Farida Jalal | Bollywood की वो प्यारी मां जो कभी छोड़ चुकी थी एक्टिंग | फिर यूं दोबारा लौटी | Biography

Farida Jalal. हिंदी सिनेमा की सबसे स्वीट मां। पचास साल से हिंदी सिनेमा में एक्टिव फरीदा जलाल सिनेमा के हर शौकीन की पंसदीदा एक्ट्रेस हैं। 

बतौर हीरोइन अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाली फरीदा जलाल ने बहन और मां के रोल भी बखूबी निभाए हैं। लगभग हर बड़े फिल्मस्टार के साथ इन्होंने सिल्वर स्क्रीन को शेयर किया है। 

कई बड़े और नामी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर इन पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। फिल्में हों या छोटा पर्दा, इन्होंने हर जगह अपने टैलेंट का डंका बजाया है।

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Farida Jalal Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan लेकर आया है द वन एंड ओनली Farida Jalal की Biography. Farida Jalal के फिल्मों में आने से लेकर उनके फिल्मी सफर और उनकी निजी ज़िंदगी तक, आज बहुत कुछ हम उनके बारे में जानेंगे।

Farida Jalal का शुरूआती जीवन

फरीदा जलाल का जन्म 14 मार्च 1949 को दिल्ली में हुआ था। ये महज़ दो साल की थी जब इनके माता-पिता का तलाक हो गया और इनकी व इनके भाई की कस्टडी के लिए इनके माता-पिता कोर्ट तक पहुंच गए। 

कोर्ट ने फैसला दिया कि बच्चों को फिलहाल बोर्डिंग स्कूल भेजा जाए और जब उनकी पढ़ाई खत्म हो जाए तो उन्हें उनकी मां के हवाले कर दिया जाए।

कोर्ट के फैसले के मुताबिक, फरीदा और उनके भाई खालिद को पंचगनी स्थित सेंट जोजेफ कॉन्वेंट स्कूल भेज दिया गया। फरीदा की शुरूआती पढ़ाई-लिखाई वहीं से हुई। छोटी उम्र से ही फरीदा को फिल्में अपनी तरफ अट्रैक्ट करने लगी थी। स्कूल के दिनों में ये डांस भी खूब किया करती थी।

स्कूल के दिनों से ही करने लगी थी डांस

यहां ये बताना भी बेहद ज़रूरी है कि फरीदा जलाल का असली नाम फरीदा शमी है। फिल्मों के लिए इनका नाम फरीदा जलाल रखा गया था। मशहूर एक्ट्रेस शशिकला की बेटी शैलजा स्कूल में इनकी क्लासमेट थी और साथ ही इनकी गहरी दोस्त भी थी।

फरीदा जब स्कूल में ही थी तो अक्सर नाटकों में इन्हें छोटे-मोटे किरदार दे दिए जाते थे। इस तरह डांस के साथ-साथ स्कूली दिनों से ही ये कहीं ना कहीं एक्टिंग से भी जुड़ गई थी। 

इसी दौरान मुंबई में एक टैलेंट हंट कॉन्टेस्ट का आयोजन किया गया। फरीदा जलाल ने भी इस कॉन्टेस्ट में पार्टिसिपेट किया। 

इसी कॉन्टेस्ट में राजेश खन्ना, विनोद मेहरा और सुभाष घई जैसे लोगों ने भी हिस्सा लिया था जो उस ज़माने में फिल्म इंडस्ट्री में एकदम नए थे। 

फरीदा ने कभी भी एक्टिंग की कोई फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली थी। लेकिन फिर भी वो इस टैलेंट कॉन्टेस्ट की फीमेल विनर थी। जबकी राजेश खन्ना मेल विनर थे।

जब Farida Jalal ने जजों को हंसाया

उस टैलेंट हंट के बारे में एक इंटरव्यू में बात करते हुए फरीदा जलाल ने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री के 12 नामी डायरेक्टर्स उस टैलेंट हंट के जज थे। 

जब फरीदा को इंटरव्यू के लिए उन 12 जजों के पैनल के सामने बिठाया गया तो वो काफी नर्वस थी। जजों के पैनल ने फरीदा से पूछा कि क्या तुमने कभी किसी नाटक में काम किया है।

