Biography of Saira Banu | खूबसूरत अदाकारा सायरा बानो की ज़िंदगी की कहानी

Saira Banu. गुज़रे ज़माने की एक ऐसी खूबसूरत अभिनेत्री जिन पर उस दौर के लाखों नौजवान फिदा थे। अपने दौर में सायरा बानो बॉलीवुड की तीसरी सबसे ज़्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्री थी। 

Dilip Kumar संग सायरा बानो की शादी ने बेशक कई नौजवानों के दिल तोड़ दिए थे, लेकिन इस जोड़े की मुहब्बत आगे चलकर दुनिया के लिए मिसाल बनी थी।

हालांकि इस बात से बेहद कम लोग वाकिफ होंगे कि दिलीप कुमार सायरा बानो का पहला प्यार नहीं थे। सायरा बानो एक दूसरे बॉलीवुड एक्टर पर फिदा थी और उससे शादी करना चाहती थी। 

हालांकि सायरा की मां नहीं चाहती थी की सायरा ऐसा कोई भी कदम उठाएं। लेकिन सायरा उस बॉलीवुड एक्टर पर इतनी फिदा थी कि अपनी मां के भी वो खिलाफ हो गई थी।

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Biography of Saira Banu - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज आपको Saira Banu की पहली मुहब्बत का किस्सा सुनाएगा और बताएगा कि वो कौन सा अभिनेता था जिस पर Saira Banu का दिल Dilip Kumar से भी काफी पहले आ गया था।

ऐसी थी Saira Banu की शुरूआती ज़िंदगी

सायरा बानो का जन्म हुआ था 23 अगस्त 1944 को हिमाचल प्रदेश के मसूरी के एक अमीर मुस्लिम परिवार में। इनका ज़्यादातर बचपन लंदन में बीता था। 

इनकी मां नसीम बानो भी एक एक्ट्रेस थी और वो भी अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर थी। इनकी मां को भारत की पहली फीमेल सुपरस्टार कहा जाता है। 1930 और 1940 के दशक में नसीम बानो बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में शुमार होती थी।

इनके पिता अहसान उल हक भी उस दौर के नामी फिल्म प्रोड्यूसर थे। सायरा जब काफी छोटी थी तब ही इनके माता-पिता तलाक लेकर अलग हो गए थे। इसलिए सायरा की मां नसीम बानो ने इन्हें अपने एक रिश्तेदार के पास लंदन भेज दिया था। 

इनकी पढ़ाई-लिखाई लंदन में ही हुई थी। स्कूल के दिनों से ही सायरा को एक्टिंग में दिलचस्पी होने लगी और ये अपने स्कूल में होने वाले छोटे-मोटे नाटकों में हिस्सा लेने लगी।

ये थी Saira Banu की पहली फिल्म

साल 1960 में सायरा बानो वापस भारत लौट आई। इन्होंने फिल्मों में ऑडिशन देना शुरू कर दिया। फिल्म हम हिंदुस्तानी के लिए इन्होंने ऑडिशन दिया। 

लेकिन चूंकि उस वक्त ये काफी छोटी थी तो इन्हें लीड एक्ट्रेस की जगह साइड एक्ट्रेस का किरदार ऑफर किया गया। लेकिन सायरा इससे खुश नहीं थी और उन्होंने ये रोल करने से इन्कार कर दिया। 

सायरा ने साफ कह दिया कि वो अगर फिल्मों में काम करेंगी तो मेन हिरोइन के तौर पर ही करेंगी। फिर साल 1961 में सायरा बानो को शम्मी कपूर की हीरोइन बनने का मौका मिला फिल्म जंगली में।

और सुपरस्टार बन गई Saira Banu

ये फिल्म इतनी बड़ी हिट साबित हुई कि आज तक इस फिल्म का चर्चा होता है। इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा कुछ यूं है कि शम्मी कपूर उन दिनों एक बड़े स्टार थे। 

