Rajpal Yadav | शाहजहांपुर के राजपाल की Bollywood में संघर्ष और सफलता की कहानी | Biography

Rajpal Yadav. कॉमेडी सिनेमा के शौकीन पूरी इज्‍ज़त से इनका नाम लेते हैं। ये हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने छोटे शहर के नौजवानों को सपने देखना सिखाया। 

थिएटर, छोटा पर्दा और फिर सिनेमा, ऐसा कौन सा माध्यम है जिसमें राजपाल यादव ने अपनी एक्टिंग का हुनर ना दिखाया हो। निगेटिव रोल से फिल्मी करियर शुरू करने वाले राजपाल यादव आज बॉलीवुड के एक बहुत बड़े कॉमेडियन हैं और कैरेक्टर आर्टिस्ट भी हैं।

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Rajpal Yadav Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज लेकर आया है Rajpal Yadav की ज़िंदगी की कहानी। यूपी के शाहजहांपुर से मुंबई जाकर अपना मुकाम बनाने वाले Rajpal Yadav के फिल्मी सफर की ये रोचक कहानी आज हम और आप जानेंगे।

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Rajpal Yadav की शुरूआती ज़िंदगी

राजपाल यादव का जन्म हुआ था उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से 40 किलोमीटर दूर खुंड्रा नाम के एक गांव में 16 मार्च 1971 को। कक्षा 8 तक की पढ़ाई राजपान ने अपने गांव से ही की थी। 

बचपन में इनके घरवालों सहित इनके पूरे गांव को दूर-दूर तक भी ये अंदाज़ा नहीं था कि ये बच्चा आगे चलकर एक्टिंग की दुनिया में एक बहुत बड़ा नाम बनेगा। सबको लगता था कि ये बच्चा या तो मास्टर बनेगा या फिर डॉक्टर बनेगा।

शाहजहांपुर में थिएटर से जुड़े Rajpal Yadav

अपनी आगे की पढ़ाई और फिर ग्रेजुएशन इन्होंने अपने जनपद शाहजहांपुर से किए। हाईस्कूल पास करते ही इन्हें शाहजहांपुर ऑर्डिनेंस कपड़ा फैक्ट्री में अप्रेंटिस करने का मौका मिला। दो साल तक यहां अप्रेंटिस करने के बाद आज भी राजपाल यादव इस कपड़ा फैक्ट्री के अवैतनिक कर्मचारी हैं। 

राजपाल जब शाहजहांपुर से ग्रेजुएशन कर रहे थे तो इनका झुकाव अभिनय की तरफ होने लगा। इन्होंने शाहजहांपुर में कोरोनेशन थिएटर नाम के एक थिएटर ग्रुप को जॉइन कर लिया।

लखनऊ, दिल्ली और फिर ऐसे मुंबई पहुंचे Rajpal Yadav

ग्रेजुएशन के दौरान राजपाल इस थिएटर ग्रुप के साथ मिलकर नाटक करते रहे और जब इस ग्रुप के साथ इन्होंने अंधेर नगरी चौपट राजा नाम का नाटक किया तो इन्हें अहसास हो गया कि यही वो फील्ड जिसके लिए ये बने हैं। 

1992 में जब इनका ग्रेजुएशन कंप्लीट हो गया तो राजपाल यादव को लखनऊ के भारतेंदू नाट्य अकादमी में दाखिला मिल गया। यहां दो साल बिताने और थिएटर की बारीकियां समझने के बाद साल 1994 में इन्होंने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिले के लिए आवेदन किया। 

राजपाल को दाखिला मिल भी गया। यहां तीन साल की ट्रेनिंग लेने के बाद 1997 में इन्होेंने एक्टिंग में करियर बनाने के उद्देश्य से रुख किया फिल्मनगरी मुंबई का।

मुंबई में करना पड़ा कड़ा संघर्ष

मुंबई में राजपाल यादव को काफी संघर्ष करना पड़ा। अपने फोटो लेकर ये फिल्म डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के ऑफिसों के चक्कर लगाते रहते थे। कई दफा तो कुछ लोग इनका मज़ाक उड़ाकर इन्हें भगा भी देते थे। 

लेकिन राजपाल ने हिम्मत नहीं छोड़ी। फिर आखिरकार एक दिन इन पर नज़र पड़ी प्रकाश झा की, जो उन दिनों "मुंगेरी के भाई नौरंगी लाल" नाम का एक टीवी शो बनाने जा रहे थे जो कि दूरदर्शन पर प्रसारित होना था।

नौरंगीलाल बनकर मशहूर हो गए Rajpal Yadav

ये शो दूरदर्शन के ही एक लोकप्रिय शो रहे "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" का सीक्वेल था। राजपाल ने इस शो में काम किया और राजपाल का काम लोगों को काफी पसंद आया। 

खासतौर पर यूपी, बिहार और राजस्थान के दर्शकों को इस शो में राजपाल यादव की एक्टिंग ने खासा इंप्रैस किया। ये जहां भी जाते थे लोग इन्हें राजपाल यादव नहीं बल्कि नौरंगी लाल कहकर पुकारते थे।