 इस पर फरीदा ने जवाब दिया कि मैंने अली बाबा चालीस चोर नाटक में काम किया था। फरीदा के इस जवाब पर जजों का पैनल काफी खुश हुआ। जजों ने फरीदा से पूछा कि क्या तुमने अली बाबा चालीस चोर में मरजीना का रोल निभाया था। 

फरीदा ने बताया कि मैंने मरजीना का रोल नहीं किया था। मैं तो चालीस चोरों में से एक बनी थी। इस पर पैनल के सभी 12 जज ठहाके मारकर ज़ोर-ज़ोर से हंस पड़े। जजों को फरीदा की मासूमियत बेहद पसंद आई थी।

Farida Jalal की पहली फिल्म

जिस टैलेंट हंट कॉन्टैस्ट में फरीदा ने हिस्सा लिया था उसके जजों के पैनल में ए सलाम नाम के डायरेक्टर भी शामिल थे। उस कॉन्टैस्ट के इंटरव्यू में ए सलाम फरीदा से काफी प्रभावित हुए थे। 

ए सलाम ने फरीदा को अपनी फिल्म तकदीर के लिए साइन कर लिया। राजश्री बैनर तले बन रही इस फिल्म की खासियत थी कि इससे कई उन सितारों ने अपने करियर की शुरूआत की थी जो आगे चलकर फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम बने।

ये केवल फरीदा जलाल की ही पहली  फिल्म नहीं थी। बल्कि दिग्गज बॉलीवुड कॉमेडियन दिनेश हिंगू की भी ये पहली ही फिल्म थी। हालांकि इस फिल्म में दिनेश हिंगू कॉमेडियन नहीं, विलेन बने थे। 

नामी डायरेक्टर सुभाष घई भी पहली दफा इसी फिल्म में एक्टिंग करते नज़र आए थे। इनके अलावा जलाल आग़ा ने भी एज़ एन एडल्ट पहली दफा इसी फिल्म में काम किया था। इससे पहले जलाल आगा मुगल-ए-आज़म में नन्हे सलीम का किरदार निभा चुके थे।

राजेश खन्ना के अपोज़िट आई नज़र

तकदीर नाम की फरीदा जलाल की वो पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ठीक ठाक प्रदर्शन करने में कामयाब रही। फरीदा की मासूमियत सिनेमा के शौकीनों को बेहद पसंद आई। 

इस फिल्म के बाद से ही डायरेक्टर ए सलाम को फरीदा जलाल अपना गुरू मानने लगी थी। तकदीर के बाद फरीदा जलाल ने बहारों की मंज़िल और महल जैसी बड़े बजट की फिल्मों में भी काम किया। 

फिर साल 1969 में फरीदा जलाल राजेश खन्ना के अपोज़िट आराधना में नज़र आई। इस फिल्म में राजेश खन्ना के साथ फरीदा की रोमांटिक कैमिस्ट्री दर्शकों को खूब भाई। इस फिल्म के गीत बागों में बहार है को बहुत पसंद किया गया था।

जब राजेश खन्ना के सामने शरमा गई Farida Jalal

इस गीत के साथ एक बड़ा ही रोचक किस्सा जुड़ा है। दरअसल, इस फिल्म की शूटिंग के दौरान फरीदा महज़ 17-18 साल की एक युवा लड़की थी। इससे पहले अपनी किसी फिल्म में उन्होंने हीरो के साथ इस तरह से रोमांस नहीं किया था। 

राजेश खन्ना से नज़रें मिलाने में फरीदा को बड़ी शर्म आ रही थी। गाने की शूटिंग जब शुरू हुई तो फरीदा ने एक भी दफा राजेश खन्ना की नज़रों में नज़रें मिलाकर नहीं देखा।

पहले तो डायरेक्टर को लगा कि फरीदा अपना काम सही से नहीं कर रही हैं और उन्हें फिर से ये गाना शूट करना पड़ेगा। लेकिन शूटिंग पूरी होने के बाद जब उन्होंने रील को देखा तो फरीदा का शरमाना उन्हें बड़ा पसंद आया। उन्होंने फैसला किया कि ये गाना ऐसे ही जाएगा।

इस तरह फिल्मों में बहन बनी Farida Jalal

खूबसूरत और मासूम सी दिखने वाली फरीदा जलाल आखिर फिल्मों में हीरोइन बनने की जगह हीरो या हीरोइन की बहन कैसे बनने लगी, ये सवाल आपके ज़ेहन में भी कभी ना कभी उठा होगा। 

