Simi Garewal | एक खूबसूरत और बोल्ड की कहानी Actress जिसका हर अंदाज़ चर्चा बन जाता है | Biography

17 अक्टूबर 1947 को पंजाब के लुधियाना में Simi Garewal का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम था ब्रिगेडियर जे.एस.गरेवाल। कहा जाता है कि Simi Garewal उस वक्त तकरीबन साढ़े पांच साल की थी जब उन्होंने राज कपूर की फिल्म आवारा देखी थी। 

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Biography of Actress Simi Garewal - Photo: Social Media

उस फिल्म का असर Simi Garewal पर इतना गहरा पड़ा कि उसी वक्त से उन्होंने फिल्मों में जाने के ख्वाब देखने शुरू कर दिए थे। बचपन में जब Simi Garewal अपने माता-पिता से फिल्मों में जाने की बात कहती थी तो उन्हें लगता था कि बच्ची नासमझ है। वक्त के साथ ऐसी बातें करना बंद कर देगी। लेकिन वैसा हुआ नहीं।

सिमी गरेवाल जब 15 साल की हुई थो उन्होंने एक दफा फिर से अपने पिता से कहा कि वो हीरोइन बनना चाहती हैं। फिल्मों में काम करना चाहती हैं। पिता ने मना किया। सख्ती दिखाई। डांटा भी। लेकिन फिल्मों की दीवानगी की वजह से ज़िद्दी हो चुकी सिमी ने किसी की नहीं सुनी। 

वो भूख हड़ताल पर बैठ गई। बच्चों की ज़िद के आगे बेचारे मां-बाप के पास झुकने के अलावा कोई चारा भी तो नहीं होता। सो सिमी के पिता भी झुक गए। 

उन्होंने सिमी से कहा कि तुम हीरोइन बनने का अपना ख्वाब पूरा कर सकती हो। लेकिन शर्त ये है कि एक साल के भीतर ही तुम्हें कुछ कर दिखाना होगा। नहीं कर सकी तो वापस लौट आना। 

Simi Garewal को तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई हो। उन्होंने खुशी-खुशी अपने पिता की वो शर्त मान ली। और फिर 15 साल की छोटी सी उम्र में Simi Garewal अकेले मुंबई आ गई। सिमी लुधियाना से नहीं, लंदन से मुंबई आई थी। जी हां, वो जब छह साल की थी तो उनके माता-पिता लंदन शिफ्ट हो गए थे। 

वहीं से एक्ट्रेस बनने का ख्वाब आंखों में लिए सिमी गरेवाल 15 साल की उम्र में मुंबई आई थी। दुर्भाग्यवश, उसी दौरान सिमी गरेवाल के माता-पिता का तलाक भी हो गया था। सिमी जब भारत आई थी तो उनकी मां भी उनके साथ आई थी। जबकी उनकी बहन उनके पिता के साथ लंदन में ही रही।

बचपन से ही सिमी एक ख्वाबों की दुनिया में जी रही थी। उन्हे लगता था कि बॉलीवुड में बनने वाली हर फिल्म "आवारा" जैसी होती है। सिमी ये बात सोचकर बहुत एक्सायटेड होती थी कि कैसे फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाकर कोई इंसान एक ही समय में कई तरह के जीवन जी सकता है। 

सिमी भी तो यही करना चाहती थी। लेकिन मुंबई आने के बाद उनका भ्रम टूटा और सच्चाई से उनका वास्ता पड़ा। उन्हें वैसी हिंदी बोलनी आती ही नहीं थी जैसी कि हिंदी फिल्मों के लिए चाहिए थी। जैसी की भारत में बोली जाती है। नतीजा, सिमी को कई रिजेक्शन्स झेलने पड़े।

आखिरकार सिमी को हिंदी व उर्दू की ट्रेनिंग लेनी पड़ी। वो ट्रेनिंग उनके लिए आसान नहीं थी। वैसे हर किसी को मंज़िल आसानी से मिलती भी तो नहीं है। सिमी ने भी काफी मेहनत की हिंदी व उर्दू भाषा सीखने पर। इस दौरान उन्हें काफी मुश्किलें भी आई। 