ऐसे शुरू हुआ Rajpal Yadav का फिल्मी करियर

बात अगर इनके फिल्मी करियर की करें तो यूं तो फिल्मों में इनका आगमन हो गया था साल 1999 में 'दिल क्या करे' नाम की फिल्म से। इस फिल्म में ये एक स्कूल के वॉचमैन बने थे। इसके बाद मस्त और शूल में भी इन्होंने ऐसे ही छोटे-छोटे रोल निभाए।

शूल फिल्म का इनका सीन देखकर ही राम गोपाल वर्मा की नज़र इन पर पड़ी और उन्होंने राजपाल को अपनी सुपरहिट फिल्म जंगल में एक निगेटिव रोल दिया। बस फिर क्या था। इस रोल ने राजपाल यादव की किस्मत पलटकर रख दी।

राजपाल यादव इस रोल में ऐसा उतरे कि आज भी लोगों के ज़ेहन में जंगल फिल्म में इनके द्वारा निभाया गया सिप्पा का किरदार ताज़ा है। इस रोल के लिए राजपाल यादव को सेंसुई स्क्रीन बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था।

कॉमेडी फिल्मों से मशहूर हुए Rajpal Yadav

जंगल फिल्म के बाद राजपाल यादव का फिल्मी करियर चल निकला। इन्होंने चांदनी बार जैसी फिल्म में काफी मजबूत कैरेक्टर प्ले किया था। इसके अलावा राम गोपाल वर्मा की कंपनी में भी ये बड़े ही दमदार रोल में दिखे। 

वहीं मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं जैसी फिल्म में भी इन्होंने एक अलग हटकर कैरेक्टर प्ले किया था। मगर राजपाल यादव को लोकप्रियता मिली कॉमेडी जोनर की फिल्मों से।

Rajpal Yadav की प्रमुख कॉमेडी फिल्में

हम किसी से कम नहीं, हंगामा, कल हो ना हो, दिल बेचारा प्यार का मारा, लव इन नेपाल, मुझसे शादी करोगी, टार्जन द वंडर कार, वक्त, क्या कूल हैं हम, मैंने प्यार क्यूं किया, गरम मसाला, शादी नंबर वन, अपना सपना मनी मनी, मालामाल वीकली, फिर हेरा फेरी, चुप चुप के, भागम भाग, पार्टनर, ढोल, भूल भुलैया, भूतनाथ, क्रेज़ी फोर, मेरे बाप पहले आप, गॉड तुस्सी ग्रेट हो, और दे दना दन। ये वो कुछ फिल्में हैं जिनमें राजपाल यादव ने अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर दिया।

लीड रोल में भी दिखे राजपाल यादव

कई ऐसी फिल्में भी रही हैं जिनमें राजपाल यादव लीड कैरेक्टर में नज़र आए थे। ये फिल्में थी मैं, मेरी पत्नी और वो, कुश्ती और लेडीज़ टेलर, बांके की क्रेज़ी बारात। ये बात अलग है कि लीड कैरेक्टर वाली इनकी फिल्में कोई बहुत खास नहीं चल सकी। 

लेकिन इनकी एक्टिंग के लोग ज़रूर कायल हुए और हर किसी को मानना पड़ा की राजपाल यादव केवल एक कॉमेडियन ही नहीं बल्कि एक ज़बरदस्त एक्टर हैं। एक ऐसा एक्टर जो मौका मिलने पर किसी भी तरह का रोल पूरी तन्मीयता के साथ निभा सकता है।

ऐसी है इनकी निजी ज़िंदगी

राजपाल यादव की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो इनकी शादी हुई राधा यादव से। राधा से इनकी मुलाकात कनाडा में हुई थी। दरअसल, राजपाल यादव फिल्म द हीरो की शूटिंग के लिए कनाडा गए थे। 

कनाडा में इनकी राधा से अच्छी दोस्ती हो गई और कुछ महीने दोस्त की तरह रहने के बाद राधा और राजपाल को लगा कि अब ये दोनों पूरी ज़िंदगी भी एक साथ गुज़ार कर सकते हैं। राधा यादव और इनकी दो बेटिया हैं।

जब राजपाल यादव पर आई मुसीबत

इनकी ज़िंदगी काफी खुशहाल थी। लेकिन 2013 में एक वक्त ऐसा भी आया जब राजपाल यादव कोर्ट कचहरी के चक्करों में भी फंस गए। 

एक लोन विवाद में इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई और उस शिकायत के आधार पर अदालत ने इन्हें जेल की सज़ा सुनाई। इन्हें कुछ दिन जेल में गुज़ारने भी पड़े थे।

इन घटनाओं के बारे में राजपाल यादव कहते हैं कि इसी का नाम ज़िंदगी है क्योंकि यहां बहुत अच्छा और बहुत बुरा, दोनों तरह का तजुर्बा इंसान को मिलता रहता है। 

राजपाल यादव कहते हैं कि उनका परिवार हमेशा उनके मुश्किल वक्त में उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ा रहता है। यही वजह है कि बुरे वक्त में भी ये कभी नहीं टूटे। राजपाल अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने परिवार को ही देते हैं।

हमेशा खुश रहें राजपाल

राजपाल यादव जल्द ही हंगामा-2 में नज़र आएंगे। इसके अलावा और भी कई प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें राजपाल यादव एक्टिव हैं और भविष्य में वो हमें कई और फिल्मों में भी हंसाएंगे। 

Meerut Manthan Rajpal Yadav और उनके परिवार की खुशियों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। जय हिंद।

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