नई-नवेली सायरा को जंगली फिल्म के एक गाने की शूटिंग के दौरान काफी परेशानी आ रही थी। इससे शम्मी कपूर काफी चिढ़ गए और उन्होंने सायरा को कहा कि काम करना हो तो ढंग से करो नहीं तो अपने घर बैठो।

शम्मी कपूर की इस बात ने सायरा बानो पर काफी असर किया और उसके बाद सायरा ने खुद को तैयार किया और फिर पूरी फिल्म में बेहद शानदार काम किया। इस फिल्म के लिए सायरा बानो को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड का नॉमिनेशन भी मिला था।

जब दिलीप कुमार से नाराज़ हुई Saira Banu

सायरा बानो दिलीप कुमार को काफी पसंद करती थी। वो उनके साथ किसी फिल्म में काम करना चाहती थी। लेकिन चूंकि दिलीप कुमार उम्र में सायरा बानो से काफी बड़े थे तो उन्हें लगता था कि सायरा बानो उनके सामने काफी बच्ची हैं और सायरा के साथ उनकी जोड़ी जमेगी नहीं।

फिल्म राम और श्याम के लिए सायरा बानो ने भी ऑडिशन दिया था। लेकिन दिलीप कुमार ने सायरा बानो का नाम हटवा दिया और मुमताज़ को अपनी हिरोइन चुना। सायरा बानो इससे काफी नाराज़ भी हुई थी।

और इस तरह हुई दिलीप-सायरा की शादी

फिर एक दिन सायरा ने दिलीप कुमार को अपने दिल की बात बताई और कहा कि वो उनसे मुहब्बत करती हैं और शादी करना चाहती हैं। 

पर चूंकि दिलीप कुमार उस वक्त तक दो दफा मुहब्बत में नाकाम हो चुके थे सो उन्होंने सायरा बानो में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि दिलीप साहब को अहसास हो चुका था कि सायरा उनसे बेहद प्यार करती हैं।

आखिरकार एक दिन सायरा बानो की मुहब्बत ने दिलीप कुमार को झुकने पर मजबूर कर ही दिया और फिर साल 1966 में इस जोड़े ने शादी कर ली। 

शादी के बाद सायरा बानो की दिलीप कुमार की हीरोइन बनने की तमन्ना पूरी हुई और बैराग, सगीना और गोपी जैसी फिल्मों में ये दिलीप कुमार की हीरोइन भी बनी।

ये थे सायरा बानो का पहला प्यार

ये बात भी कम लोगों को ही मालूम है कि दिलीप साहब से पहले सायरा बानो एक और फिल्मस्टार राजेंद्र कुमार साहब को अपना दिल दे बैठी थी। राजेंद्र कुमार शादीशुदा थे और तीन बच्चों के पिता भी थे। लेकिन फिर भी सायरा बानो उनसे शादी करना चाहती थी।

इस बात की जानकारी जब सायरा की मां नसीम बानो को लगी तो उन्हें अपनी बेटी पर बड़ा गुस्सा आया। उन्होंने सायरा को काफी डांटा। लेकिन सायरा के सिर से राजेंद्र कुमार साहब की मोहब्बत का भूत उतर ही नहीं रहा था।

दिलीप कुमार गए थे सायरा को समझाने

ऐसे में नसीम बानो ने दिलीप कुमार से कहा कि वो सायरा को समझाएं। दिलीप कुमार ने नसीम बानो की बात मानते हुए सायरा को समझाया कि राजेंद्र कुमार शादीशुदा हैं और तीन बच्चों के पिता हैं इसलिए उन की तरफ इस नज़र से मत देखो।

हालांकि दिलीप कुमार ने ये काम काफी अनमने ढंग से किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि वो सायरा को ठीक से जानते नहीं थे। 

उन्हें लगता था कि सायरा लंदन में रही है और कहीं सायरा उन्हीं पर भड़क ना जाए। लेकिन हुआ कुछ यूं कि सायरा राजेंद्र कुमार को छोड़ दिलीप कुमार पर फिदा हो गई।

