Jai Santoshi Maa 1975 Trivia | जय संतोषी मां फिल्म की 15 रोचक और अनसुनी कहानियां

Jai Santoshi Maa 1975 Trivia. भारतीय सिने प्रेमियों के बीच धार्मिक फिल्में हमेशा ही पसंद की जाती रही हैं। यही वजह है कि भारत में जब फिल्म निर्माण शुरु हुआ था तो धार्मिक फिल्मों को ही फिल्म निर्माताओं ने प्राथमिकता दी थी। 

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Jai Santoshi Maa 1975 Trivia - Photo: Social Media

15 अगस्त साल 1975 में आई फिल्म जय संतोषी मां भी एक धार्मिक फिल्म ही थी। लेकिन इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जिस तरह की कामयाबी हासिल की थी। वैसी कामयाबी किसी दूसरी धार्मिक फिल्म को नहीं मिल सकी थी। महज़ 5 से 6 लाख रुपए में बनकर तैयार हुई जय संतोषी मां ने उस ज़माने में 5 करोड़ रुपए की कमाई की थी। 

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Jai Santoshi Maa 1975 Trivia - Photo: Social Media

फिल्म के डायरेक्टर थे विजय शर्मा और फिल्म प्रोड्यूस की थी सतराम रोहेरा ने। संतोषी मां का रोल निभाया था एक्ट्रेस अनीता गुहा ने और लीला मिश्रा, भारत भूषण, कानन कौशल, आशीष कुमार और त्रिलोक कपूर जैसे कलाकार भी इस फिल्म में नज़र आए थे।

Meerut Manthan पर आज पेश है जय संतोषी मां फिल्म की कुछ अनसुनी और मज़ेदार कहानियां। इस फिल्म के बनने और फिल्म के रिलीज़ होने के बाद उस वक्त की बड़ी बड़ी फिल्मों को पछाड़ने की कई कहानियां आज हम और आप जानेंगे। तो चलिए ये सफर शुरू करते हैं। Jai Santoshi Maa 1975 Trivia.

Fact No. 1

फिल्म जय संतोषी मां में बिरजू का किरदार बेहद अहम था। इस किरदार को निभाया था एक्टर आशीष कुमार ने और आशीष कुमार को ही अपने जीवन में एक ऐसा तजुर्बा हुआ था जिसने जय संतोषी मां फिल्म के बनने की नींव रखी थी। 

दरअसल, आशीष कुमार और उनकी पत्नी को शादी के कई साल बाद भी संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी। एक दिन आशीष कुमार की पत्नी ने फैसला किया कि वो संतोषी मां के सोलह शुक्रवार का व्रत रखेंगी। संतोषी मां की कृपा कुछ ऐसी हुई कि आशीष कुमार की पत्नी व्रतों के दौरान ही गर्भवती हो गई। 

ये खबर जब आशीष को मिली तो वो बहुत खुश हुए और उन्होंने अपनी पत्नी को संतोषी मां की कथा सुनानी शुरू कर दी। समय आने पर आशीष कुमार की पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। 

एक दिन आशीष कुमार ने अपनी ये कहानी प्रोड्यूसर सतराम रोहेरा को सुनाई। सतराम रोहेरा को ये कहानी बहुत पसंद आई। और फिर आशीष कुमार की सलाह पर सतराम रोहेरा जय संतोषी मां फिल्म बनाने के लिए तैयार हो गए।

Fact No. 2

चूंकि जय संतोषी मां फिल्म बनाने के लिए बजट बहुत ज़्यादा नहीं रखा गया था तो फिल्म में कास्ट किए गए अधिकतर एक्टर्स एकदम नए थे। फिल्म का मुख्य किरदार था सत्यवती नाम की एक महिला जिसे अभिनेत्री कानन कौशल ने निभाया था। 

उन दिनों कानन कौशल हिंदी सिनेमा के अलावा गुजराती और भोजपुरी सिनेमा का भी जाना-पहचाना चेहरा थी। इस फिल्म के बाद अभिनेता आशीष कुमार तो मानो बॉलीवुड में बनने वाली हर धार्मिक फिल्म का हिस्सा बन चुके थे। 

जबकी फिल्म में संतोषी मां के किरदार में नज़र आई थी अभिनेत्री अनिता गुहा। ये जानकर आपको हैरानी होगी कि जय संतोषी मां से पहले अनिता गुहा तीन फिल्मों में सीता माता का किरदार निभा चुकी थी। 

लेकिन जय संतोषी मां के उस किरदार ने अनिता गुहा को ठीक वैसी ही सफलता दिलाई जैसी रामानंद सागर की रामायण के बाद दीपिका चिखिलिया को मिली थी।

