Actress Sulabha Arya Biography | Kal Ho Na Ho की Kantaben यानि अभिनेत्री सुलभा आर्य की पूरी कहानी जानिए

Actress Sulabha Arya Biography.  हिंदी सिने जगत में जाने कितने ही ऐसे कैरेक्टर आर्टिस्ट्स हैं जो कभी भी उन बुलंदियों को हासिल नहीं कर सके जिनको हासिल करने की ख्वाहिश हर कलाकार की होती है। 

ऐसी ही कलाकार हैं एक्ट्रेस सुलभा आर्य जिन्होंने ढेरों फिल्मों में कई तरह के रोल्स निभाए हैं। जिन्हें लोग बहुत अच्छी तरह से जानते-पहचानते हैं। लेकिन जिन्हें कभी भी वैसा रुतबा नहीं मिल सका जैसा कि उनके जैसे किसी भी कलाकार को मिलना चाहिए।

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Actress Sulbha Arya Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज आपको Actress Sulabha Arya की ज़िंदगी से रूबरू कराएगा। Sulabha Arya फिल्मों में कैसे आई और उनका फिल्मी सफर कैसा रहा? आज उनके बारे में ढेरों बातें हम और आप जानेंगे। Actress Sulbha Arya Biography.

शुरूआती जीवन 

15 जुलाई 1950 को सुलभा का जन्म मुंबई के दादर में रहने वाले एक महाराष्ट्रियन हिंदू परिवार में हुआ था। स्कूल के दिनों में सुलभा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने लगी थी। 

अपनी कोलोनी में होने वाले सालाना कल्चरल इवेंट्स में भी सुलभा आर्य अपने बचपन में ड्रामों, सिंगिंग में और डांसिंग कॉम्पिटीशन्स में पार्टिसिपेट ज़रूर करती थी। 

बनना चाहती थी टीचर 

लेकिन बचपन में सुलभा ने कभी भी ये नहीं सोचा था कि बड़े होकर इन्हें एक्टर बनना है। ये तो पढ़ लिखकर एक टीचर बनना चाहती थी। 

कॉलेज के दिनों में ही इन्होंने आस-पास के गरीब बच्चों को इलाके के पार्क में बैठाकर पढ़ाना शुरू कर दिया था। 

चूंकि छोटी उम्र से ही इन्होंने नज़र का चश्मा पहनना शुरू कर दिया था तो कॉलेज के दिनों में ही ये टीचर जैसी दिखने भी लगी थी। 

किस्मत ले आई एक्टिंग की तरफ 

कॉलेज में इन्होंने सिर्फ पढ़ाई की। नाटकों से इन्होंने खुद को पूरी तरह से दूर कर लिया था और अपना पूरा ध्यान अपने ख्वाब को पूरा करने में लगाया था। जो था एक बढ़िया टीचर बनना। 

पर चूंकि डेस्टिनी ने इन्हें धरती पर भेजा ही था एक एक्ट्रेस बनने के लिए तो हालात कुछ ऐसे बने की टीचिंग के साथ-साथ ये एक्टिंग की बारीकियां भी सीखने लगी।

चाचा ले आए एक्टिंग की दुनिया में

एक दिन सुलभा अपने कॉलेज जाने के लिए बस के इंतज़ार में बस स्टैंड पर खड़ी थी। तभी इनके चाचा उसी वक्त वहां से गुज़रे। इत्तेफाक से इनके वो चाचा इप्टा से जुड़े थे। 

ये वो दौर था जब चीन के अचानक हमले के बाद भारत के लोग बेहद गुस्से में थे और चीन की धोखेबाज़ी पर तरह-तरह से रिएक्ट कर रहे थे। 

इनके चाचा ने भी भारत-चीन युद्ध के ऊपर उन दिनों एक नाटक लिखा था जिसका नाम था जवाबी हमला। उस नाटक के कई शो मुंबई में हो चुके थे। 

इप्टा अब उस नाटक को हैदराबाद में आयोजित करने वाला था। लेकिन दिक्कत ये थी कि मुंबई में होने वाले उस नाटक के शोज़ में बेटी के रोल करने वाली अभिनेत्री तरला मेहता ने हैदराबाद जाने से इन्कार कर दिया था। 

ऐसे में सुलभा के चाचा बेटी के रोल के लिए किसी एक्ट्रेस की तलाश में थे। बस स्टैंड पर जब इनके चाचा ने इन्हें देखा तो उन्हें ध्यान आया कि ये भी तो एक्टिंग वगैरह किया करती थी। क्यों ना बेटी के उस रोल के लिए इसी को ले लिया जाए। 

सब बड़े लोग जुड़े थे उस नाटक से

शुरू में तो सुलभा और उनके माता-पिता ने इनके चाचा से साफ इन्कार कर दिया। लेकिन जब इनके चाचा ने इन्हें बार-बार भरोसा दिया कि कोई परेशानी नहीं होगी तो इन्होंने उस नाटक में काम करने के लिए हामी भर दी। 

उस वक्त तक सुलभा को ज़रा भी इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि वो नाटक एक हिंदी नाटक है और इनकी मात्र भाषा मराठी है। ये हिंदी बोलती ही नहीं हैं। 

मगर जब इनके चाचा इन्हें लेकर शबाना आज़मी के पिता कैफी आज़मी के घर गए और वहां इन्हें बताया गया कि नाटक हिंदी में होगा, तो ये सुनकर सुलभा बहुत घबरा गई। 