एक इंटरव्यू में सिमी ने कहा था,"उस वक्त मुंबई मुझे ऐसी लग रही थी जैसे मैं किसी दूसरे प्लैनेट से यहां आई हूं। जैसे मेरा स्पेसशिप किसी और दुनिया से यहां आकर लैंड हो गया है। कभी-कभी तो मैं सोचती थी कि मां से कहूं कि चलो, वापस चलते हैं। लेकिन मैं ये उनसे कह ना सकी।"

चूंकि सिमी की अंग्रेजी भाषा पर बहुत अच्छी पकड़ थी तो साल 1962 में आई हॉलीवुड फिल्म "टार्जन गॉज़ टू इंडिया" में उन्हें काम करने का मौका मिला। उस फिल्म में सिमी गरेवाल ने प्रिंसेस कमारा का किरदार निभाया था। उनके हीरो थे फिरोज़ खान। फिरोज़ खान के साथ फिल्म में उनके कुछ लव सीन्स भी थे। 

इस बात को लेकर कन्फ्यूज़न है कि सिमी गरेवाल की पहली फिल्म कौन सी थी। कुछ लोग कहते हैं कि सिमी की पहली फिल्म महबूब खान की "सन ऑफ इंडिया" थी। जबकी कुछ कहते हैं कि सिमी ने "राज़ की बात" में पहली दफा कैमरे का सामना किया था।

वास्तव में ये तीनों फिल्में साल 1962 में आई थी। एक इंटरव्यू में सिमी गरेवाल ने कहा था कि जहां तक उन्हें याद है, उन्होंने फिरोज़ खान के साथ फिल्म "टार्जन गॉज़ टू इंडिया" में पहली दफा काम किया था। 

आगे चलकर सिमी गरेवाल ने और भी कई फिल्मों में काम किया जैसे तीन देवियां, जौहर-महमूद इन गोवा, दो बदन, आदमी, साथी, व एक रात। 

फिर साल 1970 में आई सिमी के करियर की बहुत स्पेशल फिल्म। उस फिल्म का नाम था "मेरा नाम जोकर।" उस फिल्म में सिमी को राज कपूर के साथ काम करने का मौका मिला। 

ये सिमी के लिए बहुत बड़ी बात थी। आखिरकार, राज कपूर ही तो थे जिनकी फिल्म देखकर सिमी फिल्मी दुनिया की रंगीनियों की तरफ आकर्षित हुई थी।

सिमी कहती हैं कि जब वो राज कपूर से पहली दफा मिली थी तो उन्हें ऐसा लग रहा था मानो वो किसी ऐसे इंसान से मिली हैं जिससे वो पिछले जन्म में भी मिल चुकी हैं। बकौल सिमी गरेवाल, उससे पहले राज कपूर को उन्होंने उनकी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों में देखा था। 

लेकिन जब राज कपूर ने सिमी को अपने घर बुलाया तो सिमी ने पाया कि राज कपूर तो नीली आंखों वाले एक खूबसूरत दिखने वाले आदमी हैं। 

सिमी जानती थी कि राज कपूर वो हस्ती हैं जिन्हें फिल्मों के बारे में हर वो चीज़ पता है जो फिल्मी दुनिया से जुड़े किसी इंसान को पता होनी चाहिए। 

सिमी ने राज कपूर को अपना गुरू बना लिया। सिमी कहती हैं कि राज कपूर से उन्होंने काफी कुछ सीखा भी। राज कपूर अपनी फिल्मों की शूटिंग के दौरान सिमी को अपने साथ बैठाने लगे।

सिमी बड़े ध्यान से उन्हें काम करते हुए देखती थी। उनकी बातों को गौर से सुनती थी। सिमी ने राज कपूर से फिल्म एडिटिंग भी सीखी थी। 

जब राज कपूर ने सिमी को मेरा नाम जोकर फिल्म में काम करने का ऑफर दिया तो उन्होंने खुशी-खुशी उस ऑफर को स्वीकार कर लिया। क्योंकि राज कपूर के साथ रहकर वो तब तक जान चुकी थी कि राज कपूर के काम करने का तरीका क्या है। 