Fact No. 3

जय संतोषी मां फिल्म की शूटिंग से जुड़ी यादें शेयर करते हुए अभिनेत्री अनिता गुहा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शूटिंग का पहला दिन बहुत ही अफरा-तफरी में गुज़रा था। फिल्म की पूरी यूनिट अपने काम में मन से लगी थी। 

फिल्म को लेकर हर किसी का जोश और जुनून इतना ज़्यादा था कि पहले दिन ना तो किसी को नाश्ते की फिक्र हुई और ना ही दोपहर का खाना ही याद रहा। शाम को डायरेक्टर विजय शर्मा ने फिल्म की यूनिट के लिए खाने का अरेंजमेंट किया। 

लेकिन चूंकि उस वक्त तक भी फिल्म के पहले दिन के कुछ शॉट्स बचे थे तो अनिता गुहा ने ये कहकर खाने से मना कर दिया कि अगर मेकअप खराब हो गया तो इसे दोबारा ठीक करने में काफी वक्त बर्बाद हो जाएगा। और आखिरकार अनिता गुहा ने फैसला किया कि जब तक वो जय संतोषी मां की शूटिंग करेंगी तब तक वो हर दिन माता संतोषी का व्रत रखा करेंगी।

Fact No. 4

फिल्म जय संतोषी मां के रिलीज़ होने के बाद संतोषी मां का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस अनिता गुहा को लोगों ने सच में देवी मान लिया था। लोग अक्सर उनके घर पर जाने लगे थे और अपने बच्चों को उनकी गोद में दे देते थे। ये सोचकर कि संतोषी मां का आशीर्वाद उनके बच्चों को मिलेगा। 

अगर कहीं बाज़ार में या किसी दूसरे पब्लिक प्लेस पर लोग अनिता गुहा को देख लेते थे तो उनके पैर छूना और उनके सामने शीष झुकाना शुरू कर देते थे। यही वजह है कि जय संतोषी मां को अनिता गुहा के करियर की सबसे सफल और सबसे शानदार फिल्म माना जाता है।

Fact No. 5

फिल्म जय संतोषी मां को सफल बनाने में इसके शानदार गीतों और कर्णप्रिय संगीत का बेहद योगदान रहा है। फिल्म में म्यूज़िक दिया था सी अर्जुन ने और गीत लिखे थे कवि प्रदीप ने। फिल्म में कुल सात गीत थे और इन सात गीतों को महेंद्र कपूर, उषा मंगेशकर, मन्ना डे ने अपनी आवाज़ दी थी। 

खुद कवि प्रदीप ने भी जय संतोषी मां फिल्म में एक गीत गाया था। फिल्म का गीत मैं तो आरती उतारूं रे आज तक पसंद किया जाता है। और संतोषी मां के कई मंदिरों में लोग उनकी आरती के दौरान यही गीत गाते हैं।

Fact No. 6

साल 2006 में जय संतोषी मां फिल्म का रीमेक बनाया गया था। फिल्म की कहानी लगभग वैसी ही थी। बस किरदारों में मामूली बदलाव किया गया था। साथ ही किरदारों के नाम भी थोड़े बहुत बदले गए थे। उम्मीद थी कि एक बार फिर ये वही करिश्मा होगा जैसा कि साल 1975 में हुआ था। 

लेकिन इस दफा ऐसा नहीं हुआ। हालांकि इस फिल्म को भी काफी प्रशंसा मिली थी। इस फिल्म में एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने महिमा का किरदार निभाया था। जो कि 1975 में आई जय संतोषी मां फिल्म की सत्यवती जैसा ही किरदार था जिसे एक्ट्रेस कानन कौशल ने निभाया था। 

माता संतोषी के अलावा इन दोनों फिल्मों में एक बात और थी जो कॉमन थी। और वो ये कि पहली फिल्म में जहां उषा मंगेशकर जी ने अधिकतर गीत गाए थे। तो वहीं दूसरी फिल्म में भी उषा मंगेशकर जी ने ही अधिकतर गीतों को अपनी आवाज़ दी थी।

Fact No. 7

जय संतोषी मां रिलीज़ हुई थी 15 अगस्त सन 1975 को। रिलीज़ के पहले दिन जय संतोषी मां ने पहले शो में कुल 56 रुपए कमाए थे। दूसरे शो में 64 रुपए, तीसरे शो में 98 रुपए और रात के शो में महज़ सौ रुपए ही कमाए थे। 

शुरुआती तीन दिनों की कमाई देखकर उस वक्त किसी ने ये सोचा भी नहीं था कि ये फिल्म साल की दूसरी सबसे बड़ी हिट फिल्म बनने जा रही है। 

