Shahbaz Khan | 90s के Bollywood का बहुत नामचीन Actor जिसे पसंद करता था सारा देश | Biography

Shahbaz Khan. 90 के दशक के भारतीय टेलीविजन को जानने-समझने वाले लोग इस नाम से बड़ी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। शाहबाज़ खान 90 के दौर में ही लोकप्रियता के शिखर पर चढ़े जा रहे थे। 

चंद्रकांता, बेताल पचीसी, युग, द ग्रेट मराठा, शॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान। ये वो टीवी शोज़ थे जिनमें शाहबाज़ खान ने बड़ी ज़बरदस्त एक्टिंग की और दर्शकों को अपना मुरीद बनाया।

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Shahbaz Khan Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर आज कही जाएगी Actor Shahbaz Khan की कहानी। Shahbaz Khan की ज़िंदगी के कई अनसुने किस्से आपके साथ शेयर करेंगे। 

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Shahbaz Khan की शुरूआती ज़िंदगी

शाहबाज़ खान का जन्म हुआ था 10 मार्च 1966 को हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूज़िक के बहुत बड़े नाम रहे उस्ताद अमीर खान के घर इंदौर में। उस्ताद अमीर खान हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यू़ज़िक का एक बहुत बड़ा नाम थे और इंदौर घराने से ताल्लुक रखते थे। 

हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक की सेवा करने के लिए उस्ताद अमीर खान को संगीत नाटक अकदामी अवॉर्ड प्रदान किया गया। भारत सरकार ने भी उस्ताद अमीर खान को पद्म भूषण सम्मान से नवाज़ा था। 

शाहबाज़ खान के जन्म के बाद ही इनके पिता उस्ताद अमीर खान अपने परिवार को लेकर उस ज़माने के बॉम्बे यानि मुंबई में शिफ्ट हो गए। इनकी शुरूआती पढ़ाई मुंबई में ही हुई थी।

ऐसे बने हैदर अमीर से Shahbaz Khan

शाहबाज़ खान जब महज़ 6 या 7 साल के रहे होंगे तब ही उस्ताद अमीर खान साहब का कलकत्ता में कार दुर्घटना में निधन हो गया। 

पिता के निधन के बाद इनकी मां रईसा बेगम इन्हें लेकर नागपुर आ गई। अपनी आगे की पढ़ाई इन्होंने नागपुर कैंट के सेंट जोजेफ स्कूल कैम्टी से की। 

उसके बाद नागपुर शहर के हिसलोप कॉलेज से इन्होंने अपना ग्रेजुएशन किया। यहां आपको ये बताना भी ज़रूरी है कि शाहबाज़ खान का असली नाम हैदर अमीर है। 

लेकिन फिल्मों में आने के बाद इन्होंने अपना नाम हैदर अमीर से बदलकर शाहबाज़ खान रख लिया था। हालांकि शुरूआत में ये फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सिंगर काम करना चाहते थे।

पहले सिंगर बनना चाहते थे Shahbaz Khan

ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद शाहबाज़ खान ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। फिर इन्होंने एक Bar में कुछ दिनों के लिए काम भी किया। लेकिन इनका मन इस काम में बिल्कुल भी नहीं लग पा रहा था। 

आखिरकार एक दिन नौकरी छोड़कर ये लैंड ऑफ ऑपर्चुनिटी कहलाने वाले शहर मुंबई आ गए। ये 1989 का साल था। कभी सिंगर बनने का ख्वाब देखने वाले शाहबाज़ खान को इस समय तक अहसास हो चुका था कि वो तो एक्टर बनने के लिए पैदा हुए हैं।

और मिल गया पहला रोल

खुद शाहबाज़ खान की मां रईसा बेगम ने उनसे कहा था कि तुम उतना अच्छा नहीं गा पाते हो जितना कि तुम्हारे पिता गाते थे। इसलिए बेहतर है कि तुम सिंगर बनने का ख्वाब छोड़ ही दो। 

