रूर थे लेकिन उनकी शादी नहीं हुई थी।
बरखा रॉय से तलाक के बाद महेश आनंद ने मिस इंडिया इंटरनेशनल एरिका मारिया डिसूजा संग सन 1987 में शादी की। मारिया भारतीय मूल की थी और कनाडा के टोरंटों की रहने वाली थी। मारिया और महेश आनंद का एक बेटा भी पैदा हुआ था।
महेश ने उसका नाम त्रिशूल रखा था। बेटा त्रिशूल जब दो साल का था तो महेश और एरिका का भी तलाक हो गया और एरिका बेटे त्रिशूल को लेकर टोरंटो चली गई। वहां एरिका ने दूसरी शादी कर ली।
ये औरतें भी रही इनकी ज़िंदगी में
साल 1992 में महेश ने अभिनेत्री मधु मल्होत्रा संग तीसरी शादी की। लेकिन उनके संग भी इनकी शादी ज़्यादा नहीं चल पाई और इनका तलाक हो गया। मधु मल्होत्रा से पहले अभिनेत्री कैटी ईरानी से भी महेश आनंद का अफेयर चला था। कैटी ईरानी से तो इन्होंने सगाई तक कर ली थी।
लेकिन किन्हीं वजहों से महेश का वो रिश्ता भी टूट गया था। महेश की ज़िंदगी में फिर से मुहब्बत आई सन 2000 में। इन्होंने कुंडली भाग्य फेम उषा बचानी से शादी कर ली। लेकिन उनसे भी इनका रिश्ता बहुत ज़्यादा चल नहीं पाया और दो साल बाद ही उनसे भी इनका तलाक हो गया।
महेश आनंद की पांचवी पत्नी
महेश की ज़िंदगी अकेले ही गुज़र रही थी कि साल 2015 में इनके जीवन में एक विदेशी महिला की एंट्री हुई। बेलारूस की रहने वाली इस महिला का नाम लाना है। कई लोग इनके बारे में दावा करते हैं कि ये रूस की रहने वाली हैं। लेकिन हकीकत ये है कि लाना रूस की नहीं, बल्कि बेलारूस की रहने वाली हैं।
महेश की मृत्यु की खबर जब लाना को मिली थी तो वो तुरंत बेलारूस से भारत आई थी और पोस्टमार्टम के बाद उन्होंने पुलिस से महेश की लाश ली और उसका अंतिम संस्कार कराया। लाना महेश की बहन लता की काफी करीबी हैं।
इस कनैडियन महिला से भी थे महेश आनंद के संबंध
लाना से शादी के बाद भी महेश आखिरी समय में अकेले रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि लाना के पास भारतीय नागरिकता नहीं थी और मजबूरी में लाना साल में एक या दो बार महेश से मिलने भारत आया करती थी।
एक बात जो महेश आनंद के बारे में शायद उनके खास लोग ही जानते होंगे कि इन पांच महिलाओं के अलावा एक महिला और थी जिससे इनके संबंध थे। हालांकि इस महिला से महेश शादी नहीं कर पाए थे।
ये महिला थी कनाडा की रहने वाली कैरी डान। महेश इनसे शादी भी करना चाहते थे। लेकिन किन्हीं कारणवश इस कैरी डान महेश आनंद से शादी नहीं कर पाई।
कैरी ने किय था ये दावा
कैरी डान ने ही एक दफा ये दावा भी किया था कि बेलारूस की महिला लाना संग भी महेश आनंद की शादी खत्म हो चुकी थी। महेश ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज़ किया था। वो भी महेश से बेइंतिहा मुहब्बत करती थी। लेकिन किन्हीं मजबूरियों के चलते वो महेश से कभी शादी नहीं कर पाई थी।
अपनी आखिरी फिल्म रंगीला राजा के रिलीज़ होने के बाद भी महेश ने उन्हें शादी का प्रपोज़ल दिया था। बकौल कैरी, महेश चाहते थे कि वो जल्द से जल्द कनाडा से भारत आ जाएं।
लेकिन ऐसा हो ना सका और कुछ ही दिनों बाद महेश की मृत्यु हो गई। कैरी के इन दावों पर कभी भी महेश की पांचवी पत्नी लाना का कोई बयान नहीं आया। लाना आज भी अपना नाम लाना महेश आनंद लिखती हैं।
अमिताभ के तगड़े फैन थे Mahesh Anand
चलिए अब हम आपको महेश आनंद की ज़िंदगी से जुड़े कुछ और रोचक तथ्य बताते हैं। महेश अपने कॉलेज के दिनों से ही अमिताभ बच्चन के बड़े फैन रहे हैं।
अमिताभ के प्रति महेश की दिवानगी का आलम कुछ ये था कि जब अमिताभ के बंगले में होली सेलेब्रेशन होता था तो उसे देखने के लिए महेश उनके बंगले की दीवार पर चढ़ जाते थे।
ये भी इत्तेफाक ही था कि जब महेश ने अपनी पहली फिल्म साइन की थी तो उस समय वहां अमिताभ बच्चन भी मौजूद थे और वो बड़े ही प्यार से महेश से बात कर रहे थे।
अमिताभ बच्चन और महेश आनंद से जुड़ा एक और किस्सा कुछ यूं है कि 90 के दशक की शुरूआत में एक दफा जब महेश अपनी कार से कहीं जा रहे थे तो सड़क किनारे सो रहे झुग्गी में रहने वाले तीन लोगों पर महेश की गाड़ी चढ़ गई थी।
इस घटना के बाद मीडिया में काफी बवाल हुआ था। तब अमिताभ बच्चन महेश की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने उस हादसे में मरने वाले लोगों के परिवार को मुआवजा दिया और महेश को कानूनी पचड़े में पड़ने से बचाया।
