Actor Manmauji Biography | Bollywood के गंजे अभिनेता मनमौजी की अनकही कहानी
Actor Manmauji Biography. मनमौजी। आपने कई फिल्मों में इस कलाकार को देखा होगा। ये फिल्मों में सहायक की भूमिका में नज़र आते थे। और अक्सर हम इन्हें कॉमिक किरदारों में देखते हैं।
हालांकि इनके रोल्स उतने ज़्यादा मजबूत कभी नहीं रहते जितने कि अन्य कलाकारों के होते हैं। लेकिन कमाल की बात ये है कि छोटे-छोटे किरदार निभाने के बावजूद भी ये लोगों के ज़ेहन में अपनी छाप छोड़ने में काफी हद तक सफल रहे हैं।
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Actor Manmauji Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज आपको बॉलीवुड कलाकार मनमौजी की ज़िंदगी की कहानी सुनाएगा। वैसे तो डिजिटल मीडिया के इस दौर में भी इनके बारे में बहुत ज़्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी किस्सा टीवी ने कोशिश की है कि इनके बारे में मौजूद हर जानकारी से अपने दर्शकों को रूबरू कराया जाए। Actor Manmauji Biography.
मनमौजी का शुरुआती जीवन
मनमौजी जन्म कब हुआ इसकी कोई पुख्ता जानकारी कहीं उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ वेबसाइट्स पर दावा किया गया है कि ये 1945 में पैदा हुए थे।
कहा जाता है कि ये उत्तर प्रदेश के उन्नाव के दुबेपुर गांव के रहने वाले थे। इनका असली नाम है राम मोहन मिश्रा। इन्होंने कानपुर स्थित गवर्नमेंट टैक्सटाइल इंस्टीट्यूट से टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था।
उसके बाद ये नौकरी करने मुंबई आ गए थे। मुंबई में इन्होंने स्वान, सेंचुरी और एम्पायर जैसी बड़ी टैक्सटाइल फर्म्स में बतौर टैक्निकल एडवाइज़र काम किया था।
महमूद ने बना दिया मनमौजी
एम्पायर मिल में काम करने के दौरान ही इनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि इनकी ज़िंदगी बदल गई और ये अपनी नौकरी छोड़कर फिल्मों में आ गए।
दरअसल, एक दिन जब ये ऑफिस में थे तो मिल के सिक्योरिटी गार्ड ने इनसे कहा कि गेट पर कोई बड़ा फिल्मस्टार है और वो मिल में किसी से बात करना चाहता है।
राम मोहन मिश्रा तुरंत गेट पर पहुंच गए और इन्होंने देखा कि वो बड़ा फिल्मस्टार कोई और नहीं बल्कि महान कॉमेडियन महमूद साहब हैं जो उन दिनों अपने करियर की पीक पर थे।
महमूद साहब ने इनसे हाथ मिलाया और इन्हें बताया कि वो पास ही स्थित फेमस स्टूडियो में किसी काम से आए हैं। लेकिन उन्हें कहीं भी कोई ऐसी जगह नहीं मिल रही है जहां वो अपनी इंपाला कार को सुरक्षित खड़ी कर सकें।
महमूद साहब ने इनसे कहा कि अगर ये उनकी कार को मिल कंपाउंड में कहीं पर खड़ी करने की इजाज़त दे दें तो इनका बड़ा अहसान होगा। जैसे ही ड्राइवर आएगा वो उसे यहां भेज देंगे और वो कार लेकर चला जाएगा।
