Kanti Shah | B और C Grade फिल्में बनाने वाले कांति शाह की कहानी जिन्हें कहा जाता है Shahenshah of Indian Pulp Cinema | Hindi Biography

Kanti Shah. सिनेमा की थोड़ी सी भी जानकारी रखने वाले लोग इस नाम से वाकिफ ना हों, ऐसा हो ही नहीं सकता। बी और सी ग्रेड फिल्मों के बादशाह माने जाने वाले कांति शाह अपनी फिल्मों की वजह से काफी मशहूर हुए हैं। 

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Kanti Shah Hindi Biography - Photo: Social Media

इनकी फिल्मों में हद दर्जे की बोल्डनैस और डबल मीनिंग डायलॉग्स की भरमार होती थी। लेकिन फिर भी इनकी फिल्में बढ़िया बिजनेस करने में कामयाब रहती थी। एक वक्त पर इनका जलवा ऐसा था कि बड़े-बड़े डायरेक्टर इनकी फिल्मों कि रिलीज़ के वक्त अपनी फिल्मों की रिलीज़ टाल दिया करते थे।

Meerut Manthan आज Indian Pulp Cinema के शहंशाह Kanti Shah की कहानी अपने दर्शकों को बताएगा। Kanti Shah के बारे में आज काफी कुछ आप और हम जानेंगे।

शुरुआती जीवन

कांति शाह का जन्म मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ था। माता-पिता के साथ ये मुंबई के जुहू इलाके में रहा करते थे। इनका एक भाई और एक बहन हैं। कांति शाह को बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसलिए 11वीं के बाद इन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। पढ़ाई छोड़ने के इनके फैसले से इनके माता-पिता बहुत नाराज़ हुए। 

उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई नहीं कर सकते तो कोई काम सीखना शुरू कर दो। कांति ने एक मोटर गैराज में मैकेनिक का काम सीखना शुरू कर दिया। हालांकि छह महीने बाद ही ये उस काम से ऊब गए। फिर इन्होंने उल्हासनगर से तकियों के कवर और रुमाल खरीदकर सांताक्रूज़ स्टेशन पर बेचना शुरू कर दिया। लगभग एक साल तक कांति शाह यही काम करते रहे। फिर एक दिन अचानक इनकी मुलाकात हुई इनके बचपन के एक दोस्त से जिसका नाम था रघुनाथ सिंह। 

ये साल 1979 की बात है। कांति शाह का वो दोस्त जिसका नाम रघुनाथ सिंह था, वो एक बड़े फिल्म स्टूडियो में प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में काम करता था। उसने कांति शाह को भी प्रोडक्शन असिस्टेंट की हैसियत से काम पर लगवा दिया। और बस, यहीं से कांति शाह का फिल्मी सफर शुरू हो गया।

यूं मिलती गई सफलता

फिल्मी दुनिया से जुड़ने के बाद कांति शाह ने फिल्म इंडस्ट्री को बारीकी से समझना शुरू कर दिया। उन्होंने ना केवल फिल्म मेकिंग की टैक्निकल नॉलेज हासिल की, बल्कि फिल्मों के बिजनेस मॉडल को अच्छी तरह से सीख लिया। और जब कांति शाह फुल कॉन्फिडेंट हो गए तो उन्होंने मार धाड़ नाम से अपनी पहली फिल्म प्रोड्यूस। इस फिल्म में मंदाकिनी, नवीन निश्चल और सदाशिव अमरापुरकर जैसे नामी कलाकार थे। 

ये फिल्म साल 1988 में रिलीज़ हुई थी। यूं तो ये फिल्म बहुत ज़्यादा नहीं चली थी। लेकिन इसने इतना पैसा बना लिया था कि कांति शाह फिल्म इंडस्ट्री में आगे भी सर्वाइव कर सकें। कांति के करियर की दूसरी फिल्म रही गंगा जमुना की ललकार। और इस फिल्म को तो कांति शाह ने खुद ही डायरेक्ट भी किया था। इसके बाद तो कांति शाह ने अपनी हर फिल्म को खुद ही डायरेक्ट किया।

बन गए इंडियन पल्प सिनेमा के शहंशाह

करियर की शुरुआत में कांति शाह ने मिथुन और धर्मेंद्र जैसे नामी सितारों के साथ कुछ फिल्में बनाई थी। लेकिन गुज़रते वक्त के साथ कांति शाह ने कम बजट वाली सेमी एडल्ट फिल्मों पर फोकस करना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने हॉरर फिल्में भी बनाई। हालांकि कांति अपनी हॉरर फिल्मों में भी एडल्ट्री का तड़का ज़रूर लगाते थे। 