जब दिलीप कुमार को आया सायरा बानो पर गुस्सा

सायरा बानो और दिलीप कुमार से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा यूं है कि एक फिल्म में ये दोनों साथ काम कर रहे थे। फिल्म की शूटिंग आउटडोर थी। 

शूटिंग यूनिट पूरी तरह से तैयार थी और सायरा बानो का सेट पर आने का इंत़ज़ार हो रहा था। घंटों बीत गए लेकिन सायरा बानो शूटिंग के लिए नहीं आई दिलीप कुमार काफी नाराज़ हो गए थे।

फिर जब सायरा बानो शूटिंग के लिए सेट पर पहुंची तो उन्होंने सायरा बानो को डांटते हुए कहा कि क्या आप लोग कोई ताजमहल बना रहे थे जो इतनी देर लगा दी। 

और फिर दिलीप कुमार ने ज़ोर से कहा पैकअप। इस तरह उस दिन फिल्म की कोई शूटिंग नहीं हुई। दिलीप कुमार की उस डांट से सायरा बानो को बेहद रोना आया। और उस दिन के बाद वो फिर कभी शूटिंग पर देर से नहीं आई।

सायरा बानो की प्रमुख फिल्में

सायरा बानो के करियर की पहली फिल्म जंगली थी जिसमें शम्मी कपूर इनके हीरो बने थे। लेकिन फिर फिल्म ज़मीर में वही शम्मी कपूर इनके पिता बने थे और अमिताभ बच्चन इनके हीरो थे। 

इनके करियर की प्रमुख फिल्मों की बात करें तो ये थी पड़ोसन, चैताली, ब्लफमास्टर आई मिलन की बेला, अप्रैल फूल, शागिर्द, दिवाना, झुक गया आसमान आदमी और इंसान, बलिदान, ज्वार भाटा, रेशम की डोरी, साज़िश, हेरा-फेरी, और नेहले पे देहला।

ये थी इनकी आखिरी फिल्म

साल 1976 के बाद सायरा बानो ने फिल्मों से खुद को दूर कर लिया। देव आनंद साहब अपनी फिल्म ज्वैल थीफ में सायरा बानो को ही लेना चाहते थे। 

लेकिन तब तक दिलीप साहब से इनकी शादी हो चुकी थी। इसलिए देव साहब को ज्वैल थीफ में वैजयंती माला को लेना पड़ा। सन 1984 में इनकी फिल्म आई थी दुनिया, जिसमें इनके साथ दिलीप साहब ही थे। 

वहीं इनकी आखिरी रिलीज़्ड फिल्म थी 1988 में आई फैसला। हांलांकि ये सभी वो फिल्में थी जो शूट तो पहले ही हो चुकी थी लेकिन रिलीज़ सालों बाद हो रही थी।

इसलिए कभी मां नहीं बन पाई सायरा बानो

दिलीप और सायरा आजीवन बिना औलाद के क्यों रहे इसका खुलासा खुद दिलीप कुमार ने ही एक बार किया था। दिलीप कुमार ने बताया था कि साल 1972 में सायरा गर्भवती हुई थी।

लेकिन गर्भावस्था के आठवें महीने में सायरा को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो गई। डॉक्टरों ने काफी कोशिश की कि सायरा के बच्चे को बचा लिया जाए। 

लेकिन हाई ब्लड प्रेशर के चलते सायरा बानो का ऑपरेशन करना मुमकिन नहीं था और इसी कारण पेट में ही बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद सायरा कभी गर्भवती नहीं हुई और इन दोनों ने मान लिया की शायद यही ईश्वर की इच्छा है। 

Meerut Manthan Saira Banu को सिनेमा में उनके योगदान के लिए सैल्यूट करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनका और दिलीप कुमार का प्यार ऐसे ही सालों तक सलामत रहे।

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