इन्होंने महमूद साहब को गाड़ी खड़ी करने की इजाज़त दे दी। महमूद साहब इनसे बेहद खुश हुए और इन्हें धन्यवाद बोलकर उन्होंने इन्हें अपना कार्ड दिया और बोले कि कभी उनके घर आकर मिलें।
महमूद के चौकीदार ने की बदसलूकी
अपनी शिफ्ट खत्म करके मनमौजी महमूद साहब से मिलने उनके बंगले पर पहुंच गए। लेकिन वहां महमूद साहब के चौकीदार ने इनसे बड़ी बदतमीजी की। पहले तो चौकीदार ने इनसे कहा कि साहब बिज़ी हैं।
लेकिन जब इन्होंने बताया कि महमूद साहब ने ही इन्हें बुलाया है तो वो ज़ोर-ज़ोर से इन पर चिल्लाने लगा। निराश होकर ये वापस लौटने लगे। लेकिन इतनी देर तक चौकीदार के चिल्लाने की आवाज़ महमूद साहब के कानों तक पहुंच चुकी थी।
महमूद नंगे पांव दौड़े चले आए
जैसे ही महमूद साहब ने खिड़की से झांका तो देखा कि जिस भले आदमी ने उनकी कार खड़ी करने की जगह दी थी वो उनसे मिलने आया है और चौकीदार उसे भगा रहा है। महमूद साहब नंगे पांव ही गेट पर दौड़े चले आए।
उन्होंने चौकीदार से कहा कि उस आदमी को बुलाकर लाए। चौकीदार इनकी तरफ दौड़ा-दौड़ा आया और बोला। साहब आपको बुला रहे हैं। जब ये वापस गेट पर आए तो इन्होंने देखा कि महमूद साहब नंगे पांव वहां खड़े हैं।
महमूद साहब ने इन्हें गले लगाया और चौकीदार के बर्ताव के लिए इनसे माफी मांगी। महमूद साहब इन्हें अपने साथ अपने बंगले के अंदर ले गए और चौकीदार से भी बोलते चले गए कि इनके लिए मेरे घर के दरवाज़े हमेशा खुले हैं।
इन दिग्गजों से हो गई दोस्ती
जब मनमौजी महमूद साहब के साथ उनके बंगले के अंदर पहुंचे तो इन्होंने देखा कि वहां पर बॉम्बे टू गोवा की सारी कास्ट मौजूद है और फिल्म के लिए लुक्स और कॉस्ट्यूम फाइनल की जा रही है।
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी तक इनका नाम मनमौजी नहीं हुआ था। अभी ये टैक्सटाइल इंजीनियर राम मोहन मिश्रा ही थे।
बंगले के अंदर इनकी मुलाकात हुई भगवान दादा, मुकरी और सुंदर जैसे उस दौर के दूसरे दिग्गज कॉमेडियन्स से। और उन सभी कॉमेडियन्स से पहली ही मुलाकात में इनकी अच्छी-खासी दोस्ती भी हो गई थी।
अमिताभ से जुड़ा ये किस्सा भी बताया था
एक इंटरव्यू में इन्होंने बताया था कि महमूद साहब के बंगले में अपनी पहली विज़िट में इन्होंने अमिताभ बच्चन को भी देखा था जो उस वक्त काफी दुबले-पतले हुआ करते थे।
उन दिनों अमिताभ बॉलीवुड में न्यूकमर थे और स्ट्रगल कर रहे थे। वो महमूद साहब के बंगले में ही रहा करते थे। महमूद साहब के पास कई गाड़ियां थी।
महमूद साहब अक्सर अमिताभ से कहते थे कि अब तुम हीरो हो इसलिए गाड़ी में चला करो। मेरी कोई भी कार ले जाया करो।
यूं राम मोहन मिश्रा बन गए मनमौजी
राम मोहन मिश्रा फिल्मों में कैसे आए इसकी कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल महमूद साहब के साथ हुई उस मुलाकात ने इनके लिए फिल्म इंडस्ट्री के दरवाज़े खोल दिए।
हुआ कुछ यूं कि जब ये महमूद साहब के घर उनसे मिलने गए तो उसके बाद उनके घर इनका अक्सर आना जाना शुरू हो गया। ये वहां मौजूद कलाकारों को जोक्स सुनाते और मिमिक्री करके उनका मनोरंजन करते।