हुआ कुछ यूं था कि आराधना के बाद फरीदा की अगली फिल्म थी पुरस्कार जो कि एक एक्शन फिल्म थी। फिल्म में फरीदा लीड हीरोइन थी और उनके हीरो थे जॉय मुखर्जी जो उस समय फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम थे। 

मगर ये फिल्म फ्लॉप हो गई। इसके बाद आई फिल्म नया रास्ता में फरीदा जलाल के रोल को कुछ खास नोटिस नहीं किया गया।

जब खुशी-खुशी दिलीप कुमार की बहन बनी Farida Jalal

इसी दौरान फरीदा को फिल्म गोपी का ऑफर आया जिसमें लीड एक्टर दिलीप कुमार थे, जो कि उन दिनों अपने करियर की पीक पर थे। 

फिल्म इंडस्ट्री की हर हीरोइन कम से कम एक फिल्म दिलीप कुमार के साथ उनकी हीरोइन के तौर पर करना चाहती थी। 

मगर फरीदा को गोपी में दिलीप कुमार की बहन के रोल का ऑफर दिया गया। दिलीप कुमार की ज़बरदस्त फैन रही फरीदा जलाल ने गोपी में उनकी बहन का रोल स्वीकार कर लिया। 

किसी ने फरीदा से कहा कि करियर की शुरूआत में दिलीप कुमार जैसे बड़े स्टार की बहन बनने का तुम्हार ये फैसला भारी पड़ सकता है। 

इस पर फरीदा ने जवाब दिया,"ग्रेटेस्ट दिलीप कुमार की किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान अगर मुझे उनके आस-पास रहकर उन्हें ऑब्ज़र्व करने का मौका मिलेगा तो मैं वो भी नहीं छोड़ूंगी। यहां तो मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है। इसे भला मैं कैसे छोड़ सकती हूं।"

बहन के रोल निभाकर जीते कई फिल्मफेयर

जिस इंसान ने फरीदा को वो सलाह दी थी उसका अंदेशा सही साबित हुआ। फरीदा के पास फिल्मों में हीरो की बहन बनने के रोल्स ही आने लगे। 1971 में रिलीज़ हुई फिल्म पारस में फरीदा जलाल ने संजीव कुमार साहब की बहन का रोल निभाया था। 

इस रोल के लिए फरीदा को उनका पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था। ये अवॉर्ड था फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस। दिलीप कुमार की बहन बनने के अपने फैसले पर फरीदा को कभी मलाल नहीं रहा।

उल्टे वो कहती हैं कि उनका वो फैसला एकदम सही था क्योंकि इससे फिल्म में उनके पास हीरोइन से ज़्यादा काम होता था। हीरोइन फिल्म में केवल गाने गाते रह जाती है और उनके पास फिल्म के एक से बढ़कर एक ड्रैमेटिक सीन्स आ जाते थे। 

फरीदा की ये बातें उस वक्त और भी ज़्यादा सही साबित हुई जब फिल्म मजबूर में ये अमिताभ बच्चन की बहन बनी और फिल्म में उनकी शानदार एक्टिंग के लिए उन्हें उनके करियर का दूसरा फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला।

धीरे-धीरे ढलने लगी Farida Jalal

सत्तर के दशक के आखिरी सालों में जब बॉलीवुड में मल्टीस्टारर फिल्में ज़्यादा बनाई जाने लगी तो फरीदा जलाल जैसी कैरेक्टर आर्टिस्ट के लिए ये एक तगड़ी चुनौती बन गई। इस दौरान फरीदा ने अमर प्रेम, बुनियाद, रिवाज, प्यार की कहानी और हीरा जैसी फिल्मों में काम किया। 

लेकिन इनमें से किसी भी फिल्म में इनका रोल बहुत ज़्यादा मजबूत नहीं था। हालांकि ऋषि कपूर की डेब्यू फिल्म बॉबी में ज़रूर इनका किरदार चैलेंजिंग था। लेकिन इससे भी फरीदा को कोई खास फायदा नहीं मिल पाया था।

शादी करके फिल्मों से खुद को कर लिया दूर

धीरे-धीरे फरीदा को फिल्मों में काम मिलना बंद होने लगा। जिन फिल्मों के ऑफर्स फरीदा को मिल भी रहे थे वो उतने खास नहीं थे कि फरीदा उन्हें साइन कर सकें। लेकिन फिर साल 1974 में आई फिल्म जीवन रेखा। 