अपने करियर में सिमी गरेवाल ने लगभग 65 फिल्मों में काम किया। उन्होंने अंदाज़, सीमा, अनोखी पहचान, नमक हराम, हाथ की सफाई, चलते चलते, कभी कभी, द बर्निंग ट्रेन, कर्ज़, इंसाफ का तराजू, बीवी ओ बीवी, प्रोफेसर प्यारेलाल, हथकड़ी व लव एंड गॉड जैसी फिल्मों में काम किया। 

Simi Garewal की आखिरी फिल्म थी साल 1988 में आई रुख़सत, जिसे उन्होंने खुद ही डायरेक्ट भी किया था। इसके बाद से सिमी गरेवाल किसी और फिल्म में कभी नहीं दिखी। सिमी कहती हैं कि वो मां और आंटीज़ के किरदार नहीं निभाना चाहती थी। इसलिए उन्होंने खुद को एक्टिंग से दूर कर लिया और दूसरे कामों में व्यस्त कर लिया।

सिमी ने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण भी किया। उन्होंने राज कपूर व राजीव गांधी पर डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई। सिमी लता मंगेशकर जी पर भी एक डॉक्यूमेंट्री बनाने की प्लानिंग कर रही थी। और राज कपूर ने सिमी को लता जी पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की सलाह दी थी। 

लेकिन किन्हीं वजहों से वो डॉक्यूमेंट्री बन ना सकी। वो वजहें क्या थी, वो भी किसी दिन आपको बताऊंगा।। आपको बहुत अजीब लगेंगी। सिमी ने कुछ टीवी शोज़ होस्ट भी किए हैं। उनका शो "रोंडेवू विद सिमी गरेवाल" तो बहुत ही चर्चित है। 

उस शो पर फिल्मों व बिजनेस वर्ल्ड तथा अन्य क्षेत्रों के लोग सिमी गरेवाल के साथ बात करने आते हैं और अपने जीवन के कुछ अनसुने राज़ ज़ाहिर करके जाते हैं। कुछ और टीवी शोज़ भी सिमी ने होस्ट किए थे। लेकिन "रोेंडेवू विद सिमी गरेवाल" जितनी ख्याति इनके किसी और शो को ना मिल सकी। 


सिमी गरेवाल की निजी ज़िंदगी की बात करें तो इनके जीवन में कई मर्द आए। सबसे पहले सिमी का अफेयर रहा जामनगर के महाराजा शत्रुशल्य सिंह से। वो कभी लंदन में सिमी के पड़ोसी भी हुआ करते थे। उनसे तकरीबन तीन सालों तक सिमी गरेवाल का रिश्ता रहा। लेकिन फिर दोनों अलग हो गए। 

उनके बाद सिमी के जीवन में मंसूर अली खान पटौदी की एंट्री हुई। सिमी उन्हें लेकर काफी सीरियस भी थी और अपने घरवालों से उन्हें मिलाने की प्लानिंग भी कर चुकी थी। लेकिन मंसूर अली खान के जीवन में शर्मिला टैगोर आ गई और उनसे भी सिमी गरेवाल का रिश्ता टूट गया। 

रतन टाटा संग भी उनका रिश्ता रहा था जिसका ज़िक्र हम शुरू में कर ही चुके हैं। यशराज फिल्म्स के संस्थापक यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा सिमी गरेवाल की कज़िन थी। सिमी की मां और पामेला चोपड़ा के पिता सगे भाई-बहन थे।


साल 1970 में सिमी गरेवाल ने दिल्ली की मशहूर चुन्नामल फैमिली के रवि मोहन से शादी कर ली। लेकिन साल 1979 में सिमी और रवि मोहन का तलाक हो गया। 

उसके बाद से सिमी गरेवाल ने कभी शादी नहीं की। ना ही उनकी कोई औलाद रवि मोहन से हुई थी। सिमी गरेवाल की उम्र अब 78 साल हो चुकी है। Meerut Manthan कामना करता है कि Simi Garewal हमेशा स्वस्थ रहें। 

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