विनोद खन्ना से भी थी अच्छी दोस्ती
अमिताभ के अलावा बॉलीवुड में इनके विनोद खन्ना से भी अच्छे संबंध थे। इनके करियर के शुरुआती दिनों में विनोद खन्ना ने इनकी काफी मदद की थी। वहीं संजय दत्त से भी इनकी अच्छी दोस्ती थी।
संजय दत्त के अलावा आदित्य पांचोली भी महेश आनंद के गहरे दोस्त थे। हालांकि इनके बुरे वक्त में कोई भी इनके साथ खड़ा नहीं हुआ था।
1992 में भी आए थे सुर्खियों में
साल 1992 में एक पत्रकार ने महेश का इंटरव्यू लेने के लिए उन्हें फोन किया। महेश उस पत्रकार से बात कर ही रहे थे कि तभी दूसरा फोन बजा और महेश ने पत्रकार को होल्ड पर कर वो दूसरा फोन उठाया और उससे बात करने लगे।
दूसरे फोन पर महेश किसी जगह एक दिन के लिए बॉडीगार्ड की नौकरी की बात कर रहे थे. और उसके बदले में वो 10 हज़ार रुपए मांग रहे थे। दूसरे फोन पर महेश का इंतज़ार कर रहा पत्रकार महेश की बात सुन रहा था।
अगले दिन उस पत्रकार ने वो सारी बातें उस दौर की एक बड़ी फिल्मी मैगज़ीन में छाप दी। उस मैगज़ीन ने भी दावा किया था कि महेश फाइनेंसियल क्राइसिस से जूझ रहे थे।
ऐसे मिला था गुमराह का फाइट सीन
फिल्म गुमराह में संजय दत्त और महेश आनंद का एक फाइट सीन था जो कि उस वक्त बेहद पॉप्युलर हुआ था। पहले संजय दत्त के साथ ये फाइट सीन कोई और फाइटर करने वाला था। लेकिन वो फाइटर सेट पर मौजूद नहीं था। इत्तेफाक से उस फाइट सीन की सारी प्रिपेरेशन महेश आनंद ने ही की थी।
जब उस सीन को करने वाला फाइटर नहीं आया तो महेश भट्ट महेश आनंद के पास आए और उन्होंने कहा,"महेश यार इस फाइट सीन को तू ही कर ले। वो फाइटर तो आया ही नहीं जिसको संजू के साथ ये फाइट सीन करना था।" महेश भट्ट के कहने पर महेश आनंद ने वो फाइट सीन किया और वो फाइट सीन गुमराह के बेस्ट सीन्स में से एक बन गया।
इंदर कुमार से भी मिले थे महेश आनंद
सलमान खान के जिगरी दोस्त रहे अभिनेता इंदर कुमार की जब मौत हुई थी तो महेश आनंद ने फेसबुक पर लिखा था कि वो यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि इंदर कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। क्योंकि दो दिन पहले ही उन्होंने इंदर कुमार को एक वाइन शॉप पर देखा था।
उस पोस्ट में महेश ने लिखा था, "मैं इंदर को चेहरे से पहचानता था। हमारी कभी कोई बात नहीं हुई थी। मैंने उसे देखा और उसने मुझे। हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए और फिर वो चला गया। इंदर का इस तरह से जाना मुझे बड़ा अजीब लग रहा है।"
बेटे की याद में निकला दम
अपने आखिरी समय में महेश की केवल एक ही इच्छा थी। वो अपने बेटे त्रिशूल से मिलना चाहते थे। बेटे के लिए महेश ने फेसबुक पर लिखा भी था कि उनके मरने से पहले एक दफा वो उनसे आकर मिल ले।
लेकिन महेश आनंद की एक्स वाइफ इरिका मारिया डिसूजा ने कभी भी त्रिशूल को उनसे मिलने नहीं दिया। त्रिशूल को वो अपने साथ कनाडा ले गई थी और वहां उन्होंने त्रिशूल का नाम बदलकर एंथोनी वोहरा कर दिया था।
महेश को जानने वाले लोगों का कहना है कि महेश अपने बेटे त्रिशूल की याद में बेहद रोते थे। वो अक्सर कहते थे कि उन्होंने अपने बेटे को तब देखा था जब वो मात्र 2 साल का था। उसके बाद फिर कभी उन्होंने अपने बेटे को नहीं देखा। वो बस एक बार अपने बेटे को अपने सीने से लगाना चाहते थे।
ताइक्वांडो चैंपियन थे Mahesh Anand
महेश की मौत 57 साल की उम्र में हुई थी। लेकिन इस उम्र में भी महेश पूरी तरह से फिट थे। जिम से महेश इतनी मुहब्बत करते थे कि वो कहते थे कि जिम उनके लिए किसी मंदिर की तरह है।
महेश एक ट्रेंड मार्शल आर्टिस्ट थे और वो गरीब बच्चों को फ्री में ताइक्वांडों की ट्रेनिंग दिया करते थे। जवानी के दौर में महेश ने कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ताईक्वांडों प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया था।
बुरे वक्त ने उनको शराबी ज़रूर बना दिया था। लेकिन अंदर से वो तब भी उतने ही अच्छे इंसान थे जितना कि वो अपनी जवानी के दिनों में हुआ करते थे। आज महेश आनंद हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी फिल्में हमेशा सिने प्रेमियों के ज़ेहन में उनकी यादों को ज़िंदा रखेंगी।
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