इस फिल्म में फरीदा हीरोइन थी और उनके हीरो थे तबरेज़ बरमावर, जो कि कुछ धार्मिक फिल्मों में काम कर चुके थे। जीवन रेखा की शूटिंग के दौरान तबरेज़ और फरीदा एक-दूसरे को पसंद करने लगे।

लगभग तीन साल एक-दूसरे को डेट करने के बाद आखिरकार साल 1978 की नवंबर में फरीदा ने तबरेज़ से शादी कर ली। मगर इसके बाद तो मानो फरीदा के पास फिल्मों के ऑफर्स का अकाल ही पड़ गया। 

उनके पास इक्का-दुक्का ऑफर्स आते और कमज़ोर किरदारों के चलते फरीदा उन्हें भी मना कर देती थी। आखिरकार फरीदा ने अपने पति तबरेज़ के साथ बैंगलोर शिफ्ट होने का फैसला कर लिया।

टीवी से शुरू हुई Farida Jalal की एक्टिंग की दूसरी पारी

बैंगलोर में फरीदा के पति तबरेज़ ने डिटरजेंट और साबुन फैक्ट्री का अपना बिज़नेस शुरू किया। फरीदा को एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम यासीन रखा गया। पति के साथ फरीदा ने बैंगलोर में आठ साल का वक्त गुज़ार दिया।

हालांकि इस वक्त तक फरीदा फिल्मों में तो नहीं, लेकिन टीवी पर ज़रूर काम करने लगी थी। दरअसल, उस दौर में बनने वाले घर जमाई और सारा जहां हमारा नाम के टीवी शोज़ की शूटिंग बैंगलोर में ही हुई थी।

फिल्म नगरी मुंबई में जब ये खबर पहुंची की फरीदा फिर से एक्टिंग करने लगी हैं तो उनके पास फिर से फिल्मों के ऑफर्स आने लगे। फिर एक दिन प्रोड्यूसर एसएस ओबेरॉय अचानक ही बैंगलोर में फरीदा के घर पहुंच गए और उन्होंने फरीदा को अपने शो देख भाई देख में काम करने का ऑफर दिया। 

फरीदा को ये रोल कुछ अलग लग रहा था। उन्होंने अपने पति से इस बारे में बात की। आखिरकार फरीदा देख भाई देख शो में काम करने मुंबई आ गई।

राज कपूर फिर से फिल्मों में लेकर आए

देख भाई देख शो को काफी पसंद किया गया। शो का हर किरदार दर्शकों के दिलों में उतर गया। फरीदा को भी इस शो में दर्शकों ने बेहद पसंद किया। 

कुछ लोगों को लगने लगा कि फरीदा अब फिल्मों में भी वापसी कर लेंगी। मगर हकीकत ये थी फरीदा का ऐसा कोई भी इरादा नहीं था। 

और अगर राज कपूर साहब ना होते तो फरीदा जलाल शायद कभी फिल्मों में वापसी करती भी नहीं। राज कपूर ने फिल्मों में फरीदा की वापसी कैसे कराई ये जानने के लिए हमें वक्त में थोड़ा पीछे की तरफ जाना होगा। 

ये बात फिल्म बॉबी की शूटिंग के दौरान की है। फिल्म की शूटिंग के आखिरी दिन जब अपना काम खत्म करके फरीदा वापस जा रही थी तो उन्होंने राज कपूर को गुड बाय कहा। 

इस पर राज कपूर ने फरीदा से कहा कि तुम तो राज कपूर प्रोडक्शन की परमानेंट मेंबर बन चुकी हो। हम जो भी फिल्म बनाएंगे तुम उसका हिस्सा ज़रूर बनोगी। इसलिए तुम्हारी-हमारी कोई गुड बाय नहीं होगी। 

फिर राज कपूर साहब ने जब अपने ड्रीम प्रोजेक्ट हिना पर काम करना शुरू किया तो उन्होंने फरीदा के भाई खालिद के पास मैसेज भिजवाया कि फरीदा जल्द से जल्द राज कपूर से मिलें।

