Oh My God 2012 Movie Trivia | OMG फिल्म की मेकिंग से जुड़ी 10 रोचक कहानियां

Oh My God 2012. अक्षय कुमार एक बार फिर से बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने वाले हैं। और इस बार वो लेकर आ रहे हैं OMG 2. आने वाली 11 अगस्त को गदर 2 के साथ ही OMG 2 भी सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने वाली है। 

ज़ाहिर है, इस फिल्म को देखने के लिए भी लोग काफी एक्सायटेड हैं। तो क्यों ना इस फिल्म के रिलीज़ होने से पहले आप और हम साल 2012 में आए इस फिल्म के पहले भाग यानि ओएमजी 1 से जुड़ी कुछ दिलचस्प और रोचक बातें जान लें।

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Oh My God 2012 Movie Trivia - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर आज पेश है Oh My God (2012) के पहले भाग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। और हमें पूरा यकीन है कि आपको Meerut Manthan की ये पेशकश ज़रूर पसंद आएगी।

पहली कहानी

ओह माय गॉड फिल्म में अक्षय कुमार एक सुपर बाइक की सवारी करते नज़र आते हैं। ये बाइक है वर्डेंची चॉपर जिसकी कीमत दस लाख रुपए से ज़्यादा है। ये बाइक कोई विदेशी ब्रांड नहीं, बल्कि एक भारतीय कंपनी की बाइक है जिसका नाम वर्डेंची है। वर्डेंची का ऑफिस मुंबई में है। 

जबकी इसके डीलर्स देशभर में फैले हुए हैं। मुंबई, गुजरात में तो इस कंपनी के डीलर्स बड़ी तादाद में हैं ही। साथ ही दक्षिण भारत के बड़े शहरों में भी वर्डेंची की बाइक्स बड़ी आसानी से मिल जाती हैं। 

जबकी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बिहार की राजधानी पटना, झारखंड की राजधानी रांची में भी वर्डेंची बाइक्स अवेलेबल हैं। इतना ही नहीं, नॉर्थईस्ट में असम के गुवाहाटी और मिजोरम के आइजॉल में भी वर्डेंची के शोरूम्स मौजूद हैं।

दूसरी कहानी

ओह माय गॉड फिल्म में अक्षय जिस वर्डेंची चॉपर बाइक को चलाते दिखाई देते हैं उस बाइक की कहानी भी काफी दिलचस्प है। वर्डेंची नाम की इस कंपनी के मालिक का नाम भी अक्षय ही है। इनका पूरा नाम है अक्षय वर्डे। और ये अपनी कंपनी वर्डेंची में कोई नए मॉडल्स डिज़ाइन नहीं करते हैं। 

बल्कि पुराने बाइक मॉडल्स को मॉडिफाई करते हैं। यानि OMG 1 में अक्षय जिस सुपर बाइक को दौड़ाते दिखाई देते हैं वो एक पुरानी बाइक को मॉडिफाई करके तैयार की गई थी। और उसे नाम दिया गया था वर्डेंची चॉपर। अक्षय वर्डे को ये बाइक तैयार करने में 45 दिन का समय लगा था। 

और कंप्लीट होने के बाद जब अक्षय कुमार ने ये बाइक देखी तो उन्हें इसका डिज़ाइन बहुत पसंद आया था। वैसे आपको बता दें कि वर्डेंची कंपनी के मालिक अक्षय वर्डे ने बॉलीवुड एक्ट्रेस समीरा रेड्डी से शादी की है।

तीसरी कहानी

ओह माय गॉड फिल्म वाली अक्षय कुमार की बाइक से ही एक और बड़ा मज़ेदार फैक्ट जुड़ा है। अगर आप अक्षय की उस वर्डेंची चॉपर बाइक की नंबर प्लेट पर गौर करेंगे तो आपको पता चलेगा कि उसका नंबर है ओम क्रॉस 786. 

