मोहन जोशी | ये एक ट्रक ड्राइवर के बहुत मशहूर एक्टर बनने की कहानी है

ये एक ट्रक ड्राइवर के एक दिग्गज अदाकार बनने की कहानी है। कहते हैं कि हर किसी का भविष्य पहले ही तय होता है। इंसान बस धीरे-धीरे अपनी किस्मत के मुताबिक आगे बढ़ता चला जाता है।

मोहन जोशी एक छोटी सी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक थे। इनके पास अपनी तीन गाड़ियां थी। इन्होंने उस वक्त ये सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन ये एक मशहूर एक्टर बनेंगे।

हां, एक्टिंग ये ज़रूर करते थे। क्योंकि ये एक नाटक मंडली से जुड़े हुए थे। लेकिन फिल्मों में काम करने के बारे में इन्होंने कभी नहीं सोचा था। चलिए, आज विस्तार मोहन जोशी जी की कहानी जानते हैं।  

biography-of-actor-mohan-joshi
Biography of Actor Mohan Joshi - Photo: Social Media

04 सितंबर 1945 को बैंगलोर में Mohan Joshi का जन्म हुआ था। इनके पिता मिलिट्री वर्कशॉप में कार्यरत थे। Mohan Joshi चार साल के हुए तो इनके पिता का तबादला पुणे हो गया। परिवार पुणे आ गया।

Mohan Joshi जी की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई पुणे से हुई। पुणे में रहते हुए मोहन जोशी की जानकारी एक नाटक मंडली से भी हो गई। और मोहन जोशी उनके साथ मिलकर स्टेज पर अभिनय करने लगे। पढ़ाई के साथ-साथ मोहन जोशी स्टेज शोज़ भी करते रहे।

जब मोहन जोशी जी का ग्रैजुएशन कंप्लीट हुआ तो घरवालों ने इनकी शादी करा दी। शादी के साथ ही इनकी एक सरकारी नौकरी भी लग गई। मगर उस नौकरी में इनका मन नहीं लगता था।

मोहन जोशी नौकरी से ज़्यादा नाटकों में काम करना पसंद करते थे। नाटकों से इन्हें कुछ पैसे भी मिल जाते थे। एक दिन जब नौकरी से ये बहुत ज़्यादा ऊब गए तो इन्होंने इस्तीफा दे दिया।

वैसे भी ये नौकरी से अधिकतर गैर-हाज़िर रहा करते थे तो वहां इनका रिकॉर्ड खराब हो ही रहा था। मोहन जोशी ने जब नौकरी छोड़ी तो घरवाले बड़ा नाराज़ हुए।

घरवालों ने इन्हें इनकी शादी की दुहाई दी। इन्होंने कहा कि नाटकों में काम करके ये गुज़ारा कर लेंगे। लेकिन घरवालों ने कहा कि उसमें भविष्य सुरक्षित नहीं है। अगर कोई बड़ी मुसीबत आ गई तो जीना मुश्किल हो जाएगा।

घरवालों के दबाव के चलते मोहन जोशी ने एक लोडर ट्रक खरीद लिया। ये ट्रक चलाने लगे। अगले 9 सालों तक इन्होंने ट्रक ही चलाया। और इस दौरान दो और ट्रक इन्होंने खरीद लिए।

मगर एक दिन मोहन जोशी जी के ट्रक के साथ एक हादसा हो गया। ट्रक का एक्सीडेंट हो गया जिसमें कुछ लोग मारे भी गए। ये किस्मत से बच गए। मगर उस हादसे का इन पर बहुत बुरा असर हुआ। मोहन जोशी ने उस काम को छोड़ने का फैसला कर लिया।

बाकि बचे दोनों ट्रकों को इन्होंने बेच दिया। इनकी पत्नी व घरवालों को एक दफा फिर से इनकी चिंता सताने लगी। इसी दौरान इन्हें मुंबई में एक नाटक करने का अवसर मिला। ये मुंबई आ गए। उस नाटक में इनका काम काफी सराहा गया।

