कौन है सेंचुरी बुड्ढा? IPTA Meerut की धमाकेदार प्रस्तुति का CCS University अटल सभागार में सफ़ल मंचन | Century Buddha

ज़मीन का लालच इंसान पर सदियों से हावी रहा है। ज़मीन के लिए इस दुनिया में कई बड़े झगड़े भी हुए हैं। इंसान कभी ज़मीन की अपनी भूख पर काबू नहीं कर सका। ज़मीन को लेकर इंसानी भूख का एक नज़ारा हमें चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में भी देखने को मिला। 

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

लेकिन वो कोई असली झगड़ा नहीं था। वो एक नाटक था। जिसमें दिखाया गया कि कैसे ज़मीन का अंधा लालच मन के संतोष और मस्तिष्क की शांति को पूरी तरह से समाप्त-नष्ट कर देता है।

मेरठ क्षेत्र की जानी-मानी रंगकर्मी व फ़िल्म एवं टीवी एक्ट्रेस अवनी वर्मा द्वारा निर्देशित "सेंचुरी बुड्ढा" नामक इस नाटक का मंचन किया गया इंडियन पीपल्स थिएटर असोसिएशन यानि "इप्टा" की मेरठ शाखा द्वारा 25 फ़रवरी 2025 को चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के अटल सभागार में। मनोज मित्र द्वारा लिखित हास्य विधा का ये नाटक विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। 

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Director of stage play "Century Buddha" Avni verma with Husband Harish Verma

बांछाराम कपाली नाम का एक बूढ़ा है जिसकी ज़मीन के एक टुकड़े पर कुछ लोग लालची नज़रें जमाए बैठे है। बांछाराम ने अपने ज़मीन के टुकड़े को एक खूबसूरत बगिया बना दिया है। 

कई फल-फूलदार पेड़-पौधे लगा दिए हैं। बांछाराम की उम्र अब 95 साल हो चुकी है। इसलिए वो कुछ लोग चाहते हैं कि बांछाराम जल्दी से मरे और उसकी बगिया को वो हड़प सकें। 

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

बांछाराम की बगिया को हड़पने का ख्वाब देखने वालों में सबसे आगे है ज़मींदार नौकौड़ी दत्त। नौकौड़ी दत्त अपने बेटे लोटन के साथ मिलकर तमाम हथकंडे बांछाराम की बगिया हड़पने के लिए अपनाता है। 

नौकौड़ी दत्त का बाप छकौड़ी भी किसी ज़माने में बांछाराम की बगिया कब्ज़ाना चाहता था। छकौड़ी दत्त मर गया। लेकिन बांछाराम की बगिया उसके हाथ ना लग सकी। 

पिछले 30 सालों से छकौड़ी दत्त का भूत वहीं है। छकौड़ी का भूत चाहता है कि उसका बेटा नौकौड़ी तो बांछाराम की बगिया हथिया ही ले। छकौड़ी कभी-कभी बांछाराम को परेशान भी करता है। उसे डराता रहता है। छकौड़ी का बेटा नौकौड़ी बांछाराम की बगिया हथियाने में लगभग कामयाब हो ही जाता है। लेकिन बांछाराम का एक रिश्तेदार नौकौड़ी की राह में रोड़ा बन जाता है।

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

दरअसल, बांछाराम का एक नाति भी है जिसका नाम गोपी है। गोपी की नज़रें भी उस बगिया पर हैं। गोपी भी बांछाराम को फुसलाकर वो ज़मीन अपने नाम कराना चाहता है। 

पहले तो बांछाराम गोपी को दुत्कार कर भगा देता है। मगर जब गोपी शादी करके दोबारा वापस आता है तो बांछाराम उस पर तरस खाकर उसे व उसकी पत्नी को अपने साथ रहने देता है। 

स्थिति कुछ ऐसे बदलती है कि नौकौड़ी तो चाहता है कि बांछाराम जल्द से जल्द मरे। लेकिन गोपी हर हाल में बांछाराम को ज़िंदा रखना चाहता है। 

