Hutoxi Reporter aka Madhumati | कहानी ज़बरदस्त डांसर हुटोक्सी रिपोर्टर उर्फ़ मधुमति की, जिन्हें लोगों ने हेलन से कंपेयर किया

लोगों को ये हेलन लगती थी। मगर ये सिर्फ़ हेलन जैसी दिखती थी। हेलन से इनका दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था। बस एक समानता थी। हेलन की ही तरह ये भी कभी फ़िल्मों में अपने नृत्य के लिए मशहूर थी। 

वैसे तो इनका वास्तविक नाम हुटोक्सी रिपोर्टर है। मगर रिपोर्टर सिर्फ़ इनका उपनाम है। रिपोर्टिंग के पेशे से इनका कोई लेना-देना नहीं है। फ़िल्मी दुनिया में इन्होंने मधुमति के नाम से ख्याति प्राप्त की थी।

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Biography of Madhumati aka Hutoxi Reporter - Photo: Social Media

Hutoxi Reporter पैदा हुई थी 30 मई 1941 को। हालांकि बहुत लोग इनके जन्म का साल 1938 होने की बात भी कहते हैं। लेकिन वो गलत है। ये 1941 में ही पैदा हुई थी। इस लेख में Hutoxi Reproter aka Madhumati जी के बारे में कुछ बड़ी बेहतरीन और दुर्लभ जानकारियां आपको मिलेंगी। 

हुटोक्सी रिपोर्टर ठाणे के रहने वाले एक पारसी परिवार में पैदा हुई थी। इनके पिता खान साहेब दादा बहरामजी जज थे। हुटोक्सी जी कुल सात भाई-बहन थे। 

हुटोक्सी जी के एक भाई का नाम था पीलू रिपोर्टर। और पीलू रिपोर्टर साहब किसी वक्त पर क्रिकेट अंपायरिंग का बड़ा नाम हुआ करते थे। पीलू जी साल 2023 में दुनिया छोड़ गए थे। 

हुटोक्सी रिपोर्टर जी की नृत्य की ट्रेनिंग तब ही शुरू हो गई थी जब ये मात्र सात साल की थी। इन्होंने कथकली, मणिपुरी और कत्थक की ट्रेनिंग ली थी। 

और मात्र 15 साल की उम्र में हुटोक्सी रिपोर्टर जी ने अपनी खुद की एक डांस एकेडेमी शुरू कर दी। जल्द ही इनकी डांस एकेडेमी में काफ़ी स्टूडेंट्स आने लगे। 

स्टूडेंट्स को डांस सिखाने के अलवा हुटोक्सी रिपोर्टर डांस शोज़ में भी पार्टिसिपेट करती थी। और वास्तव में डांस शोज़ से ही इन्हें लोकप्रियता मिलनी शुरू हुई थी।

हुटोक्सी जी के डांस का चर्चा फ़िल्म इंडस्ट्री में भी होने लगा। आखिरकार डायरेक्टर धीरूभाई देसाई एक दिन हुटोक्सी जी के पास पहुंचे और उन्होंने हुटोक्सी को अपनी फ़िल्म हरीशचंद्र में एक गीत पर डांस करने का प्रस्ताव दिया। हुटोक्सी जी तब काफ़ी छोटी थी तो फ़िल्म में काम करने के लिए उन्हें अपने पिता की परमिशन मिलनी ज़रूरी थी। 

मगर हुटोक्सी जी के पिता फ़िल्मों के सख़्त खिलाफ़ हुआ करते थे। इसलिए पहले उन्होंने हुटोक्सी को फ़िल्मों में काम करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। 

मगर धीरूभाई देसाई ने हार नहीं मानी। वो बार-बार हुटोक्सी जी के पिता से उन्हें अपनी फ़िल्म में नृत्य करने की छूट देने के लिए मनाते रहे। हुटोक्सी जी की सुरक्षा का वादा भी वो करते थे। 

धीरूभाई देसाई के बार-बार कहने पर आखिरकार हुटोक्सी जी के पिता ने उन्हें फ़िल्म में काम करने की छूट दे दी। और यूं हुटोक्सी रिपोर्टर की फ़िल्म जर्नी स्टार्ट हो गई। 

धीरूभाई देसाई की वो फ़िल्म, हरीशचंद्र साल 1958 में आई थी। उसके बाद तो हुटोक्सी जी को पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी। 

उन्हें कई और फ़िल्मों में काम करने का मौका मिला जैसे मेरे हुज़ूर, तलाश, पवित्र पापी, शतरंज, शिकारी, ये रात फिर ना आएगी, जानवर, अन्नदाता। 

इनके अलावा भी कई और फ़िल्मों में हुटोक्सी रिपोर्टर नज़र आई थी। और उनका नाम भी अब तक हुटोक्सी से मधुमति हो चुका था।

हुटोक्सी रिपोर्ट उर्फ़ मधुमति को लोग हेलन क्यों समझने लगे थे? इस बारे में काफ़ी पहले हुटोक्सी रिपोर्टर जी ने एक इंटरव्यू में। बताया था कि जब तक वो फ़िल्मों में क्लासिकल डांस करती थी, तब तक ऐसी कोई बात नहीं होती थी। मगर जब उन्होंने वेस्टर्न डांस करना शुरू किया तो अधिकतर फ़िल्म प्रेमियों ने उन्हें हेलन ही समझा। बहुत लोग तो आज भी हुटोक्सी जी के पुराने गीतों को हेलन के गीत ही समझते हैं।

