Bollywood Actor Brij Gopal Biography | कई फिल्मों में विलेनी करने वाले अभिनेता ब्रिज गोपाल की पूरी कहानी जानिए
Bollywood Actor Brij Gopal Biography. बॉलीवुड जगत में जाने कितने ही ऐसे एक्टर्स हुए हैं जो ढेरों फिल्मों में नज़र आ चुके हैं। कई धांसू कैरेक्टर रोल्स निभा चुके हैं। लेकिन पहचान के नाम पर उन एक्टर्स के पास या तो कुछ भी नहीं होता।
या फिर बहुत मामूली सा होता है। ऐसे ही एक्टर्स में से एक हैं ब्रिज गोपाल। जिन्हें आप दर्शकों ने ढेरों फिल्मों में देखा है। लेकिन आप इनके बारे में शायद ही कुछ जानते हैं।
Actor Brij Gopal - Photo: YouTube Screenshot |
Meerut Manthan आज आपको एक्टर ब्रिज गोपाल की कहानी से रूबरू कराने जा रहा है। सालों पहले फिल्म इंडस्ट्री में आए ब्रिज गोपाल की ये कहानी यकीनन आपको पसदं आएगी। Bollywood Actor Brij Gopal Biography.
ऐसा है शुरूआती जीवन(Bollywood Actor Brij Gopal Biography)
ब्रिज गोपाल मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मुज़्फरनगर ज़िले के रहने वाले हैं। यहीं पर 19 जनवरी के दिन एक ब्राह्मण परिवार में इनका जन्म हुआ था। हालांकि इनके जन्म का साल कौन सा है इसके बारे में हमें जानकारी नहीं मिल पाई।
बचपन से ही ब्रिज गोपाल को फिल्में देखना बड़ा पसंद था। फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का ख्वाब भी ये कम उम्र में ही देखने लगे थे। इनका परिवार एक पढ़ा-लिखा परिवार था। इनके बड़े भाई एक क्वालीफाइड डॉक्टर थे।
जब पिता को मालूम चली बेटे की ख्वाहिश
जब ब्रिज गोपाल ने दसवीं पास की थी तो इनके पिता ने इनसे पूछा कि ये पढ़-लिखकर क्या बनना चाहते हैं। इन्होंने अपने पिता को जब ये बताया कि ये एक्टर बनना चाहते हैं तो वो हैरान रह गए।
उन्हें मालूम ही नहीं चला था कि कब और कैसे उनके बेटे के मन में इस ख्वाहिश ने जन्म लिया कि उसे एक्टर बनना है। पिता ने अपनी हैरानी पर काबू पाते हुए इनसे हंसते हुए कहा कि चलो पहले बारहवीं पास कर लो। फिर देखना।
CPMT छोड़ सिनेमा देखते थे ब्रिज गोपाल (Bollywood Actor Brij Gopal Biography)
जब ये बारहवीं की पढ़ाई कर रहे थे तो इनके पिता ने इनसे कहा कि क्यों ना तुम अपने भाई की तरह डॉक्टर बन जाओ। दोनों भाई मिलकर एक अस्पताल खोल लेना। बढ़िया ज़िंदगी गुज़रेगी। इनके पिता ज़बरदस्ती इन्हें सीपीएमटी के लिए लखनऊ भेज दिया करते थे।
लेकिन लखनऊ जाकर मेडिकल की तैयारी करने की बजाय ये अपना सारा वक्त फिल्में देखने में गुज़ार दिया करते थे। इन्होंने कभी भी सीपीएमटी का कोई एग्ज़ाम नहीं दिया। ये रोज़ाना चार शो सिनेमा हॉल में देखते थे।
पिता ने करा दिया LLB में दाखिला (Bollywood Actor Brij Gopal Biography)
ब्रिज गोपाल ने लगभग 4-5 दफा सीपीएमटी का फॉर्म भरा था। लेकिन इनके घरवालों को ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि इनका बेटा मेडिकल का एग्ज़ाम देने लखनऊ जाता तो है। लेकिन वो कभी भी एग्ज़ाम में बैठता ही नहीं। घरवाले सोचते थे कि शायद इनके नसीब में डॉक्टर बनना है ही नहीं।
हारकर इनके पिता ने इन्हें मुज़्फरनगर के एक कॉलेज में एलएलबी की इवनिंग क्लास जॉइन करा दी। शाम में जहां ये अपनी क्लासेज़ करते थे तो वहीं सुबह के वक्त इनके पिता इन्हें अपना साथ अपने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस संभालने ले जाते थे।
शादी हुई और 1 बच्चे के पिता भी बन गए ब्रिज गोपाल
फिर जब इनका एलएलबी पूरा हुआ तो इनके पिता ने एक वकील से बात कराकर इन्हें कचहरी भेजना शुरू कर दिया। कचहरी जाकर इनके भीतर का एक्टर बनने का भूत फिर से ऊपर आने लगा।