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

गोपी और नौकौड़ी व लोटन के बीच बांछा को मारने और ज़िंदा रखने की इसी उठा पटक में भरपूर हास्य निकलता है जिससे दर्शकों का बढ़िया मनोरंजन होता है। बांछाराम तो नहीं मरता। अंत में छकौड़ी दत्त का बेटा नौकौड़ी ही प्राण छोड़ देता है। 

साथियों ये मेरठ शहर के लिए गर्व की बात है कि इप्टा, जो हमारे देश के सबसे पुराने नाट्य संस्थानों में से एक है, वो मेरठ में भी सक्रिय है। और आज भी इस संस्था द्वारा नाट्य मंचन किया जा रहा है। 

इप्टा की स्थापना साल 1942 में हुई थी। जबकी मेरठ में इप्टा साल 1952 से सक्रिय है। मेरठ में इप्टा आज जिन बुलंदियों पर है उसका श्रेय स्वर्गीय श्री शांति वर्मा जी को जाता है। 

ये शांति वर्मा ही थे जिन्होंने मेरठ में इप्टा की स्थापना की थी। बड़ी कुशलता व प्रतिष्ठा से श्री शांति वर्मा जी ने मेरठ में इप्टा का संचालन किया। यही वजह है कि इस क्षेत्र में रंगकर्म से जुड़े लोग श्री शांति वर्मा जी को रंगकर्म का पितामह कहते हैं। 

शांति वर्मा जी ने कई देशव्यापी नाट्य प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त कर मेरठ का मान बढ़ाया था। आज शांति वर्मा जी के पुत्र हरीश वर्मा व पुत्रवधू अवनी वर्मा ने सफ़लतापूर्वक इप्टा मेरठ को संभाला हुआ है।

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Late Shri Shanti Verma Ji

अब ज़रा कलाकारों की बात कर लेते हैं। क्योंकि कलाकारों ने ही अपने उत्कृष्ट अभिनय से इस नाटक को सफ़ल बनाया है। नाटक के मुख्य किरदार बांछाराम को जिया मुहम्मद राशिद यूसुफ़ ने। लालची नौकौड़ी दत्त का किरदार निभाया है हेमंत गोयल ने। 

नौकौड़ी के बेटे लोटन बने हैं साजिद खान। नौकौड़ी की पत्नी का किरदार निभाया है अवनी वर्मा ने(जिन्होंने इस नाटक का निर्देशन भी किया है) नौकोड़ी के पिता छकौड़ी का भूत बने हैं संयम वर्मा। 

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

गोपी के रोल को शहज़ाद खान ने निभाया है। जबकी गोपी की पत्नी के रूप में दिखी रुपाली गुप्ता। अन्य सहायक किरदार निभाए संजीव मलिक, शाहिद गौरी, फ़ैज़ान यासीन इत्यादि ने। 

संगीत विभाग संभाला हरीश वर्मा ने। लाइट व मेकअप विभाग देखा जितेंद्र सी. राज ने। जबकी सपोर्टिंग स्टाफ़ के तौर पर सहयोग किया साजिद सैफ़ी, अयाज़ सैफ़ी व समद अली ने।  

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कार्यक्रम में उपस्थिक सभी गणमान्य

दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता श्री धम्मदीप सिंह जी ने। विशिष्ट अतिथि के तौर पर चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर प्रशांत शर्मा, श्री के.पी सिंह(अध्यक्ष, इप्टा मेरठ), श्री आनंद कुमार जौहरी(सेवा निवृत्त गन्ना आयुक्त), श्री आर.के.भटनागर(रिटायर्ड आई.ए.एस अधिकारी), श्री अनिरुद्ध गोयल(संयोजक, संस्कार भारती मेरठ), श्री दीपक शर्मा व श्री प्रदीप अग्रवाल उपस्थित रहे। नाटक शुरू होने से पहले शिवानी डांस ग्रुप द्वारा कुछ रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियों का आयोजन भी किया गया।  

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Century Buddha Stage Play by IPTA Meerut

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