1960 के दौर में हुटोक्सी जी की मुलाक़ात हुई मनोहर दीपक से, जो खुद भी उस ज़माने के नामी डांस मास्टर थे। मनोहर दीपक व मधुमति जी ने मिलकर एक डांस ग्रुप फॉर्म किया था। 

कुल 35 लोगों के उस डांस ग्रुप के ज़रिए मधुमति व मनोहर दीपक देश-विदेश में डांस शोज़ करने जाते रहते थे। और इस दौरान मधुति जी व मनोहर दीपक जी मन ही मन एक-दूजे को पसंद भी करने लगे थे। 

पर चूंकि मनोहर जी शादीशुदा व बाल-बच्चोंदार आदमी थे तो दिल की बात तब दिल में रही रखनी पड़ी थी। लेकिन एकदिन मनोहर दीपक जी की पत्नी का किसी बीमारी के कारण देहांत हो गया। 

मनोहर जी के चार बच्चे थे जो उस वक्त बहुत छोटे थे। उनका ध्यान मधुमति जी ही रखने लगी। वक्त गुज़रा और मनोहर दीपक जी के बच्चे मधुमति जी को ही अपनी मां मानने लगे। 

यानि दोनों अघोषित तौर पर पति-पत्नी हो चुके थे। मगर साल 1965 में नर्गिस जी की सलाह पर अमल करते हुए हुटोक्सी उर्फ़ मधुमति व मनोहर दीपक जी ने शादी कर ली। मधुमति जी और नर्गिस जी बहुत अच्छी दोस्त थी।

मधुमति जी फ़िल्मों में सिर्फ़ डांस करने तक ही सीमित नहीं थी। वो अभिनय भी करती थी। 1960 की फ़िल्म "ज़मीन के तारे" में मधुमति जी ने पहली दफ़ा अभिनय किया था। 

एक वक्त की बहुत मशहूर बाल कलाकार रही डेज़ी ईरानी की सौतेली मां का किरदार इस फ़िल्म में मधुमति जी ने निभाया था। और वास्तव में "ज़मीन के तारे" ही हुटोक्सी रिपोर्टर को मधुमति बनाने वाली फ़िल्म भी थी। यानि इसी फ़िल्म से इनका नाम बदला था।

हुटोक्सी रिपोर्टर उर्फ़ मधुमति का एक्टिंग करियर बहुत ख़ास नहीं रहा। "ज़मीन के तारे" के बाद इन्होंने और कुछ फ़िल्मों में अभिनय किया था। 

और साल 1977 की "अमर अकबर एंथोनी" वो आखिरी फ़िल्म थी जिसमें मधुमति जी ने आखिरी दफ़ा एज़ एन एक्ट्रेस काम किया था। ये तवायफ़ के एक छोटे से रोल में "अमर अकबर एंथोनी" फ़िल्म में दिखी थी। ये मधुमति जी की आखिरी हिंदी फ़िल्म थी।

साल 1980 में मधुमति जी ने "सावली प्रेमाची" नाम की एक मराठी फ़िल्म में भी अभिनय किया था। क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी इस फ़िल्म में अभिनय करते दिखे थे। इस फ़िल्म को मधुमति जी ने ही प्रोड्यूस भी किया था। 

इस फ़िल्म के बाद से मधुमति जी ने फ़िल्मी कैमरे के सामने से खुद को पूरी तरह से हटा लिया। उन्होंने अपना पूरा ध्यान अपनी डांस एकेडेमी "माय विज़न" पर लगाना शुरू कर दिया। 

फ़िल्म इंडस्ट्री में नाम कमाने का ख्वाब देखने वाले युवा मधुमति जी के पास डांस सीखने आते थे। मधुमति जी जी की डांस एकेडेमी से निकलकर फ़िल्मों में नाम बनाने वाले कुछ नाम इस प्रकार हैं।

अमृता सिंह, गोविंदा, चंकी पांडे, तब्बू व अक्षय कुमार। इनके अलावा भी कई एक्टर्स हैं जिन्होंने मधुमति जी की डांस एकेडेमी से डांस करना सीखा था। 

डांस एकेडेमी के अलावा मधुमति जी ने अपने परिवार का भी खूब ध्यान रखा। मनोहर दीपक जी की चार संतानें पहली पत्नी से थी। दो बेटे और दो बेटियां। 

दोनों बेटियों की शादी मधुमति जी ने ही कराई। सभी बच्चों को अच्छे से पढ़ाया-लिखाया भी। मनोहर जी के बड़े बेटे की शादी भी मधुमति जी नेही कराई थी। 

आज बड़ा बेटा अपने परिवार संग ऑस्ट्रेलिया में रहता है। लेकिन छोटा बेटा बदकिस्मत रहा। साल 2006 में दिल की बीमारी के चलते उसकी मृत्यु हो गई थी।

अपने बेटे की असमय मौत का ग़म मनोहर दीपक जी सहन ना कर सके। वो बहुत दुखी रहने लगे। और एक महीने बाद ही मनोहर दीपक जी भी दुनिया छोड़ गए। 

मनोहर दीपक जी के जाने के बाद से ही मधुमति जी अकेली हो गई। उनकी डांस एकेडेमी ही उनका सबकुछ हो गई। और आ, 15 अक्टूबर 2025 को खबर आई कि मधुमति उर्फ़ हुटोक्सी रिपोर्टर दुनिया छोड़कर चली गई। मेरठ मंथन मधुमति जी को बहुत सम्मान से याद करते हुए उन्हें नमन करता है।

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