हिना में Farida Jalal का किया गया बेहद पसंद

चूंकि फरीदा उन दिनों मुंबई में ही थी तो वो जाकर राज कपूर से मिली। राज कपूर ने उन्हें हिना फिल्म की कहानी सुनाई और उनके रोल के बारे में उन्हें बताया। 

फरीदा को अपना रोल पसंद आया। फरीदा ने ये सोचकर राज कपूर का ऑफर स्वीकार कर लिया कि हिना उनके करियर की आखिरी फिल्म होगी और इसके बाद वो सिर्फ और सिर्फ अपनी फैमिली पर ध्यान देंगी। 

हिना रिलीज़ हुई और बड़ी हिट साबित हुई। फरीदा जलाल की एक्टिंग ने भी लोगों का दिल जीत लिया।

हिना से शुरू हुई दूसरी फिल्मी पारी

हिना सफल हुई तो कपूर खानदान ने हिना की सफलता का जश्न मनाने के लिए ताज होटल में एक पार्टी रखी। उस पार्टी में फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी-बड़ी हस्तियां शिरकत करने पहुंची थी। 

इनमें ज़्यादातर वो लोग थे जो फरीदा जलाल से मिलने और उन्हें अपनी अगली फिल्म में लेने की उम्मीद से गए थे।

दरअसल, यही वो वक्त था जब फरीदा जलाल फिल्मों में हीरोइन या बहन के रोल से हटकर मां या दादी के रोल में फिट होने लगी थी। कहना चाहिए कि हिना के बाद से ही फरीदा जलाल की दूसरी पारी शुरू हुई थी।

और फिल्मों में मां और दादी बनने लगी फरीदा

नब्बे का दशक वो दशक था जब फरीदा जलाल फिल्मों में मां या दादी के रोल ही निभाने लगी। इस दौरान इन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया। 

गर्दिश, लाडला, क्रांतिवीर, डीडीएलजे, राजा हिंदुस्तानी, जुदाई, ज़िद्दी, दिल तो पागल है, कुछ कुछ होता है, सोल्जर, कहो ना प्यार है और क्या कहना। 

ये कुछ वो फिल्में हैं जो इनकी सेकेंड इनिंग की माइल स्टोन फिल्में मानी जाती हैं। आखिरी दफा फरीदा जलाल नज़र आई थी फिल्म लाइन्स में और इस फिल्म में फरीदा जी ने दादी मां का रोल निभाया था।

टीवी पर भी किया खूब काम

केवल फिल्में ही नहीं, फरीदा जलाल ने टीवी पर भी खूब काम किया है। टीवी पर भी ये सालों से एक्टिव रही हैं। द ग्रेट मराठा, जुनून, शरारत, बालिका वधू। 

ये कुछ वो टीवी सीरियल्स हैं जिनमें फरीदा जलाल ने दमदार अभिनय किया। खासतौर पर शरारत में इनकी कॉमेडी बेहद पसंद की गई थी। 

यशराज़ फिल्म्स की शॉर्ट फिल्म लव शॉट्स में भी ये कुलभूषण खरबंदा के अपोज़िट नज़र आई। इसके अलावा मेहरम और परछाईं नाम की वेब सीरीज़ में भी इन्होंने काम किया है।

सदा सेहतमंद रहें फरीदा जलाल

फरीदा जलाल जी की उम्र अब 75+ हो चुकी है। उम्र के इस पड़ाव पर अब वो बेहद कम एक्टिंग प्रोजेक्ट्स में काम कर रही हैं। लेकिन लोगों के बीच फरीदा जलाल का चार्म आज भी बरकरार है। 

हीरोइन के तौर पर अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाली फरीदा जलाल मां, बहन और दादी के किरदारों में भारतीय सिने प्रेमियों के दिलों में गहराई तक उतर गई।सिनेमा के शौकीन फरीदा जलाल को बेहद प्यार करते हैं और उन्हें हमेशा फिल्मों में देखते रहना चाहते हैं। 

Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि फरीदा जलाल हमेशा सेहतमंद रहें और बीच-बीच में अपनी एक्टिंग से दर्शकों का मनोरंजन करती रहें। फिल्म इंडस्ट्री में फरीदा जलाल के योगदान के लिए मेरठ मंथन उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।

टिप्पणियाँ

  1. हमने बहुत सारी फिल्मों में बहन के रोल में देखा है, उनका मासूम चेहरा और बढ़िया एक्टिंग हमेशा याद रहेगी

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