आलम ये हो गया कि कचहरी के किसी काम में इनका मन नहीं लगता था। इन्हें हर वक्त बॉम्बे यानि मुंबई ही दिखाई देती थी। इसी दौरान पिता ने इनकी शादी करा दी। शादी के एक साल बाद ही इनकी बत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया।
मुंबई में पता चला एक्टिंग बच्चों का खेल नहीं
शादी होने के बावजूद भी ब्रिज गोपाल के दिल से एक्टर बनने की ख्वाहिश ने कभी जगह नहीं छोड़ी। आखिरकार साल 1973 में ये अपनी पत्नी और बेटे को घर पर अपने माता-पिता के पास ही छोड़कर मुंबई आ गए। मुंबई आने के बाद इन्हें अहसास हुआ कि एक्टर बनना कोई बच्चों का खेल नहीं है।
इसके लिए बहुत तैयारी करनी पड़ती है और बाकायदा प्रॉपर ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है। बस फिर क्या था। इस बात का अहसास होने के बाद इन्होंने एक अच्छे एक्टिंग स्कूल की तलाश शुरू कर दी। और कुछ ही दिनों में इनकी तलाश खत्म भी हो गई।
शुरू की एक्टिंग की ट्रेनिंग
पूना फिल्म इंस्टीट्यूट के पहले प्रिंसिपल गजानन जागीरदार ने नौकरी से रिज़ाइन करके मुंबई के शिवाजी पार्क के पास अपना खुद का एक एक्टिंग स्कूल खोल लिया था।
दो हज़ार रुपए प्रति कैंडिडेट फीस लेकर गजानन तिवारी लड़के-लड़कियों को एक्टिंग की क्लास दिया करते थे। ब्रिज गोपाल को जब उस इंस्टीट्यूट की जानकारी मिली तो इन्होंने वहां दाखिले के लिए एप्लाय किया। इंटरव्यू में इन्हें सिलेक्ट कर लिया गया।
घरवालों से मिलते रहते थे
जब ये मुंबई आ रहे थे तो इनकी मां ने चुपके से इनके पिता के रुपयों में से 2 हज़ार रुपए निकालकर इन्हें दिए थे। वो दो हज़ार रुपए गजानन तिवारी के उस स्कूल में अपने एडमिशन में इन्होंने खर्च किए। वो कोर्स पूरे एक साल का था। कोर्स के दौरान बीच-बीच में ये अपने परिवार से मिलने मुज़्फरनगर भी आते रहते थे।
पड़ोसी उड़ाते थे मज़ाक (Bollywood Actor Brij Gopal Biography)
जब ये घर आते तो इनके पिता इन पर बहुत नाराज़ होते थे और कहते थे कि अब भी वक्त है घर वापस आ जाओ। लेकिन एक्टिंग का जुनून इन पर कुछ ऐसा चढ़ा था कि पिता की किसी बात का इन पर असर नहीं होता था।
माहौल कुछ ऐसा हो चुका था कि मुजफ्फरनगर के इनके पड़ोसी भी इनका मज़ाक उड़ाते थे। इनके बारे में कई तरह की कड़वी बातें किया करते थे।
लेकिन पड़ोसियों की उन बातों से भी ब्रिज गोपाल को कुछ फर्क नहीं पड़ता था। एक्टिंग का कोर्स पूरा करने के बाद शुरू हुआ इनकी ज़िंदगी का वो दौर जिससे हर एक्टर को गुज़रना पड़ता है। जिसे कहते हैं स्ट्रगल।
ऐसी थी करियर की शुरुआत
ब्रिज गोपाल के करियर की पहली फिल्म कौन सी थी इसके बारे में कोई जानकारी हमें नहीं मिल पाई। इंटरनेट पर एक वेबसाइट ने दावा किया है कि इनके करियर की सबसे पहली फिल्म साल 1979 में रिलीज़ हुई लड़के बाप से बढ़के थी।
हालांकि ये जानकारी सही है या नहीं ये हमें नहीं पता। एक इंटरव्यू में ब्रिज गोपाल ने कहा था कि करियर की शुरूआत में इन्हें क्राउड में खड़े होने वाले किरदार ही मिलते थे। किसी-किसी फिल्म में एक सीन या फिर एक लाइन का कोई डायलॉग।
नाम बदलने का भी मिला सुझाव
कुछ डायरेक्टर्स ने तो इनसे ये भी कहा था कि कामयाब होने के लिए इन्हें अपना नाम बदलना चाहिए। लेकिन इन्होंने साफ कह दिया कि चाहे कामयाबी मिले या नहीं, ये अपना नाम किसी भी सूरत में नहीं बदलेंगे।
संघर्ष के दिनों में ब्रिज गोपाल को देवानंद साहब की फिल्म हम नौजवान में काम करने का मौका मिला। हालांकि उस फिल्म में भी इनका रोल बहुत मामूली सा ही था। लेकिन देव साहब से इस दौरान इनकी बढ़िया जान-पहचान हो गई थी।