ये नंबर भारत के तीन बड़े धर्मों को आइडेंटीफाई करता है। जहां ओम हिंदू धर्म का प्रतीक है। तो वहीं क्रॉस क्रिश्च्यैनिटी का निशान है। जबकी 786 नंबर इस्लाम धर्म के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

चौथी कहानी

ओह माय गॉड फिल्म का लीड कैरेक्टर कांजी लालजी मेहता एंटीक्स की एक दुकान का मालिक होता है। हालांकि उसकी दुकान में अधिकतर देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी नज़र आती हैं। 

यानि कांजी मेहता नास्तिक होते हुए भी भगवान की मूर्तियां बेचने का काम करता है। और अक्सर वो खरीदारों को बेवकूफ बनाकर मूर्तियों को उनकी वास्तविक कीमत से कहीं ज़्यादा पर बेचता है। 

फिल्म में जब कांजी मेहता की दुकान के अंदर का नज़ारा दिखाई देता है, उस वक्त अगर हम ध्यान से देखें तो हमें माइकल जैक्सन की कुछ ड्रेसेज भी वहां दिखेंगी। इसी से साबित होता है कि कांजी लालजी मेहता सिर्फ मूर्तियों का बिजनेस नहीं करता। बल्कि वो एंटीक आइटम्स भी सेल करता है।

पांचवी कहानी

ओह माय गॉड जब रिलीज़ हुई थी तब इस फिल्म को लेकर काफी कंट्रोवर्सी भी हुई थी। फिल्म की कहानी से कई लोग आहत हुए थे और कुछ धार्मिक संगठनों ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी। 

पंजाब की कॉन्ग्रेस नेता निमिषा मेहता ने अक्षय कुमार, परेश रावल और डायरेक्टर उमेश शुक्ला के खिलाफ हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। 

हालात को देखते हुए उस वक्त अक्षय कुमार को पुलिस सिक्योरिटी भी दी गई थी। इतना ही नहीं, संयुक्त अरब अमीरात ने तो इस फिल्म को दिखाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।

छठी कहानी

ओह माय गॉड के पहले भाग के रिलीज़ होने से पहले टीवी पर इस फिल्म के कुछ प्रमोशनल वीडियोज़ शेयर किए गए थे। और उन वीडियोज़ में नैरेशन के लिए सलमान खान की आवाज़ का इस्तेमाल किया गया था। उस वक्त लोगों को लगा था कि शायद सलमान खान भी इस फिल्म में किसी अहम रोल में नज़र आने वाले हैं। 

हालांकि ऐसा हुआ नहीं। फिल्म की रिलीज़ से पहले खुद डायरेक्टर उमेश शुक्ला ने कहा था कि सलमान खान की आवाज़ को केवल प्रमोशन के लिए ही लिया गया है। वो ना तो फिल्म में कोई किरदार निभाने वाले हैं। और ना ही फिल्म में कहीं भी उनकी आवाज़ का इस्तेमाल किया गया है।

सातवीं कहानी

वास्तव में ओह माय गॉड फिल्म साल 2001 में आई एक ऑस्ट्रेलियन फिल्म 'द मैन हू सूड गॉड' का रीमेक थी। उस फिल्म की कहानी के मुताबिक स्टीव नाम के एक वकील की फिशिंग बोट पर एक दिन आसमानी बिजली गिर पड़ती है। और उसकी बोट उस हादसे में बुरी तरह तबाह हो जाती है। 

अपनी नाव के क्लेम के लिए वो आदमी इंंश्योरेंस कपंनी के पास जाता है। लेकिन कंपनी उस हादसे को एक्ट ऑफ गॉड बताकर स्टीव को क्लेम देने से मना कर देती है। इसी से फ्रस्ट्रेट होकर स्टीव चर्च को अदालत में घसीट लेता है। 

और कहता है कि चूंकि चर्च के लोग गॉड के रिप्रज़ेंटेंटिव्स हैं तो मेरी नाव का हर्जाना इन्हें ही देना होगा। इसी कहानी को ऑह माय गॉड के राइटर और डायरेक्टर उमेश शुक्ला ने भारतीय परिवेश में दिखाया है। साल 2015 में गोपाला गोपाला नाम से इस फिल्म का तेलुगू में भी रीमेक किया गया था। फिर 2016 में मुकुंदा मुरारी नाम से कन्नड़ में भी इसी कहानी को रीमेक किया गया।