इसी दौरान इनके एक दोस्त ने इन्हें एक फिल्म में काम करने का ऑफर दिया। इनका वो दोस्त पुणे में इनके साथ ही नाटकों में काम करता था। अब वो अपने पिता की मदद से एक फिल्म बनाने जा रहा था।

दोस्त ने कहा तो मोहन जोशी उस फिल्म में काम करने को तैयार हो गए। फिल्म का नाम था एक दाव भुटाचा, जो साल 1983 में रिलीज़ हुई थी।

पहले मुख्य विलेन का किरदार मोहन जोशी जी को दिया गया था। मगर बाद में उस किरदार से इन्हें हटाकर एक दूसरा किरदार इन्हें दिया गया।

उस फिल्म में उस फिल्म में अशोक सराफ, राम नागरकर व रंजना जैसे मराठी फिल्मों के बड़े नाम भी थे। फिल्म को दर्शकों से अच्छा रेस्पॉन्स मिला। मोहन जोशी जी का भी बढ़िया नाम हुआ। और इन्होंने और कुछ मराठी फिल्मों में भी काम किया।

साथ ही साथ मराठी टीवी शोज़ में भी इन्होंने अपनी एक्टिंग स्किल्स दिखाई। इसी दौरान इन्हें एक हिंदी फिल्म में काम करने का ऑफर मिला। इन्हें बताया गया था कि फिल्म में इनका किरदार मुख्य विलेन के चमचे का होगा।

मोहन जोशी जी ने उस फिल्म में काम करने की हामी भर दी। लेकिन कुछ दिन बाद इन्हें बताया गया कि तुम्हारा एक फोटोशूट होना है। ये बड़े हैरान हुए। इन्होंने सोचा कि एक मामूली से रोल के लिए फोटोसेशन की ज़रूरत क्यों पड़ गई?

ये वहां पहुंचे और इन्होंने प्रोड्यूसर गौतम अधिकारी से पूछा कि इनका फोटोसेशन आखिर क्यों कराया जा रहा है? तब गौतम अधिकारी ने इन्हें बताया कि सबने मिलकर ये फैसला लिया है कि मुख्य विलेन का किरदार तुमसे निभाया जाना चाहिए।

मोहन जोशी वो सुनकर बहुत खुश हुए। और इन्होंने उस फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार निभाया भी। उस फिल्म में जितेंद्र, राहुल रॉय, ममता कुलकर्णी, नवीन निश्चल व सुरेश ओबेरॉय जैसे दिग्गज एक्टर्स भी थे। उस फिल्म का नाम था भूकंप। और वो रिलीज़ हुई थी 25 जून 1993 के दिन।

उस फिल्म में इनके किरदार का नाम था दया पाटिल। उस किरदार को मोहन जोशी जी ने बहुत तल्लीनता से निभाया। और इनका वो किरदार भी फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के बीच छा गया।

ये बात बतानी भी आपको ज़रूरी है कि भूकंप इनके द्वारा साइन की गई पहली हिंदी फिल्म ज़रूर है। लेकिन इनकी पहली रिलीज़्ड हिंदी फिल्म थी 1992 में आई जाग्रति जिसमें सलमान खान, करिश्मा कपूर, प्रेम चोपड़ा, अशोक सराफ, पंकज धीर और पुनीत इस्सर जैसे कलाकार थे।

जाग्रति की शूटिंग भूकंप से बहुत पहले पूरी हो गई थी तो वो पहले रिलीज़ हो गई। भूकंप में जब ये काम कर रहे थे उस दौरान ही इन्होंने इम्तिहान, शस्त्र, पुलिसवाला गुंडा, ऐलान साइन कर ली थी।

भूकंप के बाद तो मोहन जोशी जी एक के बाद एक, कई फिल्मों में नज़र आए। अधिकतर फिल्मों में ये विलेन के रोल ही निभाते गए। और देखते ही देखते मोहन जोशी एक स्थापित कलाकार के तौर पर मशहूर हो गए।