महमूद साहब इनके जोक्स से और इनकी मिमिक्री से बड़े खुश होते थे। उन्होंने मन ही मन फैसला कर लिया था कि वो किसी ना किसी फिल्म में इन्हें कोई ना कोई रोल ज़रूर दिलाएंगे।
इसी दौरान साल 1979 में महमूद साहब ने नौकर फिल्म साइन की जिसमें संजीव कुमार और जया भादुरी लीड कैरेक्टर में थे और महमूद साहब बतौर कॉमेडियन थे।
महमूद साहब ने इस फिल्म में इन्हें भी काम दिलाया और इस तरह पहली दफा ये फिल्म नौकर में बतौर एक्टर दिखाई दिए। इसी फिल्म से इन्होंने अपना नाम मनमौजी रख लिया था।
फिल्म में इनके किरदार का नाम भी मनमौजी ही था और फिल्म के क्रेडिट्स में भी इनका नाम मनमौजी ही लिखा गया था। और फिर ये फिल्म इंडस्ट्री में बतौर मनमौजी स्थापित हो गए।
इसके बाद तो मनमौजी ने और भी कुछ फिल्मों में महमूद साहब के जूनियर के तौर पर काम किया। फिल्म इंडस्ट्री में मनमौजी काफी मशहूर होने लगे और इनके घर पर कई प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स आने लगे थे।
और मनमौजी बन गए गंजे अभिनेता
मनमौजी साहब गंजे आदमी के किरदार में कैसे आने शुरू हुए इसका किस्सा भी बड़ा मज़ेदार है। दरअसल अपनी शुरूआती फिल्म नौकर में ये गंजे नहीं थे। इनके सिर पर अच्छे-खासे बाल थे।
और आगे भी कई फिल्मों में इनके सिर पर बाल नज़र आए थे। लेकिन करियर शुरू करने के चार सालों बाद ये दरिंदा फिल्म में गंजे आदमी के रोल में दिखे तो लोगों ने इन्हें काफी पसंद किया।
फिल्म के डायरेक्टर कौशल भारती ने इनसे कहा, "तुम फिल्म में जॉनी वॉकर साहब के असिस्टेंट बने हो जो कि साधू के रोल में नज़र आएंगे। उनके किरदार की अच्छी खासी दाढ़ी-मूंछ और सिर पर घने सारे बाल हैं। अगर तुम भी उनके जैसे लुक में दिखोगे तो लोग तुम्हें शायद ही नोटिस करेंगे। लेकिन अगर तुम गंजे हो जाओ तो तब तुम्हें लोग ज़रूर नोटिस करेंगे और इससे तुम्हारा काफी फायदा होगा। तुम्हारे करियर को भी उछाल मिल सकता है।"
कौशल भारती की ये बात सुनकर मनमौजी तुरंत उठे और बाहर आकर उन्होंने सड़क किनारे बैठे एक नाई से अपना सिर मुंडवा लिया।
फिर 10 मिनट बाद जब ये वापस लौटकर कौशल भारती के पास आए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं मौजूद सुनील दत्त साहब भी इन्हें देखकर खूब ज़ोर-ज़ोर से हंसे। और इस तरह ये रोल मनमौजी की ज़िंदगी का पहला गंजे आदमी का रोल बना।
लिम्का बुक में दर्ज हो गया नाम
इसके बाद तो लगभग हर फिल्म में इनका किरदार गंजा ही दिखाई दिया। द बर्निंग ट्रेन, महान, सत्ते पे सत्ता, दोस्त, कातिल, मंगल पांडे, दिल, फरिश्ते, अव्वल नंबर, खिलाड़ी, बाज़ीगर, आंखें, दुल्हे राजा और झंकार बीट्स जैसी ढेरों फिल्मों में ये नज़र आए।