शाहबाज़ ने ऐसा ही किया। उन्होंने सिंगर बनने का इरादा छोड़ा और एक्टिंग में करियर बनाने की तैयारी शुरू कर दी। वैसे भी स्कूल और कॉलेज में इन्होंने नाटकों में हिस्सा तो लिया ही था, सो एक्टिंग का तजुर्बा इन्हें था। 

शाहबाज़ ने मुंबई स्थित एक एक्टिंग स्कूल में दाखिला ले लिया। अच्छी पर्सनैलिटी के मालिक शाहबाज़ खान को काम के लिए बहुत ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा। एक्टिंग सीखते हुए इन्हें कुछ हफ्ते ही बीते थे कि इनके पास एक बहुत जानदार रोल का ऑफर आया।

हैदर अली के रोल में किए गए पसंद

ये वो वक्त था जब संजय खान अपना बेहद महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट "द शॉर्ड ऑफ टीपू सुल्तान" बना रहे थे। इस शो के लिए संजय खान कुछ नए चेहरों को तलाश रहे थे। 

एक दिन संजय खान की नज़र शाहबाज़ खान पर पड़ी और उन्होंने तुरंत शाहबाज़ को टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली का रोल ऑफर कर दिया। इस समय शाहबाज़ खान की उम्र मात्र 23 साल थी। 

लेकिन कमाल की बात है कि शाहबाज़ ने इस शो में 16 साल के हैदर अली से लेकर उस हैदर अली का भी किरदार निभाया जो अंग्रेजों से लोहा लेता है और शहीद हो जाता है। शाहबाज़ खान को हैदर अली के रोल में खूब पसंद किया गया।

इस तरह शुरू हुआ फिल्मी सफर

इसके बाद शाहबाज़ खान को फिल्मों से भी ऑफर्स आने लगे और साल 1991 में "नाचने वाले गाने वाले" नाम की फिल्म में ये बतौर हीरो नज़र आए। यूं तो इस फिल्म में कादर खान और शक्ति कपूर जैसे बड़े सितारे भी थे। 

लेकिन फिर भी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही। ये पहली और आखिरी फिल्म थी जिसमें शाहबाज़ खान हीरो नज़र आए थे। इसके बाद वो किसी भी फिल्म में फिर कभी बतौर हीरो नहीं दिखे। 

इनके करियर की दूसरी फिल्म थी मेरी आन जो कि 1993 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में ये शेर खान बने थे। वहीं धरतीपुत्र नाम की फिल्म में ये अनवर खान बने थे।

फिर टीवी पर लौटे शाहबाज़

साल 1994 में एक बार फिर शाहबाज़ खान टीवी की तरफ लौटे और संजय खान के एक और बेहद लोकप्रिय टीवी शो 'द ग्रेट मराठा' में ये महादजी शिंदे के किरदार में दिखे। 

इनके इस किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया। लेकिन दो बड़े टीवी शोज़ और कुछ फिल्मों में काम करने के बाद भी शाहबाज़ खान को अब तक वो स्टारडम नहीं मिला था जिसकी ख्वाहिश हर एक्टर को होती है। 

मगर जब शाहबाज़ खान को लोगों ने नीरजा गुलेरी के बेहद लोकप्रिय टीवी शो चंद्रकांता में कुंवर वीरेंद्र विक्रम के किरदार में देखा तो वो हैरान रह गए।

चंद्रकांता ने कर दिया मशहूर

इनकी डायलॉग डिलीवरी और इनका एक्टिंग स्टाइल लोगों को बड़ा पसंद आया। देखते ही देखते शाहबाज़ खान पूरे भारत में लोकप्रिय हो गए। 

90 के दशक में जिन घरों में टीवी होता था वहां चंद्रकांता सीरियल का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार किया जाने लगा। और आखिरकार शाहबाज़ खान को भी वो स्टारडम मिल गया जिसकी चाहत उनके मन में कब से थी। 