आठवीं कहानी

ओह माय गॉड की कहानी का मूल आइडिया लेखक भावेश मंडालिया का था। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन फिल्म 'द मैन हू सूड गॉड' देखने के बाद इस कहानी पर एक नाटक लिखने का सोचा। उन्होंने ये आइडिया उमेश शुक्ला को बताया। 

उमेश शुक्ला को भी भावेश मंडालिया का ये आइडिया काफी पसंद आया। और फिर उमेश शुक्ला, भावेश मंडालिया और सौम्य जोशी ने मिलकर कांजी विरुद्ध कांजी नाम से एक नाटक लिखा जो कि गुजराती भाषा में था। इस नाटक को गुजरात में बहुत ज़्यादा पसंद किया गया था। 

लोगों से मिले पॉज़िटिव रिस्पॉन्स के बाद इस नाटक का मंचन हिंदी व मराठी भाषा में भी किया गया। अल्टीमेटली ये नाटक बहुत हिट साबित हुआ और इसके 1200 से भी ज़्यादा शोज़ आयोजित किए गए। ये बात भी जानने लायक है कि नाटक में भी कांजी भाई का कैरेक्टर परेश राव ने ही प्ले किया था।

नौंवी कहानी

कांजी विरुद्ध कांजी नाटक की अपार सफलता के बाद उमेश शुक्ला ने इस कहानी पर फिल्म बनाने का फैसला किया। स्क्रीनप्ले फाइनल करने के बाद वो कई नामी प्रोडक्शन हाउस वालों मिले। लेकिन किसी ने भी इस फिल्म को बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। 

सबको यही डर था कि ऐसे टॉपिक पर फिल्म बनाने से वो बेवजह कंट्रोवर्सी में फंस जाएंगे। फिर एक दिन उमेश शुक्ला ने ये कहानी अक्षय कुमार को सुनाई। अक्षय कुमार को ये कहानी काफी पसंद आई। उमेश शुक्ला वैसे भी अक्षय की कुछ फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुके थे। 

और अक्षय उनके टैलेंट से अच्छी तरह वाकिफ थे। अक्षय ने फैसला किया कि वो इस फिल्म को प्रोड्यूस करेंगे। उस वक्त तक अक्षय ने ये नहीं सोचा था कि वो खुद भी इस फिल्म में एक्टिंग करेंगे। 

लेकिन जब अक्षय ने कांजी विरुद्ध कांजी नाटक देखा तो उन्हें ये नाटक बहुत पसंद आया। अक्षय को लगा कि उन्हें भी इस फिल्म में काम करना चाहिए। और इस तरह ओह माय गॉड फिल्म की कास्ट में अक्षय कुमार की भी एंट्री हो ही गई।

दसवीं कहानी

जब ये फाइनल हो गया कि ओह माय गॉड फिल्म बनने जा रही है तो ये तो तय था कि इस फिल्म में कांजी भाई का कैरेक्टर परेश रावल ही निभाएंगे। क्योंकि वो ही इस कहानी पर आधारित नाटक कांजी विरुद्ध कांजी में ये रोल निभाते आ रहे थे। 

बाकी के कैरेक्टर्स के लिए उमेश शुक्ला मिले गोविंद नामदेव, ओम पुरी और मिथुन चक्रवर्ती। गोविंद नामदेव व ओमपुरी तो आसानी से फिल्म में काम करने को तैयार हो गए थे। लेकिन शुरूआत में मिथुन चक्रवर्ती ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। 

मिथुन को लग रहा था कि चूंकि लोग उन्हें एक्शन करते देखने के आदी हैं तो हो सकता है कि शायद लोग उन्हें इस किरदार में पसंद ना करें। लेकिन उमेश शुक्ला ने उनसे कहा कि आप बस एक बार इस कैरेक्टर की तरह चल कर दिखा दें। 

उनकी बात मानते हुए मिथुन उसी स्टाइल में चले। मिथुन को ऐसे चलते देख वहां मौजूद हर शख्स को बड़ा मज़ा आया। सबने ज़ोर-ज़ोर से तालियां बजाई। लोगों की उन तालियां से मिथुन बड़े प्रभावित हुए। और मिथुन ने इस फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी। 

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