फिर जब सोमवार आया तो मानो संतोषी मां ने खुद कोई करिश्मा कर दिया। मुंबई ही नहीं, आस-पास के ग्रामीण इलाकों से भी लोग इस फिल्म को देखने सिनेमा हॉल आने लगे। 

सड़क पर बैलगाड़ियों और पैदल लोगों की लंबी-लंबी कतारें नज़र आने लगी। एक वक्त ये आया कि जय संतोषी मां के दर्शक शोले से भी ज़्यादा हो गए।

Fact No. 8

जय संतोषी मां की रिलीज़ के बाद वो सभी सिनेमा हॉल लगभग मंदिर ही बन गए थे जिनमें ये फिल्म लगी थी। जो लोग फिल्म देखने आते थे वो जूते चप्पल सिनेमा हॉल के बाहर ही उतार देते थे। 

कई महिलाएं अपने साथ पूजा की थाली भी लेकर आती थी और थिएटर की स्क्रीन के सामने दिया जलाकर बाकायदा मां सतोषी की आरती उतारती थी। 

लोग थिएटर के अंदर और बाहर मिठाइयां बांटते थे। कई लोग तो स्क्रीन पर श्रद्धा स्वरूप फूल और सिक्के भी उछालते थे जिन्हें अगले दिन सिनेमा हॉल की सफाई करने वाले कर्मचारी उठा लिया करते थे। 

केवल उन्हीं सिक्कों से कई लोगों की आर्थिक स्थिति तक बेहतर हो गई थी। कहा जाता है कि उस ज़माने में कई दुकानदार सिनेमा घरों के बाहर संतोषी मां की मूर्तियां लेकर बैठ जाते थे जो खूब बिका भी करती थी।

Fact No. 9

जय संतोषी मां फिल्म के रिलीज़ होने से पहले संतोषी माता की पूजा बहुत ही कम हुआ करती थी। ना तो उनके बहुत ज़्यादा मंदिर थे और ना ही बहुत से लोग उनके नाम से भी वाकिफ थे। खुद संतोषी मां का किरदार निभाने वाली अनिता गुहा भी संतोषी मां को नहीं जानती थी। 

लेकिन इस फिल्म की सफलता के बाद देश में जगह जगह संतोषी मां के मंदिर बनने लगे। लोगों के दिलों में संतोषी माता के प्रति श्रद्धा कुछ इस तरह जगी कि संतोषी माता के व्रत रखने का चलन जारी हो गया।

Fact No. 10

जय संतोषी मां चूंकि एक छोटे बजट की फिल्म थी तो अधिकतर इस फिल्म को छोटे सिनेमा घरों में ही रिलीज़ किया गया था। लेकिन चूंकि रिलीज़ के तीन दिन बाद ही ये फिल्म करिश्माई तरीके से सफलता हासिल करती चली गई थी तो कई छोटे सिनेमा घरों में भी इस फिल्म ने सिल्वर जुबली सैलिब्रेट की थी। 

मुंबई का मशहूर एडवर्ड सिनेमा शुरू से ही पुरानी फिल्मों को दोबारा से चलाने के लिए मशहूर है। लेकिन 1975 में एडवर्ड सिनेमा पर पहली दफा जय संतोषी मां ही रिलीज़ हुई थी। और इस फिल्म ने एडवर्ड सिनेमा में 50 हफ्ते पूरे भी किए थे। 

मुंबई के सात रास्ता पर मौजूद न्यू शिरीन टॉकीज़ में भी सिल्वर जुबली पूरी करने वाली पहली फिल्म जय संतोषी मां ही थी। और कमाल की बात ये है कि मुंबई के जितने भी सिनेमाघरों में जय संतोषी मां फिल्म ने 50 हफ्ते यानि गोल्डन जुबली पूरी की थी। उन सब ने इस फिल्म के 50वें हफ्ते की कोई ना कोई याद आज तक सहेजकर रखी है।

Fact No. 11

जय संतोषी मां का निर्माण सतराम रोहेरा के भाग्यलक्ष्मी चित्र मंदिर के बैनर के अंडर में किया था। इस फिल्म से पहले सतराम रोहेरा ने कुछ और बड़ी व हिट फिल्मों का निर्माण भी किया था। जिनमें से एक थी रॉकी मेरा नाम जिसमें संजीव कुमार थे। 

इस फिल्म का डायरेक्शन भी सतराम रोहेरा ने ही किया था। जय संतोषी मां के डायरेक्टर थे विजय शर्मा विजय शर्मा, जिन्होंने जय महालक्ष्मी मां और गोपाल कृष्णा जैसी फिल्में भी डायरेक्ट की थी। विजय शर्मा एक एक्टर भी थे और कुछ फिल्मों में इन्होंने बतौर कैरेक्टर आर्टिस्ट काम भी किया था जैसे गुड्डी, खूबसूरत और धनवान।