दो सालों तक चंद्रकांता सीरीयल ने दूरदर्शन पर अपनी धूम मचाए रखी। कुंवर वीरेंद्र विक्रम सिंह यानि शाहबाज़ खान और राजकुमारी चंद्रकांता यानि शिखा स्वरूप की रोमांटिक कैमिस्ट्री देखते के लिए लोग पूरे हफ्ते इंतज़ार किया करते थे।

इन टीवी शोज़ में भी किया है काम

चंद्रकांता के बाद बड़े पर्दे पर ना सही लेकिन छोटे पर्दे पर शाहबाज़ खान ज़रूर एक सुपरस्टार बन गए थे। इन्हें एक से बढ़कर एक टीवी शोज़ मिले। 

इनके प्रमुख टीवी शोज़ की बात करें तो ये नज़र आए युग, नीयत, बेताल पचीसी, मैं दिल्ली हूं, द्रोपदी, आम्रपाली, सीआईडी, आहट, महाराजा रंजीत सिंह, नागिन, अफसर बिटिया, भारत का वीर पुत्र-महाराणा प्रताप, राम सिया के लव कुश और फिर लौट आई नागिन जैसे टीवी शोज़ में। 

यानि कहा जा सकता है कि दूरदर्शन के ज़माने से टीवी पर एक्टिव शाहबाज़ खान आज भी टीवी इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं।

शाहबाज़ खान की प्रमुख फिल्में

और ऐसा नहीं है कि इन्होंने केवल टीवी शोज़ में ही काम किया है। शाहबाज़ खान ने ढेर सारी फिल्मों में भी काम किया है। इनकी प्रमुख फिल्मों के नाम हैं जय विक्रांता, ज़िद्दी, किला, मेंहदी, अर्जुन पंडित, हिंदुस्तान की कसम, अर्जुन पंडित, बादल, चल मेरे भाई, राजू चाचा, हम किसी से कम नहीं, जानी दुश्मन, द हीरो, जाल, मस्ती, टैंगो चार्ली, मंगल पांडे, लेडीज़ टेलर, बिग ब्रदर, वीर, लुटेरी दुल्हन, एजेंट विनोद, हीरो: लव स्टोरी ऑफ स्पाय, और रक्तधर। 

इनकी आखिरी रिलीज़्‍ड फिल्म थी रिस्कनामा जो कि 2019 में ही रिलीज़ हुई थी और इस फिल्म में ये अरुन नागर के रोल में दिखे थे। 

शाहबाज़ खान ने कुछ तमिल, तेलुगू, कन्नड़, गुजराती, भोजपुरी, पंजाबी और मराठी भाषा की फिल्मों में भी काम किया है। इतना ही नहीं, इन्होंने 2018 में रिलीज़ हुई चायनीज़ फिल्म डाइंग टू सर्वाइव में भी काम किया है।

जल्द ही फिर से लौटेंगे शाहबाज़

शाहबाज़ खान अब फिर से फिल्मों में कमबैक की तैयारी कर रहे हैं। उनके कुछ प्रोजेक्ट्स हैं जिन पर अभी काम चल रहा है। सबकुछ सही रहा तो शाहबाज़ खान जी कुछ बढ़िया वेब सीरीज़ में भी नज़र आ सकते हैं। 

फिलहाल वो टीवी की दुनिया में काफी एक्टिव हैं। और कई धार्मिक शोज़ में उन्होंने हाल ही में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। 

Meerut Manthan Shahbaz Khan जी के बेहतर भविष्य के लिए ईश्वर से कामना करता है। और उम्मीद करता है कि शाहबाज़ खान को ऐसे रोल्स मिलें जो उनके एक्टिंग पोटेंशियल को पूरी तरह से शोकेस कर सकें। 

भारतीय मनोरंजन जगत में शाहबाज़ खान जी ने जो अपना योगदान दिया, उसके लिए Meerut Manthan उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।

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