और इसी वजह से कांति शाह की फिल्में बी और सी ग्रेड फिल्मों की कैटेगरी में गिनी जाने लगी। लेकिन कांति को इससे कभी कोई परेशानी नहीं हुई। वो जानते थे कि उनकी फिल्मों को भी लोग देखते हैं और वो फिल्में बढ़िया पैसा कमाती हैं। इसलिए उन्होंने कभी इस बात की फिक्र नहीं की कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं।

ऐसे हुई थी Sapna Sappu से Kanti Shah की मुलाकात

कांति शाह के जीवन में साल 1998 एक बहुत बड़ा साल बनकर आया। क्योंकि इस साल कांति शाह की गुंडा फिल्म रिलीज़ हुई थी। अपनी अजीब सी कहानी और अनोखे डायलॉग्स की वजह से ये फिल्म आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाती है। 

इसी फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले कांति शाह की मुलाकात सपना सप्पू उर्फ ज़रीना से हुई थी जो आगे चलकर उनकी ढेरों फिल्मों की मुख्य हिरोइन बनी थी। दरअसल, सपना कांति शाह के ऑफिस के पास किसी दूसरे ऑफिस में ऑडिशन देने आई थी। वहां से वापस जाते वक्त बिल्डिंग की सीढ़ियों पर कांति शाह की मुलाकात सपना सप्पू से हुई। 

कांति शाह को जब पता चला कि सपना यहां ऑडिशन देने आई हैं तो उन्होंने सपना को अपनी फिल्म गुंडा में मिथुन चक्रवर्ती की बहन गीता का रोल ऑफर किया। सपना ने बिना किसी झिझक के वो रोल स्वीकार कर लिया। इसके बाद तो सपना कांति शाह की फिल्मों की रेगुलर एक्ट्रेस बन गई। 

शादी का सच जो बड़ा कन्फ्यूज़िंग है

कहा जाता है कि कांति शाह और सपना एक-दूजे को पसंद भी करने लगे थे। दोनों लगभग सात सालों तक लिव इन रिलेशन में भी रहे थे। जबकी कांति शाह पहले से शादी शुदा थे। रेडिफ डॉट कॉम की मानें तो कांति शाह ने खुद एक इंटरव्यू में स्वीकारा था कि सपना के साथ उन्होंने साल 2003 में शादी कर ली थी। लेकिन सपना जो अब सपना सप्पू के नाम से जानी जाती हैं, वो इस बात को पूरी तरह से नकारती हैं। 

वो कहती हैं कि उन्होंने कांति शाह से कभी शादी नहीं की। इसलिए हम भी इस बात की टेंशन नहीं पालते कि क्या सच है क्या झूठ। हम बस इतना ही जानते हैं कि कांति शाह एक वक्त पर इंडियन पल्प सिनेमा के बादशाह थे और उनका इतना ज़्यादा प्रभाव था कि फिल्म इंडस्ट्री के नामी डायरेक्टर अपनी फिल्मों को कांति शाह की फिल्मों के साथ रिलीज़ नहीं करते थे। क्योंकि वो जानते थे कि छोटे शहरों में कांति शाह की फिल्में खूब पसंद की जाती हैं। 

यूं आने लगा करियर ढलान पर

कांति शाह का फिल्मी करियर उस वक्त ढलान पर आना शुरू हो गया जब देश में मल्टिप्लेक्स कल्चर शुरू हुआ और डिजिटलाइजेशन ने तेज़ी से भारत में अपने पैर पसारे। मल्टिप्लेक्स में कांति शाह की फिल्मों के लिए कोई जगह नहीं थी। और डिजिटलाइजेशन की वजह से पुरानी टैक्नोलोजी खत्म हो गई। नतीजा ये हुआ कि सीडी डीवीडीज़ का दौर भी जाने लगा। और इस तरह कांति शाह की सफलता का सूरज अस्त होने लगा। 

यूं तो कांति शाह आज भी एक्टिव हैं। लेकिन अब उनकी एक्टिवनेस वैसी नहीं है जैसी कि साल 2010 से पहले हुआ करती थी। कांति शाह ने भारतीय सिनेमा में जो भी योगदान दिया, उसको याद करते हुए एमाजॉन प्राइम पर द वन एंड ओनली कांति शाह सिनेमा मरते दम तक एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म रिलीज़ की गई थी।

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