जबकी एक वक्त वो था जब ये पुणे से मुंबई आ रहे थे तो बहुत से लोगों ने इनका हौंसला तोड़ने की कोशिश की थी। इनसे कहा था कि तेरा कुछ नहीं हो सकेगा। वहां इतने लोग जाते हैं, उनका कुछ नहीं होता। तेरा कैसे होगा। तू कभी घर नहीं बना सकेगा अगर इस चक्कर में पड़ा तो।

लेकिन मोहन जोशी जी ने अपनी मेहनत और सफलता से उन सब लोगों की बोलती बंद कर दी। ये ना सिर्फ एक सफल अभिनेता बने, बल्कि एक अच्छा सा घर भी इन्होंने अपने लिए खरीदा।

जब मोहन जोशी पुणे से मुंबई आ रहे थे तो अपनी पत्नी को इतने रुपए देकर आए थे कि वो ढाई साल तक अपना व बच्चों का गुज़ारा कर सकें।

ये वो रुपया था जो इन्होंने अपने ट्रक बेचकर जुटाए थे। ढाई साल बाद जब ये एक सफल कलाकार बन गए तो अपने बीवी-बच्चों को भी इन्होंने मुंबई बुला लिया।

मोहन जोशी जब खर खरीदने के लिए पाई-पाई जोड़कर रकम जमा कर रहे थे तब इनके साथ एक तगड़ा खेल भी हो गया था। लेकिन किस्मत से इनका कुछ नुकसान नहीं हुआ।

मामला कुछ यूं था कि इन्होंने अपने बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करके रखे थे। वो पैसा ये घर खरीदने के लिए जमा कर रहे थे। इनकी ब्रांच पुणे में थी।

एक दिन ये अपनी ब्रांच में अपनी पासबुक लेकर गए तो वहां इन्हें पता चला कि इनके खाते से इनके 15 लाख रुपए गायब हैं। इनके होश उड़ गए।

मोहन जोशी जी ने जब बैंक में इनक्वायरी की तो पता चला कि जो उस शाखा का पहला मैनेजर था उसने इनके फर्ज़ी दस्तखत करके इनके खाते से 15 लाख रुपए निकालकर ब्याज पर चला दिए थे।

इन्होंने जब नाराज़गी जताई तो उस पुराने बैंक मैनेजर से संपर्क किया गया और इनके पैसे इन्हें वापस दिलाए गए। कुछ दिन बाद 15 लाख में और कुछ रकम जोड़कर इन्होंने मुंबई में अपना एक घर खरीद ही लिया। आज मोहन जोशी जी के पास मुंबई के अलावा पुणे में भी अपना एक घर है।

मोहन जोशी जी की उम्र अब 70 प्लस हो चुकी है। वो आज भी फिल्मों में काम करते हैं। साथ ही साथ थिएटर भी करते हैं। पिछले कुछ सालों से मोहन जोशी जी मराठी फिल्मों में ही काम कर रहे हैं।

अपने करियर में मोहन जोशी जी अब तक लगभग 150 फिल्मों में काम कर चुके हैं। इनमें अधिकतर तो हिंदी व मराठी भाषा की फिल्में हैं। कुछ गुजराती व भोजपुरी फिल्में भी हैं।

ये भी पढ़ें- Manisha Koirala | 90s की खूबसूरत अदाकारा मनीषा कोईराला की कहानी | Biography 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

M. S. Shinde Sholay Editor | शोले जैसी कालजयी फिल्म को एडिट करने वाले का अंत बेहद दुखद रहा | Biography

Shailesh Kumar | पुराने ज़माने का वो हैंडसम एक्टर जिसका पूरा करियर एक अफ़वाह खा गई

Gavin Packard | 90s के बॉलीवुड का एक हैंडसम खलनायक, जिसका अंत बहुत बुरा हुआ | Biography