इनकी फिल्मों की लिस्ट बनाना लगभग नामुमकिन है क्योंकि इन्होंने हिंदी, भोजपुरी व अन्य भाषाओं की 1 हज़ार से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया है। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इनका नाम सबसे अधिक गंजे आदमी के किरदार निभाने के लिए दर्ज है।
नहीं रही काम की कोई कमी
फिल्म इंडस्ट्री में नाम होने के बाद इनके पास काम की कभी कमी नहीं रही। इनके पास कितना काम था इसका अंदाज़ा आप ऐसे लगा सकते हैं कि ये हर दिन 3 से 4 शिफ्टों में काम किया करते थे। बकौल मनमौजी, कभी कभी तो इतना ज़्यादा काम करना बेहद हैक्टिक हो जाता था।
जब सलमान रुश्दि को इंटरव्यू देने से कर दिया मना
एक समय पर ये इतने मशहूर हो गए थे कि जाने माने लेखक सलमान रुश्दि एक दफा इनका इंटरव्यू लेने आए थे। लेकिन उन दिनों ये इतने ज़्यादा बिज़ी थे कि ना तो इनके पास ये जानने की फुरसत थी कि सलमान रुश्दि कौन हैं और ना ही इनके पास उनसे मिलने के लिए समय था।
इसलिए इन्होंने सलमान रुश्दि से कहा कि छह महीने बाद ये इंटरव्यू के लिए समय निकाल पाएंगे। आखिरकार छह महीने बाद साल 1986 में ये सलमान रुश्दि से इंटरव्यू के लिए मिले।
और ये वक्त भी इन्होंने सलमान रुश्दि को इसलिए दिया था क्योंकि वो पिछले दो दिनों से इनसे मिलने की कोशिश में सुबह छह बजे से लेकर देर रात तक इनके पीछे रहते थे। सलमान रुश्दि के साथ एक फोटोग्राफर और एक कैमरामैन भी था।
सलमान रुश्दि ने इनका इंटरव्यू किया और फिर तय हुआ कि बाकी का इंटरव्यू अगले दिन लिया जाएगा। लेकिन अगले दिन सलमान रुश्दि ने इन्हें कॉल किया और इनसे कहा कि ये पॉलिटिशियन छगन भुजबल के बंगले पर आ जाएं। वहीं पर इनका इंटरव्यू कर लिया जाएगा।
मगर इन्होंने सलमान रुश्दि से साफ कह दिया कि अगर इंटरव्यू करना है तो उन्हें ही इनके पास आना होगा। ये कहीं नहीं जाएंगे। इसके बाद एक मैगज़ीन में सलमान रुश्दि ने इनके साथ हुए इंटरव्यू के बारे में लिखा। और उन्होंने ये भी लिखा कि कैसे इन्होंने छगन भुजबल के बंगले पर आने से साफ इन्कार कर दिया था।
अब एक्टिंग से दूर हो चुके हैं Manmauji
मनमौजी की उम्र अब 75 साल से ज़्यादा हो चुकी है और बीमारी के चलते वो अब एक्टिंग से दूर हो चुके हैं। मनमौजी कहते हैं कि वो चाहते तो हैं कि वो भी आजकल के वेबसीरीज़ के चलन में काम करें। लेकिन 15 से 18 घंटे तक लगातार शूटिंग करना अब उनके बस की बात नहीं है।
साथ ही वे ये भी कहते हैं कि जिस तरह बॉलीवुड में एक दौर आया था जब हीरो ही कॉमेडी भी करने लगे थे उस तरह ये दौर एक बार फिर से कॉमेडियन्स के नाम हो रहा है। और ये एक अच्छा संकेत है।
Meerut Manthan Actor Manmauji साहब की अच्छी सेहत की दुआएं करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि मनमौजी साहब पूरी तरह स्वस्थ होकर एक बार फिर से किसी धाकड़ रोल में कॉमेडी करते हुए हमें नज़र आएं। जय हिंद।
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