हालांकि जब कैफी आज़मी की पत्नी शौकत कैफी ने इन्हें भरोसा दिया कि तुम बस अपने डायलॉग्स याद रखना, तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी तो इनकी जान में जान आई। 

आपको बता दें कि उस नाटक में मेन किरदार निभा रहे थे हरि भाई यानि संजीव कुमार साहब। हालांकि उन दिनों वो एक्टिंग जगत में मशहूर नहीं हुए थे।

इसी दौरान हुई पति से मुलाकात 

सुलभा ने जब इप्टा के नाटक जवाबी हमला में काम किया था तब उनकी उम्र 17 साल थी। उस नाटक के सिलसिले में मुंबई में सुलभा का मिलना-जुलना कई लोगों से होता रहता था। 

इसी नाटक के दौरान इनकी मुलाकात इरशाद अहसान से हुई थी। इरशाद भी उन दिनों एकदम युवा थे। सुलभा और इरशाद, दोनों एक-दूजे को पसंद करने लगे। 

आखिरकार दोनों ने घरवालों की रज़ामंदी से जयपुर में आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। इरशाद अहसान ने अपना नाम बदलकर ईशान आर्य रख लिया और सुलभा बन गई सुलभा आर्य। ईशान आर्य आगे चलकर फिल्म इंडस्ट्री में एक नामी सिनेमैटोग्राफर बने। 

बड़ी मुश्किल से माना था परिवार

एक इंटरव्यू में सुलभा ने बताया था कि चूंकि इशान एक मुस्लिम परिवार से थे तो शुरू में सुलभा के घरवालों ने इशान संग उनके रिश्ते पर सख्त ऐतराज़ जताया था। सुलभा का परिवार इशान संग उनकी शादी के एकदम खिलाफ था।

लेकिन जब इनका परिवार इशान से मिला तो उन्हें इशान का व्यवहार बहुत पसंद आया और उन्होंने इशान व सुलभा की शादी को आर्य समाज के रीति-रिवाजों से किए जाने की शर्त पर इजाज़त दे दी। 

शादी के बाद की बीएड

इशान से शादी के दौरान सुलभा एमए कर रही थी। फिर शादी के बाद सुलभा ने बीएड किया। चूंकि उनके पति इशान आर्य इप्टा से जुड़े थे तो शादी के बाद सुलभा भी उनके संग थिएटर में एक्टिव हो गई। 

जब ये बीएड कर रही थी उसी दौरान इनका बड़ा बेटा समीर आर्य जन्म ले चुका था। समीर आर्य आज के दौर के एक बड़े सिनेमैटोग्राफर हैं। कोयला, कोई मिल गया और शूटआउट एट वडाला जैसी फिल्मों की सिनेमैटोग्राफी समीर आर्य ने ही की है। 

बीएड पूरी करने के बाद सुलभा आर्य ने टीचर बनने के अपने सपने को कुछ दिनों के लिए जिया और उन्होंने मुंबई के एक सरकारी स्कूल में टीचिंग की। 

इसी दौरान इनके दूसरे बेटे गौरव आर्य का जन्म हुआ। आज गौरव आर्य एक एक्टर हैं और हॉलीवुड फिल्मों की हिंदी डबिंग भी करते हैं। 

सुलभा के यादगार किरदार

फिल्म कल हो ना हो में इनके निभाए कांताबेन के किरदार को भला कौन भुला सकता है। कल हो ना हो में ये इक्का-दुक्का सीन्स में दिखी हैं। लेकिन फिर भी इनके सीन्स दर्शकों को हमेशा के लिए याद रह गए। 

वहीं साल 1996 में रिलीज़ हुई फिल्म मासूम में नन्हे किशन की साउथ इंडियन मामी के रोल में इनकी कॉमेडी भी दर्शकों को बहुत पसंद आई थी। 

उस फिल्म में इनके शानदार काम को सराहते हुए स्क्रीन अवॉर्ड्स ने इन्हें बेस्ट कॉमेडियन का पुरस्कार दिया था। 

टीवी पर भी किया खूब काम 

सुलभा आर्य ने टीवी पर भी काफी काम किया है। दूरदर्शन के शुरूआती और लोकप्रिय टीवी शो ये जो है ज़िंदगी में सुलभा आर्य ने पहली दफा छोटे पर्दे के लिए काम किया था। उसके बाद तो इन्होंने कई लोकप्रिय टीवी सीरीज़ में काम किया। 

जैसे कि सब टीवी का यस बॉस, स्टार प्लस का ससुराल गेंदा फूल, एंड टीवी का बेगुसराय और सोनी टीवी का इशारों इशारों में। मौजूदा वक्त में ये स्टार प्लस पर आने वाले शो ज़िंदगी मेरे घर आना में काम करती हैं और उस शो में ये संतोष सखूजा का किरदार निभा रही हैं।

सुलभा को Meerut Manthan का सैल्यूट

लगभग 5 दशकों से सुलभा आर्य फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। बेशक इनकी फिल्मों का कोई मेंटेंड रिकॉर्ड किसी के पास नहीं हैं। 

लेकिन अपनी ज़बरदस्त एक्टिंग के दम पर इन्होंने भारतीय मनोरंजन जगत में अपनी दमदार पहचान बनाई है।

Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि सुलभा आर्य हमेशा स्वस्थ रहें और आगे भी सालों तक एक्टिंग के अपने पेशे में मस्त रहें। Meerut Manthan की तरफ से सुलभा आर्य को बिग सैल्यूट। जय हिंद।

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