Fact No. 12

जय संतोषी मां बॉक्स ऑफिस पर इतनी बड़ी हिट साबित होगी इसका अंदाज़ा खुद इसके मेकर्स को भी नहीं था। यही वजह है कि महज़ 5-6 लाख रुपए में बनकर तैयार हुई इस फिल्म के कुल 15 प्रिंट्स ही बनवाए गए थे। लेकिन एकाएक ही जब ये फिल्म चलने लगी तो इसके और ज़्यादा प्रिंट्स की मांग होने लगी। 

तब जैसे-तैसे मेकर्स ने इस फिल्म के 300 प्रिंट्स और तैयार कराए। इन 300 प्रिंट्स को तैयार कराने में लगभग 25-30 लाख रुपए और खर्च हो गए। लेकिन चूंकि फिल्म ने 5 करोड़ रुपए की कमाई की थी तो मेकर्स को इस फिल्म की सफलता से बहुत मोटा मुनाफा हुआ था।

Fact No. 13

जय संतोषी मां में संतोषी माता की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री अनिता गुहा को हमेशा लोगों ने बहुत प्यार सत्कार और सम्मान दिया। लेकिन इनके निजी जीवन के कुछ पहलू बेहद दुखद भी थे। 

अनिता गुहा ने मानिक दास से शादी की थी जो खुद भी एक अभिनेता थे। लेकिन शादी के कुछ ही सालों के बाद मानिक दास की मृत्यु हो गई। 

अनिता गुहा ने कभी दोबारा शादी नहीं की। और इस तरह वो कभी मां भी नहीं बन पाई। जिसका दुख उन्हें ताउम्र रहा। ज़िंदगी के आखिरी सालों में अनिता गुहा को कई गंभीर बीमारियों ने भी घेर लिया था। 

इन्हें दिल की बीमारी हो गई थी। साथ ही साथ ल्यूकोडर्मा नाम का चर्म रोग भी इन्हें हो गया था। ल्यूकोडर्मा की वजह से अनिता गुहा हर वक्त हैवी मेकअप में ढकी रहती थी। 

ज़िंदगी के आखिरी वक्त में अपने करीबियों से अनिता गुहा ने ख्वाहिश जताई थी कि जब इनकी मौत हो तो मेकअप में ही इनका अंतिम संस्कार भी किया जाए। 20 जून 2007 को दिल का दौरा पड़ने से अनिता गुहा की मौत हो गई थी। और इनकी ख्वाहिश के मुताबिक ही मेकअप में ही इनका अंतिम संस्कार भी किया गया।

Fact No. 14

जय संतोषी मां के प्रोड्यूसर सतराम रोहेरा का आखिरी वक्त बेहद मुश्किलों में गुज़रा था। इस फिल्म की बंपर सक्सेस के बावजूद भी सतराम रोहेरा को आर्थिक मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। 

कहा जाता है कि फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर केदारनाथ अग्रवाल और सतराम रोहेरा के बीच कुछ ऐसा कॉन्ट्रैक्ट हुआ था जिसके मुताबिक फिल्म के प्रोफिट का बड़ा शेयर केदारनाथ अग्रवाल के पास ही जाता था। जय संतोषी मां के बाद सतराम रोहेरा इतनी परेशानी में आ गए कि उन्हें खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ गया। 

जबकी केदारनाथ अग्रवाल पर भी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। केदारनाथ अग्रवाल के भाईयों ने ही उन्हें धोखा देते हुए जय संतोषी मां की सारी कमाई हथिया ली। केदारनाथ अग्रवाल इस धोखे को बर्दाश्त ना कर पाए और पैरालाइज़ के शिकार हो गए।

Fact No. 15

जय संतोषी मां फिल्म के कुछ सीन मध्य प्रदेश के उज्जैन में मौजूद महाकाल व हरसिद्धी मंदिर के पास ही मौजूद संतोषी माता के एक मंदिर में शूट किए गए थे। संतोषी माता का ये मंदिर बेहद प्राचीन बताया जाता है और यही वजह है कि इस मंदिर पर हमेशा श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ रहती है। 

जय संतोषी मां फिल्म की सफलता के बाद तो इस मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई थी। आज भी हर शुक्रवार के दिन यहां भारी तादाद में श्रद्धालू आते हैं। और इसकी वजह वो मान्यता है जिसके मुताबिक संतोषी माता के इस मंदिर से कोई भी भक्त कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता।

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