देव साहब से कही थी ये बात
बाद में इन्होंने देव साहब से कहा भी था कि जब हम नौजवान में वो फिल्म के मेन विलेन को शूटिंग के दौरान सीन समझाते थे तो ये सोचते थे कि काश उस लड़के की जगह विलेन ये खुद होते। बाद में देव साहब को इन्होंने ये बात बताई भी थी।
देव साहब ने इनसे कहा भी था कि अगर तुम उस वक्त मुझे अपने बारे में और ज़्यादा बताते तो मैं तुम्हारे लिए कोई बढ़िया रोल भी रखता। ब्रिज गोपाल कहते हैं कि उन्हें शुरू से ही इस बात का इल्म था कि वो कोई हीरो नहीं बन सकते। इसलिए उन्होंने हमेशा निगेटिव किरदार पाने की ही कोशिश की।
निगटेवि रोल निभाते हैं ब्रिज गोपाल
अपने करियर में ब्रिज गोपाल ने ढेरों छोटी-बड़ी फिल्मों में काम किया। कुछ टीवी शोज़ में काम किया और वेब सीरीज़ में भी नज़र आए। लगभग साढ़े तीन सौ फिल्मों में ब्रिज गोपाल ने अलग-अलग तरह के लेकिन निगेटिव रोल निभाए।
हालांकि एक फिल्म ऐसी जिसमें ये पॉज़िटिव किरदार में नज़र आए। और वो फिल्म थी जितेंद्र और संजय दत्त की महानता। इस फिल्म में ये एक पुलिस सिपाही बने हैं जो कि चुपके से जितेंद्र को सीक्रेट इन्फॉरमेशन्स देता है।
शिवा में निभाई यादगार भूमिका
इनके करियर की कुछ प्रमुख फिल्मों की बात करें तो कयामत से कयामत तक, बेटा, इश्क, सुहाग, गंगाजल, मृत्युदंड, अपहरण, चक्रव्यूह, घातक, चाइना गेट, लज्जा, ये रास्ते हैं प्यार के और कोयलांचल में इनके किरदारों को दर्शकों ने काफी सराहा।
हालांकि राम गोपाल वर्मा की शिवा एक ऐसी फिल्म थी जिसमें इनका किरदार इनके करियर का सबसे खास किरदार माना जाता है।
कभी नहीं मिले बढ़िया किरदार
इसके अलावा ढेरों दूसरी फिल्मो में ये नज़र आए हैं और इन्होंने निगेटिव रोल ही निभाए हैं। हालांकि ये ज़रूर कहा जा सकता है कि फिल्म इंडस्ट्री की तरफ से ब्रिज गोपाल जी को कभी भी सशक्त किरदार निभाने के मौके नहीं दिए गए। ऐसे में इनकी काबिलियत का पूरा नज़ारा कर पाने से दर्शक हमेशा महरूम ही रहे।
अभिनेता ब्रिज गोपाल की निजी ज़िंदगी
ब्रिज गोपाल जी की निजी ज़िंदगी की बात करें तो इनके दो बेटे हैं। इनका बड़ा बेटा डायरेक्शन में अपनी किस्मत आज़मा रहा है। वहीं इनका छोटा बेटा वीएफक्स में करियर बना रहा है।
ब्रिज गोपाल अब 73 साल की उम्र के हो चुके हैं। लेकिन आज भी इन्हें देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि इनकी उम्र 70 बरस के पार हो चुकी है।
अपनी सेहत का राज़ बताते हुए ब्रिज गोपाल कहते हैं कि पिछले लगभग 20 सालों से इन्होंने शाम का खाना नहीं खाया है। ये केवल सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना खाते हैं। साथ ही साथ ये सुबह 45 मिनट तक एक्सरसाइज़ करते हैं और शाम को लगभग 1 घंटा ब्रिस्कवॉक करते हैं।
नहीं है ज़िंदगी से कोई अफसोस
एक दफा किसी ने इनसे सवाल पूछा था कि उम्र के इस पड़ाव पर क्या इन्हें अपने फिल्मी करियर को लेकर किसी तरह का कोई अफसोस है? तो इन्होंने जवाब दिया कि ये हमेशा अपनी मर्ज़ी से जिए। ज़िंदगी में वही काम किया जो ये करना चाहते थे। इसलिए ज़िंदगी से कोई अफसोस इन्हें नहीं है।
ब्रिज गोपाल को सैल्यूट
Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि ब्रिज गोपाल जी हमेशा ऐसे ही खुश और ऐसे ही सेहतमंद रहें। कई फिल्मों में ब्रिज गोपाल जी ने अपनी ज़बरदस्त एक्टिंग से दर्शकों को खूब डराया। फिल्म इंडस्ट्री को इनके किए योगदान के लिए Meerut Manthan इन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें